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नादौन विधानसभा सीट: इस बार 2 फीसदी वोटिंग ज्यादा, जीत के लिए छूना होगा जादुई आंकड़ा

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Published : Nov 15, 2022, 5:49 PM IST

Updated : Nov 15, 2022, 6:32 PM IST

हिमाचल में 14वीं विधानसभा के लिए 12 नवंबर को वोटिंग हो चुकी है. अब 8 दिसंबर को नजीते आने हैं. नादौन विधानसभा सीट की बात करें तो यहां इस बार 73.91 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. इस सीट कांग्रेस प्रत्याशी सुखविंदर सिंह सुक्खू, भाजपा से विजय अग्निहोत्री और आम आदमी पार्टी से शैंकी ठुकराल मैदान में है. (Nadaun Assembly Seat)

Nadaun Assembly Seat
polling percentage in nadaun

हमीरपुर: मुख्यमंत्री के संभावित उम्मीदवारों की चर्चाओं के बीच नादौन विधानसभा क्षेत्र पर भी प्रदेशभर की नजरें बनी हुई है. यह विधानसभा क्षेत्र हमीरपुर जिले का सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र है, जिसमें 121 मतदान केंद्र हैं और 93425 मतदाता है. हमीरपुर जिला में इस विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक संख्या में 69,055 लोगों ने मतदान किया है. यहां पर जीत हासिल करने के लिए 35 हजार के लगभग के जादुई आंकड़े को प्रत्याशी को हर हाल में छूना होगा. (Nadaun Assembly Seat).

नादौन में मत प्रतिशत: हमीरपुर के सबसे बड़े विधानसभा क्षेत्र नादौन के 121 मतदान केंद्रों पर 12 नवंबर को 73.91 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले यहां इस बार मतदान की प्रतिशतता करीब 2 प्रतिशत अधिक रही, पिछले विधानसभा चुनाव में यहां 71.92 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले थे. इस बार नादौन विधानसभा क्षेत्र के कुल 93,425 मतदाताओं में से 69,055 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इनमें 37,294 महिलाएं और 31,758 पुरुष मतदाता शामिल हैं.

नादौन विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी से हिमाचल कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू, भाजपा से विजय अग्निहोत्री आम आदमी पार्टी से शैंकी ठुकराल मैदान में है. आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी यहां पर चुनाव में बने रहेंगे ऐसे में उनके ऊपर भी नजरें बनी रहेंगी. यहां पर चौधरी समुदाय के वोट बैंक पर भी राजनीतिक जानकारों की नजरें बनी हुई हैं, यह चौधरी समुदाय से आम आदमी पार्टी ने प्रत्याशी को मैदान में उतारा है. यहां पर लगभग हर चुनाव में चौधरी समुदाय ने अहम भूमिका अदा की है, निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 10 हजार के लगभग वोट यहां पर प्रभात चौधरी ने विधानसभा चुनाव में लिए थे, जो अब भाजपा प्रत्याशी विजय अग्निहोत्री के साथ है.

Nadaun Assembly Seat
नादौन विधानसभा क्षेत्र में 2 फीसदी मतदान ज्यादा

गृहमंत्री अमित शाह ने जनसभा, कांग्रेस का कोई बड़ा नेता नहीं पहुंचा: इस विधानसभा क्षेत्र में देश के गृह मंत्री अमित शाह भाजपा प्रत्याशी विजय अग्निहोत्री के लिए प्रचार करने पहुंचे, उनके साथ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी जनसभा की लेकिन कांग्रेस का कोई भी बड़ा नेता यहां पर नहीं आया है, कांग्रेस की तरफ से प्रत्याशी सुखविंदर सिंह सुक्खू यहां पर प्रचार के साथ ही प्रदेश भर में भी प्रचार में नजर आए.

नादौन के जातीय समीकरण: नादौन विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक ब्राह्मण मतदाता है. उसके बाद राजपूत मतदाता. इन दोनों वर्गों के साथ ही चौधरी समुदाय का ओबीसी वर्ग का वोट भी यहां पर निर्णायक भूमिका में होता है. कांग्रेस ने यहां राजपूत और भाजपा ने ब्राह्मण प्रत्याशी पर दांव चला है, वही ओबीसी वर्ग से आम आदमी पार्टी ने प्रत्याशी मैदान में उतारा है. 93 हजार मतदाताओं वाले इस विधानसभा क्षेत्र में 32 हजार के करीब ब्राह्मण और तीस हजार के करीब राजपूत मतदाता है. यहां पर पच्चीस हजार के लगभग ओबीसी एससी और अल्पसंख्यक मतदाता है.

Nadaun Assembly Seat
नादौन सीट का इतिहास

नादौन के प्रमुख मुद्दे: नादौन विधानसभा क्षेत्र में बदहाल सड़कें और अस्पताल भी बड़ा मुद्दा है. इस विधानसभा क्षेत्र में ना तो अस्पताल में बेहतर सुविधा मिल रही है और ना ही अत्याधुनिक बस स्टैंड बन पाया है. विधानसभा क्षेत्र में मिनी सचिवालय का भवन भी निर्माणाधीन है. इस बार यह भी चुनावी मुद्दा है.

संभावित सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू: हिमाचल कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए क्षेत्र में कार्यकर्ताओं ने संभावित सीएम का नारा दिया है. इस नारे के जरिए ही चुनावी हवा बनाने का भी प्रयास किया जा रहा है, जबकि भाजपा इस नारे को पूरी तरह से नकार रही है. चुनावी दृष्टि से दोनों ही दलों ने एक दूसरे की घेराबंदी शुरू कर दी है.

नारायण चंद पराशर के बाद सुक्खू का दबदबा: साल 1998 तक इस सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नारायण चंद पराशर ने चुनाव लड़ा लेकिन उनके बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू का ही इस सीट पर बोलबाला देखने को मिला है. साल 1998 के बाद हुए चार चुनावों में से तीन में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जीत हासिल की है, जबकि एक दफा भाजपा प्रत्याशी विजय अग्निहोत्री ने यहां पर चुनावी रण को फतह किया है.

साल 2003 का गणित: साल 2003 में कांग्रेस के प्रत्याशी सुखविंदर सिंह सुक्खु ने 14379 मत लेकर यहां पर 4585 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. आजाद प्रत्याशी प्रभात चंद ने इस चुनाव में 9794 मत हासिल किए थे, जबकि भाजपा के प्रत्याशी बाबू राम मंडयाल 8657 मतों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे. आजाद प्रत्याशी रघुवीर सिंह ने इस चुनाव 8313 मत लेकर चौथा स्थान हासिल किया था.

साल 2007 का गणित: साल 2007 में कांग्रेसी प्रत्याशी सुखविंदर सिंह सुक्खु ने 17,727 मत लेकर जीत हासिल की थी. इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी विजय अग्निहोत्री को 17,141 मत प्राप्त हुए थे. बीएसपी के प्रत्याशी प्रभात चौधरी ने 10401 मत हासिल किए. महज 586 के मार्जन से सुक्खू ने इस चुनाव में जीत हासिल की. छह प्रत्याशी इस चुनाव में थे. कुल 45985 मत पढ़े थे. कुल 65391 मतदाता थे.

साल 2012 का गणित: साल 2012 में भाजपा प्रत्याशी विजय अग्निहोत्री ने 31305 मत लेकर 6750 मत के अंतर के साथ जीत हासिल की थी. कांग्रेस प्रत्याशी सुक्खू को 24555 मत प्राप्त हुए थे. एचएलपी पार्टी के प्रत्याशी बाबू राम मंडयाल को इस चुनाव में 1090 मत प्राप्त हुए थे.

साल 2003 का गणित: साल 2017 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 30,980 मत लेकर 2,349 के अंतर के साथ जीत हासिल की थी. यहां पर भाजपा प्रत्याशी विजय अग्निहोत्री को कुल 28,631 मत प्राप्त हुए थे. आजाद प्रत्याशी लेखराज लेखा ने इस चुनाव 1875 मत लेकर हार जीत के फासले में अहम भूमिका निभाई थे.

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Last Updated : Nov 15, 2022, 6:32 PM IST
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