हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह जिला हमीरपुर में डेढ़ लाख परिवारों के घर रोशन करने वाला हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड हमीरपुर इन दिनों बदतर हालातों से गुजर रहा है. कर्मचारियों की कमी बिजली बोर्ड का कामकाज प्रभावित कर रही है तो वहीं, बिजली की सुविधाएं भी चरमराती हुई नजर आ रही हैं. विद्युत बोर्ड में तैनात फील्ड कर्मचारियों पर काम का अतिरिक्त बोझ होने के कारण सुविधाओं के स्तर में कमी दिख रही है. हालांकि बिजली बोर्ड के कर्मचारी बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए दिन रात प्रयासरत हैं, लेकिन एक कर्मचारी के पास जब सात से आठ ट्रांसफार्मर की जिम्मेदारी होगी तो व्यवस्थाओं का बिगड़ना लाजमी है.
सीएम का गृह जिला हमीरपुर में बिजली बोर्ड 50 फीसदी से कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है. बिजली बोर्ड हमीरपुर में 920 पद कर्मचारियों के स्वीकृत हैं. वर्तमान में 495 पद भरे हुए हैं, जबकि 425 पद रिक्त चल रहे हैं. बात यदि हमीरपुर डिवीजन की करें तो यहां पर स्वीकृत पदों की संख्या 311 है जिनमें से 150 पद भरे हुए हैं, जबकि 161 पद खाली चल रहे हैं. नादौन सब डिवीजन में सेंक्शन पदों की संख्या 237 है. जिनमें से 142 भरे हुए हैं, जबकि 95 पद खाली हैं. बड़सर का आंकड़ा भी चौंकाने वाला है, क्योंकि यहां पर स्वीकृत 372 पदों पर 203 कर्मचारियों की सेवाएं मिल रही हैं, जबकि 179 पदों के भरने का इंतजार हो रहा है.
शहर में कभी भी लग जाता है बिजली कट: हमीरपुर शहर में बिजली का आना-जाना अब आम बात हो चली है. वहीं, ग्रामीणों क्षेत्रों में भी हालात सामान्य नहीं हैं यहां भी बिजली का कभी भी कट लग जाता है. एक बार कट लगने के बाद बिजली बहाल करने में काफी समय लग रहा है जिसका कारण मैनपॉवर की ही कमी है.
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सेवानिवृत्ति हो रहे कर्मचारी नहीं भरे जा रहे पद: हाल ही में कई कर्मचारी बोर्ड से सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं. रात को सिर्फ सब स्टेशन में ड्यूटी रात्रि के दौरान विद्युत कर्मचारियों की सिर्फ सब स्टेशन में ड्यूटी होती है. यहां से यदि कोई फाल्ट आ जाए तो मरम्मत कार्य भी रात के समय ही कर दिया जा है, लेकिन यदि फॉल्ट कहीं अन्य जगह पर हो तो फिर उसकी मेंटेनेंस दिन में होती है. हालांकि ग्रामीण क्षेत्र में यदि कोई बोर्ड से सेवानिवृत्त कर्मचारी या फिर सेवारत कर्मचारी है तो वे मानवता के तौर पर क्षेत्र में बिजली लाइन में आए फॉल्ट को ठीक करने का प्रयत्न करता है.
इसमें ग्रामीण भी कई बार सहयोग कर देते हैं. कर्मचारियों की कमी के कारण एक कर्मचारी के पास सात से आठ ट्रांसफार्मर का जि मा होने से व्यस्थाएं जरूर प्रभावित होती हैं. अकसर देखा गया है कि एक क्षेत्र की बिजली जब चली जाती है तो कर्मचारी को स्पॉट पर पहुंचने में ही काफी वक्त लग जाता है क्योंकि कई बार कुछेक ट्रांसफार्मर की लाइन में एक साथ भी फाल्ट आ जाता है. ऐसे में कर्मचारी के लिए फाल्ट ढूंढकर क्षेत्र की बिजली बहाल करना चुनौती बन जाता है. कर्मचारियों की कमी पूरी होने पर ही सही सुविधाएं मिल पाएंगी.
ये हैं आंकड़े: हमीरपुर में 2898 ट्रांसफार्मर, 48 सब स्टेशन हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड हमीरपुर के अधीन 2898 ट्रांसफार्मर तथा 48 सब स्टेशन हैं. वर्तमान में नफरी के तौर पर सिर्फ 495 ही कर्मचारी है. इनमें कई अधिकारी भी शामिल हैं. मैनपॉवर की कमी दो सब स्टेशन पर भारी करोड़ों की लागत से तैयार सब स्टेशन खग्गल तथा विद्युत सब स्टेशन गसोता मैनपॉवर की कमी की वजह से सही ढंग से संचालित नहीं हो पाए हैं. इन दोनों ही 33/11 केवी के सब स्टेशन की सुविधा जनता को नहीं मिल रही. मैनपॉवर की कमी इनके संचालन में बाधा बनी हुई है.
बिजली बोर्ड के अधीक्षण अभियंता हमीरपुर इंजीनियर आशीष कपूर का कहना है कि कर्मचारी बेहतर सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. कर्मचारियों की कमी के बारे में बोर्ड प्रबंधन को अवगत करवा दिया गया है. विद्युत बोर्ड उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है.
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