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Kullu Dussehra: कुल्लू दशहरा उत्सव में यातायात प्रबंधक हैं देवता नाग धूमल, गंदगी होने पर खुद चलने लगता है देवरथ

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 26, 2023, 7:55 AM IST

Updated : Oct 26, 2023, 9:49 AM IST

International Kullu Dussehra 2023
देवता नाग धूमल

अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव इस साल 24 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक मनाया जा रहा है. जिलेभर से कुल्लू दशहरा उत्सव में सैंकड़ों देवी-देवता शामिल हुए हैं. इनमें से एक देवता नाग धूमल भी हैं. जो कि दशहरा उत्सव के दौरान भगवान रघुनाथ की रथयात्रा में भीड़ को नियंत्रित करते हैं. अगर देवता को कहीं गंदगी दिखती है तो देवता का देवरथ खुद चलने लगता है.

कुल्लू दशहरा के ट्रैफिक पुलिस हैं देवता नाग धूमल

कुल्लू: अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का 24 अक्टूबर से शुभारंभ हो गया है. यह दशहरा उत्सव 7 दिन यानी 3 अक्टूबर तक मनाया जाएगा. कुल्लू दशहरा उत्सव में जिलेभर से करीब 300 से ज्यादा देवी-देवता भाग लेते हैं. इसे देवताओं का महाकुंभ भी कहा जाता है. वहीं, कुल्लू दशहरे में शामिल होने वाले सभी देवी-देवताओं की अपनी-अपनी मान्यताएं एवं महत्व है. बताया जाता है कि ये सभी देवता कुल्लू दशहरे को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं.

दशहरा उत्सव के यातायात प्रबंधक: अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में एक देवता ऐसे है, जिन्हें यातायात प्रबंधक कहा जाता है. दशहरा उत्सव में पुलिस जवान नहीं, बल्कि देवता भीड़ को नियंत्रित करते है. ऐसा कहा जाता है कि देवता नाग धूमल दशहरा उत्सव में यातायात व्यवस्था बनाते हैं. इन्हें यातायात प्रबंधक भी कहा जाता है. अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में जहां लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सैकड़ों पुलिस जवान तैनात होते हैं. इस दौरान भगवान रघुनाथ जी की रथ यात्रा के शुरू होने पर देवता नाग धूमल अकेले ही पूरी भीड़ को नियंत्रित करते है. कुल्लू दशहरा उत्सव के शुरू होने पर भगवान रघुनाथ के रथ के सामने लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है. इस दौरान देवता नाग धूमल स्वयं भगवान रघुनाथ जी के लिए रास्ता बनाते हैं.

International Kullu Dussehra 2023
कुल्लू जिले के देवता नाग धूमल

नियम टूटने पर खुद चलते हैं देवता: देवता के गुर गुप्त राम ने बताया कि जब कोई व्यक्ति मंदिर के आसपास गंदगी फैलाता है या फिर कोई भी नियम टूट जाते हैं तो देवता नाग धूमल का देवरथ अपने आप ही अपने स्थान से चलने लगता है. इस कारण देवता के देवरथ को बांध कर भी रखा जाता था. अब जब से देवता के लिए नए आसन की व्यवस्था की गई है, तब से उन्होंने देवता के रथ को बांधना छोड़ दिया है, लेकिन अभी भी कई बार देवता का रथ अपने स्थान से स्वयं चलने लगता है.

International Kullu Dussehra 2023
गुरों और कारदारों के साथ देवता नाग धूमल

2019 में बीच रास्ते से ही वापस कुल्लू पहुंचे देवता: बताया जाता है कि साल 2019 के दशहरा उत्सव की समाप्ति पर कुछ लोगों ने देवस्थलों पर दुकानें लगा दी थी. देवता नाग धूमल जब वापस घर आ रहे थे तो वह डोहलूनाला पहुंचकर कुल्लू जाने की जिद पर अड़ गए. करीब 35 किमी का सफर तय कर देवता देर रात भगवान रघुनाथ जी के अस्थायी शिविर में वापस पहुंच गए. इसके बाद लोगों ने देवता से माफी मांगी और आश्वासन दिया कि देवताओं के स्थान को साफ सुथरा रखा जाएगा.

International Kullu Dussehra 2023
कुल्लू दशहरा उत्सव में भगवान रघुनाथ की रथयात्रा

2020 में बिन बुलाए पहुंच गए थे ढालपुर: कहा जाता है कि साल 2020 में कोरोना के चलते बहुत कम देवताओं को कुल्लू दशहरा उत्सव के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन हलाण-दो के देवता नाग धूमल सहित चार देवता प्रशासन के बुलावे के बिना ही ढालपुर मैदान पहुंच गए थे. देवता ने कुल्लू पहुंच कर देवताओं को न बुलाने पर आपत्ति भी दर्ज की थी.

International Kullu Dussehra 2023
अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव 2023

देवता को भीड़ और गंदगी नापसंद: देवता नाग धूमल के कारदार जवाहर लाल ने बताया कि कुल्लू दशहरा उत्सव के दौरान जहां पर काफी भीड़ होती है, वहां पर जाकर देवता उस भीड़ को हटाते हैं. उन्होंने बताया कि देवता के रथ में इतनी शक्ति है कि अगर देवता की इच्छा के बगैर कोई धार्मिक कार्य किया जाता है या गंदगी फैलाई जाती है तो देवता का रथ स्वयं जमीन पर चलने लगता है.

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Last Updated :Oct 26, 2023, 9:49 AM IST
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