चंबा: हिमाचल प्रदेश सरकार ने आपदा प्रभावितों को पूर्ण क्षतिग्रस्त मकान पर मिलने वाले राशि को बढ़ाकर 7 लाख कर दिया है. चंबा पहुंचे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हाल ही में हिमाचल में आई प्राकृतिक त्रासदी के बाद प्रदेश के 16 हजार आपदा प्रभावित परिवारों को सरकार ने राहत प्रदान की है. आर्थिक तंगी के बावजूद बजट के संसाधनों में कटौती कर इन प्रभावितों को राहत पहुंचाने का कार्य शुरू किया गया है.
दरअसल, रविवार के मुख्यमंत्री चंबा पहुंचे, जहां सदर के विधायक नीरज नैय्यर की माता चंचल नैय्यर के निधन पर शोक व्यक्त किया और रस्म पगड़ी में शामिल हुए. इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि नैय्यर परिवार का हिमाचल की राजनीति में काफी अहम योगदान रहा है. सदर विधायक नीरज नैय्यर के पिता स्व. सागर चंद नैय्यर जहां सरकार में कई बार मंत्री रहे. वहीं, उनकी माता चंचल नैय्यर ने भी कांग्रेस पार्टी की मजबूती के लिए अपना काफी योगदान दिया था.
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि सरकार के राहत मैनुअल के मुताबिक पहले पूर्ण क्षतिग्रस्त मकान पर 1 लाख 30 हजार रुपये मिलते थे, जिसे प्रदेश सरकार ने बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया है. इसके अतिरिक्त इन परिवारों को सीमेंट की बोरी 280-290 रुपये के हिसाब से मिलेगी. साथ में पानी का कनेक्शन भी मुफ्त मिलेगा. उन्होंने कहा कि जिन प्रभावितों के पास मकान बनाने योग्य भूमि नहीं है, उन्हें पटवारी की रिपोर्ट के आधार पर भूमि मुहैया करवाई जाएगी. शहरी क्षेत्रों में 2 बिस्वा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 3 बिसवा भूमि मुहैया करवाने के लिए नियमों में संशोधन किया गया है.
'चंबा में हेलीपोर्ट का किया जाएगा निर्माण': मुख्यमंत्री ने कहा कि चंबा से शिमला की दूरी कम करने के लिए यहां हेलीपोर्ट का निर्माण किया जाएगा. प्रदेश के पालमपुर और चंबा में हेलीपोर्ट की डीपीआर तैयार की जाएगी और दो सालों के भीतर यहां हैलीपोर्ट स्थापित होगा. उन्होंने कहा कि चंबा मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों की सुविधा मुहैयै करवाने के साथ-साथ यहां भवन निर्माण के प्रति भी सरकार गंभीर है. इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए गए हैं.
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि पूर्व सरकार के पांच साल के कार्यकाल में चंबा मेडिकल कॉलेज के लिए सिर्फ 44 करोड़ रुपये की धनराशि मिल पाई, जबकि वर्तमान सरकार ने अपने 8 माह के कार्यकाल में चंबा मैडिकल कॉलेज के लिए 150 करोड़ रुपये मुहैया करवाए हैं. इसके अतिरिक्त यहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्तियां भी की गई हैं. मुख्यमंत्री ने कोविड काल में चिकित्सा विभाग में रखे गए कर्मचारियों के भविष्य को लेकर जल्द कोई फैसला लेने की बात भी कही.