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बिजली महादेव मंदिर के कपाट 3 माह के लिए बंद, शिवरात्रि पर एक दिन के लिए श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 16, 2023, 6:09 PM IST

Bijli Mahadev Temple: कुल्लू में भगवान बिजली महादेव मंदिर के कपाट 3 माह के लिए बंद हो गए हैं. अब शिवरात्रि पर एक दिन के लिए श्रद्धालुओं को भोलेनाथ के दर्शन होंगे. पढ़िए पूरी खबर...

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कुल्लू: पौष माह के चलते जिला कुल्लू में अब सभी देवी देवताओं के मंदिर बंद हो गए हो है. कुल्लू के खराहल घाटी के आराध्य भगवान बिजली महादेव के मंदिर के कपाट भी आगामी तीन माह के लिए बंद हो गए हैं. अब सिर्फ शिवरात्रि के दिन एक दिन के लिए भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों को दर्शन देंगे. इसके बाद चैत्र माह के संक्रांति पर भगवान बिजली महादेव के मंदिर के कपाट खोले जाएंगे और भोलेनाथ अपने भक्तों को दर्शन देंगे.

धार्मिक मान्यता के अनुसार पौष माह में देवी देवता स्वर्ग लोक यात्रा पर निकल जाते हैं. पौष माह की संक्रांति के दिन जिला कुल्लू के सभी मंदिरों में पुजारी द्वारा अपने-अपने इष्ट देवता की पूजा की गई और उसके बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए हैं. अब जिला कुल्लू के कई देवी देवता माघ मास की संक्रांति को वापस आएंगे तो कई देवी देवता फागुन मास की संक्रांति को वापस आएंगे. जिसके चलते जिला कुल्लू में धार्मिक कार्यों पर भी रोक लग गई है और 2 माह के बाद देवी देवताओं के उत्सव शुरू होंगे. इसके साथ ही लोग धार्मिक कार्य भी कर पाएंगे.

Bijli Mahadev Temple doors closed
बिजली महादेव मंदिर के कपाट 3 माह के लिए बंद

धार्मिक मान्यता के अनुसार पौष माह के संक्रांति के दिन देवी-देवता स्वर्ग लोक में चले जाते हैं. वहां पर वर्ष भर के धरती पर हुए कार्यों के बारे में भी चर्चा करते हैं. ऐसे में माघ मास की संक्रांति के दिन अधिकतर देवी देवताओं के मंदिर खुल जाते हैं और स्वर्ग में किन-किन बातों को लेकर चर्चा हुई, वह बात भी देवता अपने गुर के माध्यम से आमजन को सूचित करते हैं. वहीं, कुछ देवी देवता फाल्गुन मास की सक्रांति को वापस धरती पर लौट आते हैं और जिला कुल्लू में देवी देवताओं के सम्मान में मनाया जाने वाला फागली उत्सव भी शुरू हो जाता है.

जिला कुल्लू देवी देवता कारदार संघ के महासचिव टीसी महंत ने बताया कि जिला कुल्लू में दो माह तक मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे और देव कार्यों के अलावा अन्य धार्मिक कार्यों पर भी रोक लगी रहेगी. ऐसे में सभी लोग अब माघ माह और फाल्गुन मास की संक्रांति का इंतजार करेंगे और देवी देवता स्वर्ग में हुई चर्चा का बखान भी आमजन के बीच करेंगे.

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