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HIGH COURT ने सरकार से पूछा कैथलीघाट-ढली और तारा देवी-घंडल सड़कों में देरी का कारण

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Published : Nov 23, 2021, 7:59 PM IST

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय(Himachal Pradesh High Court) ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(National Highway Authority) को हलफनामें(affidavits) के माध्यम से यह अवगत करवाने के आदेश दिए कि कितने समय मे कैथलीघाट(Kaithlighat) से ढली और तारा देवी से घंडल तक की सड़कें बनकर तैयार हो जाएगी.

Himachal Pradesh High Court
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय

शिमला: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय(Himachal Pradesh High Court) ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(National Highway Authority) को हलफनामें(affidavits) के माध्यम से यह अवगत करवाने के आदेश दिए कि कितने समय मे कैथलीघाट(Kaithlighat) से ढली और तारा देवी से घंडल तक की सड़कें बनकर तैयार हो जाएगी. कोर्ट ने सरकार से इन दो महत्वपूर्ण सड़कों का निर्माण कार्य पूरा करने में हुई देरी का कारण भी बताने को कहा.

मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक(Chief Justice Mohammad Rafiq) व न्यायाधीश सबीना(judge sabina) की खंडपीठ ने पिछले हफ्ते शिमला की सड़कों पर बार-बार ट्रैफिक जाम से निजात पाने से जुड़े मामले में यह आदेश पारित किए. अदालत ने लोक निर्माण विभाग(Public Works Department) को निर्देश दिया वह सर्वेक्षण कर न्यायालय को अवगत कराएं कि टुटू में ट्रैफिक जाम(traffic jam in tutu) से निजात पाने के लिए शिमला से ढांडा तक एक किलोमीटर का बाईपास रोड बनाने के लिये उनकी क्या योजना है.

न्यायालय ने नगर निगम शिमला(Municipal Corporation Shimla) को भी टुटू व ढांडा में पार्किंग सुविधा(parking facility) के निर्माण को लेकर सर्वे करने का निर्देश दिया ,ताकि सड़क के दोनों ओर वाहनों की पार्किंग से बचा जा सके. वह अदालत को सूचित करें कि क्या कहीं उक्त क्षेत्रों के पास पार्किंग की सुविधा प्रदान की जा सकती, ताकि लोगों को सड़क के दोनों तरफ वाहन पार्क करने से हतोत्साहित किया जा सके.

कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक शिमला(Superintendent of Police Shimla) को निर्देश दिया है कि वह उक्त क्षेत्र में केवल एक तरफ वाहनों की पार्किंग की संभावना तलाशे ,ताकि टुटू से घनाहट्टी सड़क मार्ग यातायात की आवाजाही मुक्त हो और क्षेत्र में बार-बार ट्रैफिक जाम से बचा जा सके. सुनवाई के दौरान सीसिल होटल(Cecil Hotel) और आरटीओ कार्यालय(RTO Office) के पास टैक्सियों की पार्किंग के बारे में कोर्ट के संज्ञान में लाया गया.

इस पर कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि टैक्सियों के लिए किसी अन्य पार्किंग स्थान की पहचान करें ,ताकि ट्रैफिक जाम से बचा जा सके. अदालत ने एमसी शिमला को सड़क के नजदीक किए गए अतिक्रमणों की पहचान चार सप्ताह में करने को कहा और निर्देश दिए कि वह कोर्ट को बताए कि कितने सम अवधि में ऐसे अतिक्रमणकारियों हटाया जाएगा ,ताकि यातायात के मुक्त प्रवाह को सुनिश्चित किया जा सके.

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