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अंतराष्ट्रीय मिंजर मेले में लगेगा बॉलीवुड समेत पंजाबी तड़का, लोक संस्कृति की भी दिखेगी झलक

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Published : Jul 26, 2019, 10:22 PM IST

उपायुक्त चंबा डीसी विवेक भाटिया

जुलाई से शुरू होने वाले अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेले की तैयारियों को लेकर उपायुक्त डीसी विवेक भाटिया नें एक ओर जहां दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं वहीं दूसरी ओर मेले की सांस्कृतिक संध्याओं का शेड़्यूल भी तैयार कर लिया है.

चंबा: अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेले की सांस्कृतिक संध्याओं में इस वर्ष चंबयाली, हिमाचली व पंजाबी गीतों का तड़का लगेगा. जिला प्रशासन ने इस वर्ष हिमाचल व चंबा के गायकों व नृतक दलों को सांस्कृतिक संध्याओं में व्यापक प्रस्तुति का मौका देने का फैसला लिया है.


मिंजर मेले की आठ सांस्कृतिक संध्याओं में दो हिमाचली, दो पंजाबी, एक लाफ्टर, एक मल्टीकल्चरल और एक चंबयाली कलाकारों के नाम रहेगी. इस मर्तबा मिंजर मेले में बालीवुड के गायकों के लिए एक सांस्कृतिक संध्या भी रखी गई है. यह जानकारी डीसी विवेक भाटिया ने दी है.

chamba
अंतराष्ट्रीय मिंजर मेला
डीसी विवेक भाटिया नें बताया कि 28 जुलाई को मिंजर मेला की पहली सांस्कृतिक संध्या का आगाज, नमन शहीद कार्यक्रम के साथ होगा. इसके बाद पदमश्री से अंलकृत सुनील जोगी अपनी प्रस्तुति देंगे. स्वयंसेवी संस्था के विशेष बच्चों का व्हील चेयर डांस प्राइम टाइम का मुख्य आकर्षण रहेगा. मिंजर मेला की दूसरी सांस्कृतिक संध्या में चंबयाली गायकों और नृतक दलों को मौका मिलेगा. मेले की तीसरी सांस्कृतिक संध्या मल्टीकल्चरल रहेगी, जिसमें विभिन्न जिलों व राज्यों के गायक व नृतक दल अपनी प्रस्तुतियां देंगे. मेले की चौथी व छठी सांस्कृतिक संध्या हिमाचली गायकों के नाम रहेगी.
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उपायुक्त चंबा डीसी विवेक भाटिया
डीसी विवेक भाटिया ने बताया कि हिमाचली गायकों में हंसराज रघुवंशी, सुनील राणा, नीतीश राजपूत, राजीव थापा व रूमेल सिंह सरीखे गायक अपनी मधुर आवाज से लोगों का मनोरंजन करेंगे. मेले की पांचवीं व सातवीं सांस्कृतिक संध्या पंजाबी गायकों के नाम रहेगी. मिंजर मेले की आठवीं व अंतिम सांस्कृतिक संध्या बालीवुड गायकों के नाम रहेगी. सांस्कृतिक संध्या के दौरान उत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र पटियाला के नृतक दल भी मुख्य आकर्षण रहेंगें. डीसी विवेक भाटिया ने बताया कि आडिशन प्रक्रिया के दौरान 88 स्थानीय गायकों व नृतक दलों का चयन सांस्कृतिक संध्या में प्रस्तुति हेतु किया गया है. उन्होंने बताया कि ऑडिशन में टाप आठ में शामिल गायकों को सांस्कृतिक संध्या के प्राइम टाइम में प्रस्तुति का मौका मिलेगा.
Intro:अजय शर्मा, चंबा
अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेला की सांस्कृतिक संध्याओं में इस वर्ष चंबयाली, हिमाचली व पंजाबी गीतों का तडका लगेगा। जिला प्रशासन ने इस वर्ष हिमाचल व चंबा के गायकों व नृतक दलों को सांस्कृतिक संध्याओं में व्यापक प्रस्तुति का मौका देने का फैसला लिया है। मिंजर मेला की आठ सांस्कृतिक संध्याओं में दो हिमाचली, दो पंजाबी और एक लाफटर, एक मल्टीकल्चरल और एक चंबयाली कलाकारों के नाम रहेगी। इस मर्तबा मिंजर मेला में वालीबुड के गायक के लिए एक सांस्कृतिक संध्या रखी गई है। यह जानकारी डीसी विवेक भाटिया ने दी।
Body:उन्होंने बताया कि 28 जुलाई को मिंजर मेला की पहली सांस्कृतिक संध्या का आगाज नमन शहीद कार्यक्रम के साथ होगा। इसके बाद पदमश्री से अंलकृत सुनील
जोगी अपनी प्रस्तुति देंगें। स्वयंसेवी संस्था के विशेष बच्चों का व्हील चेयर डांस प्राइम टाइम का मुख्य आकर्षण रहेगा। मिंजर मेला की दूसरी सांस्कृतिक संध्या में चंबयाली गायकों व नृतक दलों को मौका मिलेगा। मेले
की तीसरी सांस्कृतिक संध्या मल्टीकल्चरल रहेगी। इसमें विभिन्न जिलों व राज्यों के गायक व नृतक दल अपनी प्रस्तुतियां देंगें। मेले की चैथी व छठी सांस्कृतिक संध्या हिमाचली गायकों के नाम रहेंगें। उन्होंने बताया कि
हिमाचली गायकों को हंसराज रघुवंशी, सुनील राणा, नितिश राजपूत, राजीव थापा व रूमेल सिंह सरीखे गायक अपनी स्वर लहरियों से लोगों का मनोरंजन करेंगें।
मेले की पांचवीं व सातवीं सांस्कृतिक संध्या पंजाबी गायकों के नाम रहेगी। मिंजर मेला की आठवीं व अंतिम सांस्कृतिक संध्या वालीबुड गायक के नाम रहेगी। सांस्कृतिक संध्या के दौरान उत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र
पटियाला के नृतक दल भी मुख्य आकर्षण रहेंगें।
Conclusion:डीसी विवेक भाटिया ने बताया कि आडिशन प्रक्रिया के दौरान 88 स्थानीय गायकों व नृतक दलों का चयन सांस्कृतिक संध्या में प्रस्तुति हेतु किया गया है। उन्होंने बताया कि आडिशन में टाप आठ में शामिल गायकों को
सांस्कृतिक संध्या के प्राइम टाइम में प्रस्तुति का मौका मिलेगा।
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