ETV Bharat / city

सीएम जयराम के ड्रीम प्रोजेक्ट ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट में महज एक कमेटी तक पहुंचा सफर, विपक्ष भी उठा रहा सवाल

author img

By

Published : Oct 6, 2022, 9:06 PM IST

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट (CM Jairam dream project greenfield airport) मंडी ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट का सफर महज एक कमेटी तक ही पहुंचा है. इस प्रोजेक्ट को लेकर सरकारी तंत्र की चुस्ती नजर नहीं आ रही है. इसी कारण विपक्ष भी जयराम सरकार पर लगातार हमलावर (Congress on greenfield airport Project) है. पढ़ें पूरी खबर...

ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट मंडी
ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट मंडी

शिमला: इस समय राज्य सरकार और भाजपा एम्स बिलासपुर के लोकार्पण की खुशी मना रही है. जयराम सरकार इसे बड़ी उपलब्धि बता रही है, लेकिन इसके साथ ही मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट की चर्चा भी जरूरी है. करीब तीन साल पहले सीएम जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट (CM Jairam dream project greenfield airport) के तौर पर मंडी में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के निर्माण की बात हुई थी. दिसंबर 2019 को कैबिनेट मीटिंग में जयराम सरकार ने मंडी में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए एमओयू साइन करने को मंजूरी दी. फिर 15 जनवरी 2020 को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और राज्य सरकार के बीच एमओयू हुआ.

इसी बीच, 15वें वित्तायोग से हिमाचल सरकार को मंडी में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट (Greenfield airport mandi) के निर्माण के लिए एक हजार करोड़ रुपए मंजूर हुए. दिसंबर 2021 वित्तायोग ने कंस्ट्रक्शन ऑफ ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट मंडी एट नागचला के तौर पर एक हजार करोड़ रुपए मंजूर किए थे. लेकिन उसके बाद से जयराम सरकार इस दिशा में केवल एमओयू और अब सोशल इंपैक्ट एसेस्मेंट कमेटी की नोटिफिकेशन तक ही सीमित है. ये सही है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाना कोई आसान काम नहीं है, लेकिन सरकारी तंत्र की चुस्ती नजर नहीं आ रही है. इसी कारण विपक्ष भी जयराम सरकार पर हमलावर (Congress on greenfield airport Project) है.

फिलहाल, एमओयू साइन होने के बाद हाल ही में जयराम सरकार ने मंडी एयरपोर्ट की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया है. भूमि अधिग्रहण इस प्रोजेक्ट में सबसे बड़ा रोड़ा है. कारण ये है कि बल्ह इलाके के लोग इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं. जनता के विरोध के बीच राज्य सरकार ने उक्त प्रोजेक्ट के सोशल इंपैक्ट का आकलन करने से जुड़ी अधिसूचना जारी की है. अधिसूचना के अनुसार अगले छह माह के अंदर भूमि अधिग्रहण से प्रभावित होने वाली जनता और इलाके में पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन होगा. उसके बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जानी है.


प्रोजेक्ट के सामाजिक प्रभाव का आकलन करने वाली अधिसूचना में बताया गया है कि मंडी ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए करीब 2900 बीघा जमीन ली जानी है. मंडी ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा न केवल हिमाचल में पर्यटन बल्कि यहां के राजस्व के लिए भी मुख्य स्रोत साबित होगा. बड़ी बात यह है कि मंडी अड्डा लेह के समीप होने के कारण भारतीय वायु सेना की रक्षा जरूरतों को भी पूरा करेगा. राज्य सरकार की अधिसूचना के अनुसार आगामी छह महीने में सामाजिक प्रभाव का आकलन पूरा करना होगा. प्रोजेक्ट को लेकर जनता की शिकायतों को सुना जाएगा. प्रभाव आकलन में इलाके की स्थानीय पंचायतों व ग्राम सभाओं के प्रतिनिधियों को भी विश्वास में लेकर उनका पक्ष सुना जाएगा.

प्रोजेक्ट के कारण इलाके में कृषि-बागवानी पर पड़ने वाले प्रभावों का बारीकी से अध्ययन किया जाएगा. स्थानीय जनता की रोजी-रोटी किस तरह प्रभावित होगी, लोगों का जीवन और रहन-सहन किस तरह बदलेगा, इसके बारे में भी अध्ययन किया जाएगा. हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान फेयरलान मशोबरा यानी हिप्पा के निदेशक कमेटी के मुखिया होंगे. पर्यटन सचिव देवेश कुमार की तरफ से जारी अधिसूचना में हिप्पा निदेशक के अलावा राजस्व विभाग के संयुक्त सचिव, प्रभारी राज्य ग्रामीण विकास संस्थान हिप्पा, हिमाचल यूनिवर्सिटी के समाज शास्त्र विभाग के अध्यक्ष, पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग शिमला के चीफ साइंटिफिक ऑफिसर इसमें सदस्य के तौर पर शामिल किए गए हैं.

यहां जानिए ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की कुछ मुख्य बातें
-दिसंबर 2017 के आखिर में सत्ता संभालने के कुछ ही समय बाद सीएम जयराम ठाकुर 28 अप्रैल 2018 को तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु से मिले और मंडी में एयरपोर्ट निर्माण की मांग रखी.
-केंद्रीय मंत्रालय ने 7 मई 2018 को एक टीम मंडी भेजने का ऐलान किया.
-एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंडिया के विशेषज्ञों की 4 सदस्यीय टीम ने 10 मई 2018 को चंडीगढ़ में सीएम जयराम को हवाई अड्डे की स्थापना को लेकर मंडी जिला में सरकार द्वारा चिन्हित पांच स्थानों के सर्वे से जुड़ी रिपोर्ट दी.
-केंद्रीय टीम ने मंडी जिला के बल्ह उपमंडल के नेर ढांगु, पद्धर उपमंडल में गोगराधार व बासाधार, गोहर उपमंडल में मोवीसेरी व सदर मंडी में नंदगढ़ का सर्वे किया था.
- सीएम जयराम ठाकुर 4 अक्टूबर 2018 को पीएम नरेंद्र मोदी से मिले और बताया कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने मंडी जिला के नागचला में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के निर्माण को लेकर सर्वे किया है। इसमें 3479 बीघा जमीन को एयरपोर्ट निर्माण के लिए तथा बड़े हवाई जहाजों के उतरने को उपयुक्त पाया है.
- मार्च 2021 में हवाई अड्डे का विरोध करने वाले ग्रामीणों ने रैली निकाली और कहा कि इस प्रोजेक्ट के कारण उनकी उपजाऊ जमीन बर्बाद हो जाएगी.
-बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति का कहना है कि जाहू में हवाई अड्डे के लिए उपयुक्त जगह है.
-तीन साल पहले जब एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ एमओयू हुआ था तो उस समय दो साल में जमीन अधिग्रहण का लक्ष्य रखा गया था। ये लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है.
- पहले चरण में 2400 मीटर रनवे बनाया जाना प्रस्तावित है। इस पर ढाई हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है.
-मंडी एयरपोर्ट के लिए लिडार सर्वे भी पिछले साल यानी 2021 में पूरा हो चुका है.

ये भी पढ़ें: जिनके टिकट फाइनल, उन्हें कर दिया गया है फोन, अब औपचारिक ऐलान बाकी: सुक्खू

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.