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SOLAN: 7 साल की मासूम बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में दोषी को मौत की सजा

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Published : Feb 17, 2022, 6:08 PM IST

Updated : Feb 17, 2022, 7:22 PM IST

7 साल की मासूम बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में कोर्ट ने दोषी को मौत की सजा (solan court death sentence to convict) सुनाई है. 5 साल बाद कोर्ट ने इस मामले में दोषी को सजा सुनाई है. अदालत में दोषी को आईपीसी की धारा-302, 376 व पोक्सो एक्ट की धारा-10 के तहत सजा सुनाई है. अदालत ने ये भी टिप्पणी की कि अपराध की ये घटना असाधारण है.

solan court death sentence to convict of rape and murder case
च्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में दोषी को मौत की सजा

सोलन: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बद्दी (largest industrial area of Himachal Baddi ) में एक 7 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ 5 साल पहले यूपी के रहने वाले दोषी आकाश नामक युवक द्वारा पहले मासूम बच्ची का अपहरण किया गया था, फिर उसके साथ दुराचार की वारदात को अंजाम देने के बाद बच्ची का गला घोट कर बड़ी बेरहमी से हत्या (molesting 7 year old girl in solan) कर दी गई थी.

वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया था. आरोपी ने दरिंदगी की सारी हदें पार करने के बाद बच्ची के प्राइवेट पार्ट में लकड़ी का टुकड़ा भी डाल दिया था. महिला पुलिस द्वारा मामले की छानबीन के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया था और उसके बाद आगामी जांच चल रही थी. अब जिला सोलन की अदालत द्वारा आरोपी को हुई सुनवाई के दौरान मौत की सजा (solan court death sentence to convict) सुनवाई गई है.

इस जघन्य अपराध को सोलन में अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायधीश की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने रेयर ऑफ रेयरेस्ट नेचर करार दिया है. वारदात में दोषी पाए गए उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के रहने वाले आकाश को सजा-ए-मौत के आदेश जारी हुए हैं. अदालत में दोषी को आईपीसी की धारा-302, 376 व पोक्सो एक्ट की धारा-10 के तहत सजा सुनाई है. अदालत ने ये भी टिप्पणी की कि अपराध की ये घटना असाधारण है. इसमें आजीवन कारावास की सजा अपर्याप्त होगी.

जिला न्यायवादी एमके शर्मा के मुताबिक स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पीयूष कपिला द्वारा शव का पोस्टमार्टम किया गया था. इसमें ओपिनियन आया था कि बच्ची की हत्या गला घोंटकर (Minor girl murder case in Baddi) की गई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के दौरान भी दरिंदगी से दुराचार के बाद हत्या की तस्दीक हो गई थी.

इस अपराध की जांच को सब इंस्पेक्टर बहादुर सिंह द्वारा किया गया था, जो इस समय सीआईडी शिमला में तैनात हैं. अदालत ने दोषी पाए गए आकाश को आईपीसी की धारा 302 के तहत 25000 का जुर्माना अदा करने के भी आदेश दिए हैं. जुर्माना अदा न करने की सूरत में 6 माह का साधारण कारावास भुगतना होगा.

अदालत ने पोक्सो एक्ट की धारा-6 व आईपीसी की धारा-376 के तहत दोषी को आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई है. साथ ही 25 हजार रुपए जुर्माना किया गया है. जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को 6 माह साधारण कारावास भुगतना होगा.

अदालत ने पीड़ित बच्ची के माता-पिता को 12 लाख 50 हजार रुपए का कंपनसेशन अदा करने के भी आदेश जारी किए हैं. बता दें कि अदालत द्वारा जारी फांसी की सजा के आदेश की कन्फर्मेशन उच्च न्यायालय द्वारा की जाएगी. मामले की पैरवी विशेष सरकारी अभियोजक सुनील दत्त वासुदेवा द्वारा की गई.

बता दें कि कि प्रवासी दंपति की बेटी 20 फरवरी 2017 को लापता हुई थी. परिजनों को ही दोषी के बच्ची के साथ होने की सूचना मिली थी. दोषी पाए गए आकाश की निशानदेही पर ही बच्ची का शव जंगल से बरामद किया गया था.

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Last Updated : Feb 17, 2022, 7:22 PM IST
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