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छत्तीसगढ़ और राजस्थान का OPS फॉर्मूला हिमाचल में नहीं होगा स्वीकार, कर्मचारी महासंघ ने जताई आपत्ति

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Published : Dec 20, 2022, 5:41 PM IST

Updated : Dec 20, 2022, 6:32 PM IST

छत्तीसगढ़ और राजस्थान की तर्ज पर मिलने वाला ओपीएस का माॅडल हिमाचल के सरकारी कर्मचारियों को पसंद नहीं आ रहा (OPS in Himachal Pradesh) है. हिमाचल कर्मचारी महासंघ कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष इंद्र सिंह ठाकुर (Himachal State Employees Association) ने कहा कि छत्तीसगढ़ और राजस्थान में दिए जाने वाली ओपीएस माॅडल हिमाचल में स्वीकार नहीं किया जाएगा. इस माॅडल से कर्मचारियों को कोई भी फायदा नहीं होगा.

राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष इंद्र सिंह ठाकुर
राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष इंद्र सिंह ठाकुर

राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष इंद्र सिंह ठाकुर.

बिलासपुर: हिमाचल की कांग्रेस सरकार की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ सकती है. क्योंकि हिमाचल में सरकारी कर्मचारी कांग्रेस सरकार से नाराज होने का मन बना रहे हैं. इसका मुख्य कारण यह है कि छत्तीसगढ़ और राजस्थान की तर्ज पर मिलने वाला ओपीएस का माॅडल हिमाचल के सरकारी कर्मचारियों को पसंद नहीं आ रहा (OPS in Himachal Pradesh) है. बिलासपुर मुख्यालय पर मीडिया से बातचीत करते हुए हिमाचल कर्मचारी महासंघ कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष इंद्र सिंह ठाकुर (Himachal State Employees Association) ने कहा कि छत्तीसगढ़ और राजस्थान में दिए जाने वाली ओपीएस माॅडल हिमाचल में स्वीकार नहीं किया जाएगा. इस माॅडल से कर्मचारियों को कोई भी फायदा नहीं होगा.

बता दें कि कांग्रेस सरकार का फोकस एक कॉर्पस फंड बनाने पर है. राज्य सरकार को भली-भांति अहसास है कि एनपीएस कॉन्ट्रिब्यूशन का पैसा जो पीएफआरडीए यानि पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डवलपमेंट अथॉरिटी के पास जमा है, उसके मिलने में कई तकनीकि अड़चने हैं. ऐसे में राज्य सरकार ने वित विभाग को कहा है कि अपने स्तर पर कोई काॅर्पस फंड की व्यवस्था की संभावनाओं को तलाशा जाए. अभी राज्य सरकार अपने कार्यकाल यानि 2023 से 2027 तक के समय में रिटायर होने वाले कर्मचारियों को ओपीएस में शामिल करने की संभावना पर काम कर रही है.

अगर हिमाचल के पड़ोसी राज्य पंजाब की बात करें तो प्रदेश सरकार आगामी फैसले का भी इंतजार कर रही है. पंजाब ने घोषणा तो कर दी है, लेकिन नोटिफिकेशन अभी जारी नहीं हुई (OPS in Punjab) है. वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह ने अफसरों को कहा है कि पंजाब के पैटर्न का भी अध्ययन किया जाए, साथ ही अपने यहां की वित्तीय स्थिति और ओपीएस से पडने वाले बोझ का आकलन भी किया जाए. जहां तक पंजाब सरकार की बात है तो उनके कर्मचारियों का 16,746 करोड़ रुपए के करीब फंड एनपीएस कंट्रीब्यूशन के तौर पर केंद्र सरकार के पास जमा है.

ये पैसा नियम के अनुसार राज्य सरकार को नहीं मिल सकता, वहीं, हिमाचल के कर्मचारियों का कंट्रीब्यूशन 6,500 करोड़ रुपए के करीब है, जो केंद्र के पास जमा है. पंजाब के पौने दो लाख कर्मचारी एनपीएस के तहत हैं, उन्हें ओपीएस में लाने का वादा किया गया था. हिमाचल के करीब 1,12 लाख कर्मचारी एनपीएस में हैं. हालांकि केंद्र सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि एनपीएस कर्मचारियों को कंटीब्यूशन राज्य सरकारों को वापिस नहीं किया जा सकता, लेकनि सरकार ने कहा है कि वो हर हाल में अपने स्तर पर आवश्यक फंड का इंतजाम करेगी.( OPS Model in Himachal).

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Last Updated :Dec 20, 2022, 6:32 PM IST
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