लापता मतदान कर्मी का 8वें दिन भी नहीं मिला सुराग, परिजनों ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग

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Published : Nov 19, 2022, 5:58 PM IST

SP Khushhal Sharma

आशापुरी बूथ से चुनाव ड्यूटी के दौरान लापता हुए संजीव कुमार का 8 दिन बाद भी कुछ पता नहीं चला है. एसपी खुशहाल शर्मा ने बताया कि संजीव के लापता होने की पुलिस थाना लंबागांव में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. पुलिस लगातार सर्च अभियान चलाया रही है लेकिन पुलिस को अभी तक कामयाबी नहीं मिली है.

कांगड़ा: जयसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र के आशापुरी बूथ से चुनाव ड्यूटी के दौरान लापता हुए संजीव कुमार का 8 दिन बाद भी कुछ पता नहीं चला है. पुलिस लगातार संजीव कुमार की तलाश कर रही है. पुलिस को बूथ से दो किलोमीटर दूर संजीव के कपड़े मिले हैं. ऐसे में पुलिस तमाम पहलुओं पर तफ्तीश कर रही है. जिला कांगड़ा के एसपी खुशहाल शर्मा ने बताया कि संजीव के लापता होने की पुलिस थाना लंबागांव में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. पुलिस लगातार सर्च अभियान चलाया रही है. लेकिन पुलिस को अभी तक कामयाबी नहीं मिली है.

घटना के मुताबिक आशापुरी बूथ के पीठासीन अधिकारी ने 12 नवंबर मतदान वाले दिन सुबह 4 बजे जयसिंहपुर स्थित कंट्रोल रूम को फोन कर सूचना दी कि उनकी पार्टी के एपीआरओ संजीव कुमार की तबीयत खराब हो गई है, इसलिए उनके स्थान पर एक अन्य कर्मचारी को ड्यूटी पर भेजा जाए. बूथ पर मौजूद अन्य अधिकारियों ने बताया कि संजीव बूथ से पैदल ही निकल गए थे. इसके बाद से संजीव कुमार ने न तो एसडीएम कार्यालय में सूचना दी और न ही घर पहुंचे. अगले दिन रविवार को संजीव के परिजनों ने लांबागांव थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

संजीव के परिजन पहुंचे धर्मशाला: आज शनिवार को न्याय के लिए धर्मशाला पहुंचे संजीव के परीजनों ने प्रशासन से मांग की है कि पोलिंग स्टेशन पर तैनात सभी कर्मचारयों को हिरासत में ले कर गहन पूछताछ की जाए ताकि सच्चाई का पता चल सके. अगर दो दिन के अन्दर ऐसा न किया गया तो हम सभी ग्राम बासी सड़क पर धरना दे देगे, जिसकी सारी जिम्मेबारी पुलिस व प्रशासन को होगी.

ग्राम प्रधान नीलम देवी ने उठाए सवाल: रोंखर पंचायत प्रधान नीलम देवी ने कहा कि दिनांक 10 नवंबर को चुनाव ड्यूटी पर पहुंचने के बाद 10 और 11 नवंबर को ऐसा क्या हुआ कि 11 नवंबर को उनके स्थान पर दूसरा आदमी बुलाना पड़ा. उन्होंने कहा की 11 नवंबर की रात को ऐसा क्या हुआ कि दो रजाइयां जल गई, यह किसने जलाईं ? क्या कारण था कि उस रात को स्कूल के सीसीटीवी कैमरे बंद किये गए थे? अगर वो संजीव कुमार बीमार थे तो उनको एम्बुलेंस बुला कर हॉस्पिटल क्यों नहीं ले जाया गया?

उन्होंने कहा कि संजीव के कपड़े पोलिंग स्टेशन से एक किलोमीटर दूर कैसे पहुंच गए. उनके फोन की बैटरी 40% होने के बावजूद उनका फोन उनके बैग में स्विच ऑफ क्यों था ? प्रधान नीलम देवी ने कहा कि इन सारी बातों को देखते हुए परिजनों के मन में शंका पैदा हो रही है कि रात को ही पोलिंग स्टेशन में कुछ हुआ है.

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