ETV Bharat / city

CM जयराम से मिला सोलन व्यापार मंडल, ट्रेडिंग पर मार्केट फीस न लगाने की लगाई गुहार

author img

By

Published : Apr 13, 2022, 4:56 PM IST

Solan Vyapar Mandal meets CM Jairam
सोलन व्यापार मंडल ने सीम से की मुलाकात

सोलन व्यापार मंडल ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात (Solan Vyapar Mandal meets CM Jairam ) कर उन्हें एक ज्ञापन दिया है. व्यापार मंडल सोलन के सदस्य कुलभूषण गुप्ता ने कहा कि पूरे भारत वर्ष में कहीं भी ऐसा प्रावधान नहीं है कि मार्केट यार्ड के बाहर ट्रेडिंग पर फीस लगाई जाए तो यह अकेले हिमाचल में ही क्यों हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को इससे किसी भी तरह का फर्क नहीं पड़ने वाला है, लेकिन इससे महंगाई (Inflation in Himachal) बढ़ेगी.

सोलन: मार्केट यार्ड के बाहर ट्रेडिंग पर मार्केट फीस न लगाने को लेकर आज सोलन व्यापार मंडल द्वारा एक ज्ञापन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Solan Vyapar Mandal meets CM Jairam ) को दिया गया है. जिसमें व्यापारियों ने मांग की है कि मार्केट फीस को किसी भी यार्ड या मंडी में लगाया जाता है. किसी भी तरह की सब्जी मंडी, दाना मंडी, अनाज मंडी, गुड़ मंडी या कोई भी मंडी के अंदर होने वाली खरीद-फरोख्त पर लगाए जाने वाली फीस, जो कि वहां पर आने वाले किसानों और व्यापारियों को दी जाने वाली सहूलियतों पर खर्च की जाती है, इसलिए ये फीस लगाई जाती है. लेकिन यह हिमाचल में यह प्रत्येक बाजार व दुकानदारों पर लगाई जा रही है.

व्यापार मंडल सोलन के सदस्य कुलभूषण गुप्ता ने कहा कि पूरे भारत वर्ष में कहीं भी ऐसा प्रावधान नहीं है कि मार्केट यार्ड के बाहर ट्रेडिंग पर फीस (Market fees on trading) लगाई जाए तो यह अकेले हिमाचल में ही क्यों हैं. उन्होंने कहा कि यह फीस किसी भी मंडी, यार्ड के अंदर लगाई जाती है, पर यहां पर तो पूरे हिमाचल को ही मंडी यार्ड, सब यार्ड घोषित कर रखा है. यह सब हिमाचल की आम जनता और व्यापारियों के साथ अन्याय है.

उन्होंने कहा कि सरकार को इससे किसी भी तरह का फर्क नहीं पड़ने वाला है, लेकिन इससे महंगाई (Inflation in Himachal) बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि इसको लागू करने से यह तय है कि खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी होती है, जिससे 1 प्रतिशत से लेकर 5 प्रतिशत तक खाने की वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी होती है. उन्होंने मांग की है कि अगर इस मार्केट फीस को हटा भी दिया जाता है तो राजस्व को ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि अगर व्यापारी पलायन कर जाता है, तो प्रदेश सरकार को जीएसटी में जरूर कमी आएगी. वैसे भी मार्केट फीस लगाने से प्रदेश सरकार को 2019 की, विभाग की बैंलेंस शीट के मुताबिक 47 करोड़ रुपये की सालाना आय हुई है और 37 करोड़ रुपये इस पर कुल खर्च हुआ. सिर्फ 10 करोड़ के पीछे व्यापारियों के जी का जंजाल बनी हुई है. उन्होंने कहा कि इससे व्यापारियों के लिए परेशानी बढ़ जाती है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हिसाब-किताब रखने में बहुत परेशानी पेश आती है, क्योंकि इसके लिए अलग से हिसाब-किताब रखना पड़ता है. जिसके रख-रखाव में व्यापारियों पर अतिरिक्त बोझ भी पड़ता है.इससे हिमाचल में इंसपैक्ट्री राज को भी बढ़ावा मिल रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.