ETV Bharat / state

तिब्बत के लिए धर्मशाला से दिल्ली तक पैदल मार्च करेगा तिब्बती युवक, लोसर के दिन शुरू होगा मार्च

author img

By

Published : Feb 11, 2021, 5:41 PM IST

Updated : Feb 11, 2021, 7:05 PM IST

तिब्बत की आजादी को लेकर एक तिब्बतियन युवा तेंजिंग सुंडू 12 फरवरी से धर्मशाला से लेकर दिल्ली तक का पैदल मार्च करेगा.यह मार्च तिब्बती नववर्ष लोसर के दिन यानी 12 फरवरी 2021 को शुरू होगा और तिब्बती राष्ट्रीय क्रान्ति दिवस यानी 10 मार्च 2021 को दिल्ली में समाप्त होगा. उनकी जरूरी व्यवस्थाओं और जनसंपर्क के लिए दो अन्य समर्थक साथी साथ रहेंगे.

tenzing-sundu-
तेंजिंग सुंडू

कांगड़ाः तिब्बत की आजादी को लेकर एक तिब्बतियन युवा तेंजिंग सुंडू 12 फरवरी से धर्मशाला से लेकर दिल्ली तक का पैदल मार्च करेगा. इसका मुख्य उद्देश्य तिब्बत के विषय पर भारत का ध्यान खींचना है.

तिब्बती नववर्ष लोसर के दिन शुरू होगा मार्च

तेंजिंन सुंडू ने कहा कि हमारे भारतीय भाई-बहनों को उन कारणों को जानने की जरूरत है जिनकी वजह से चीन भारत को लगातार धमकियां देता रहा है. यह मार्च तिब्बती नववर्ष लोसर के दिन यानी 12 फरवरी 2021 को शुरू होगा और तिब्बती राष्ट्रीय क्रान्ति दिवस यानी 10 मार्च 2021 को दिल्ली में समाप्त होगा. उनकी जरूरी व्यवस्थाओं और जनसंपर्क के लिए दो अन्य समर्थक साथी साथ रहेंगे.

500 किलोमीटर की दूरी एक महीने में करेंगे पूरी

उनकी योजना है कि वे 500 किलोमीटर की इस दूरी को एक महीने में पूरा करेंगे.उन्होंने कहा वह हर रात सड़क किनारे रेनबसेरों में गुजारेंगे. धर्मशाला से कांगड़ा घाटी से होते हुए ऊना के रास्ते पंजाब के मैदानों में प्रवेश करेंगे. श्री आनंदपुर साहिब में शीश नवाने के बाद मोहाली, पंचकूला और चंडीगढ़ पहुंचंगे. यहां से करनाल, अंबाला और सोनीपत होते हुए दिल्ली पहुंचेंगे.

लोगों से एक याचिका पर हस्ताक्षर करने का करेंगे आग्रह

इस एक माह की यात्रा के दौरान सड़क पर चल रहे लोगों से एक याचिका पर हस्ताक्षर करने का आग्रह करेंगे. जिसमें भारत सरकार से उसकी वर्तमान भारत-चीन नीति को निरस्त करने का आग्रह किया जाएगा. यह कार्य ऑनलाइन भी किया जाएगा. चीन ने समूचे अरुणाचल प्रदेश के अलावा लद्दाख, हिमाचल, उत्तराखंड और सिक्किम के हिस्सों पर अपना दावा ठोक रखा है और कश्मीर मामले में भारत को संयुक्त राष्ट्र तक लेकर गया है. हमें अपने आपसे सवाल करना है कि यदि चीन एक भारत की नीति का सम्मान नहीं करता तो भारत को एक चीन नीति का समर्थन क्यों करना चाहिए.

वैश्विक अभियान शुरू

उन्होंने कहा कि वे एक वैश्विक अभियान शुरू कर रहे हैं. जिसमें सभी राष्ट्राध्यक्षों से एक-चीन नीति को निरस्त करने, तिब्बत, पूर्वी तुर्किस्तान और दक्षिणी मंगोलिया को चीन द्वारा कब्जाए गए भू खंडों को अलग देश की मान्यता देने, हांगकांग में लोकतंत्र का समर्थन करने और ताइवान की स्वतंत्रता की मांग करने का आग्रह किया जाएगा. इस अभियान को समर्थन देने की इच्छा रखने वाले लोग तिब्बत के विषय पर लेख, कविताएं और चिट्ठियां लिख सकते हैं, वेबिनारों का आयोजन कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- कृषि कानूनों पर चर्चा के दौरान संसद में कांग्रेस सांसद और अनुराग ठाकुर के बीच हुई गर्मागर्म बहस

Last Updated : Feb 11, 2021, 7:05 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.