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सावधान! एक गलती और फंस गए 10 लाख रुपये, साइबर थाना शिमला ने ऐसे की पीड़ित की मदद

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Published : Dec 18, 2021, 8:09 PM IST

आए दिन लोगों को ठगी के शिकार बनाए जा रहा है. ऐसा ही ठगी का एक मामला साइबर थाना शिमला में सामने आया है. राज्य साइबर थाना शिमला (cyber police station shimla) में प्रवीण कुमार नामक व्यक्ति ने शिकयत दर्ज करवाई कि विदेश से एक महिला द्वारा इसे संपर्क किया गया और कहा कि यदि वह ऑनलाइन ट्रेडिंग करना चाहें तो उन्हें काफी फायदा होगा, जिस बारे में उपरोक्त महिला ने उन्हें ऑनलाइन ट्रेडिंग का तरीका बताया. बाद में इन्हें मालूम हुआ कि साइबर अपराधी द्वारा ठगी के उद्देश्य से कंपनी का सॉफ्टवेयर डेसिंग करके ठगी को अंजाम दिया गया है. आगे पढ़ें...

Fraud of Rs 10 lakh rupees from a person in Shimla
फोटो.

शिमला: साइबर अपराध को अंजाम देने का तरीका निरंतर बदलता जा रहा है. आए दिन लोगों को ठगी के शिकार बनाए जा रहा है. ऐसा ही ठगी का एक मामला साइबर थाना शिमला (cyber police station shimla) में सामने आया है. राज्य साइबर थाना शिमला में प्रवीण कुमार नामक व्यक्ति ने शिकयत दर्ज करवाई कि विदेश से एक महिला द्वारा इसे संपर्क किया गया और कहा कि यदि वह ऑनलाइन ट्रेडिंग करना चाहें तो उन्हें काफी फायदा होगा, जिस बारे में उपरोक्त महिला ने उन्हें ऑनलाइन ट्रेडिंग का तरीका बताया. जो महिला द्वारा बताए गए तरीके के अनुसार शिकायतकर्ता द्वारा करीब 10 लाख रुपये का निवेश पीड़ित द्वारा किया गया.

बाद में इन्हें मालूम हुआ कि साइबर अपराधी द्वारा ठगी के उद्देश्य से कंपनी (Cyber Crime in Himachal Pradesh) का सॉफ्टवेयर डेसिंग करके ठगी को अंजाम दिया गया है. जिस सन्दर्भ में साइबर थाना शिमला द्वारा जांच प्रारंभ की और पीड़ित द्वारा किए गए निवेश का विश्लेषण किया जो पाया कि राशि मेंविंग गोल्ड में निवेश की गई है. साइबर थाना शिमला द्वारा उपरोक्त मेंविंग गोल्ड के अकाउंट में 10 लाख रुपये होल्ड किया गया, जो कि पीड़ित के खाते में वापस दिलवाया गया. पुलिस ने एडवाजरी जारी कर लोगों से अपील की है की ऐेसे मामलों से सावधान रहें. ध्यान रहे कि वित्तीय बाजारों में आकर्षक अवसरों ने ऑनलाइन ट्रेडिंग की लोकप्रियता में वृद्धि में योगदान दिया है. एक छोटे से निवेश के साथ उच्च रिटर्न कौन नहीं कमाना चाहेगा.

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इसके अलावा प्रौद्योगिकी और इंटरनेट के कारण इन बाजारों की सुगमता और पहुंच ने भी काफी ध्यान आकर्षित किया है. हालांकि ये निश्चित रूप से लाभ हैं और कई लोगों ने पर्याप्त लाभ कमाने के लिए इसका लाभ उठाया है, लेकिन कुछ कमियां भी हैं. ऑनलाइन ट्रेडिंग धोखाधड़ी और घोटाला भी एक आम घटना बन गई है और इससे बहुत से लोगों को अपनी मेहनत की कमाई गंवानी पड़ी है.

ऐसे काम करती है ऑनलाइन ट्रेडिंग धोखाधड़ी: विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन ट्रेडिंग फ्रॉड हो सकते हैं. वे आम तौर पर ऑनलाइन और सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से प्रचारित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, दलालों, उपकरणों और सेवाओं को शामिल करते हैं. जालसाज और स्कैमर्स आमतौर पर उच्च और गारंटीड रिटर्न का वादा करते हैं और लोगों को अपने प्लेटफार्म से जुड़ने या उनकी सेवाओं का उपयोग करने के लिए लुभाने के लिए लक्जरी वस्तुओं और नकली सेलिब्रिटी विज्ञापन की छवियों का भी उपयोग करते हैं. यदि आप इनमें से कोई भी विज्ञापन खोलते हैं, तो वे आपको पेशेवर दिखने वाली वेबसाइटों पर ले जाएंगे, जहां आपको निवेश करने के लिए राजी किया जाता है.

ऐसे करें आप अपनी रक्षा: अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक साइबर अपराध शिमला हिमाचल प्रदेश नरवीर राठौर ने कहा कि यदि आप ऑनलाइन ट्रेडिंग धोखाधड़ी (online trading fraud) का शिकार नहीं बनना चाहते हैं तो आपको सक्रिय रहने की आवश्यकता है. इसका मतलब है कि आपको झूठे वादों और लंबे दावों के झांसे में नहीं आना चाहिए. अगर रिटर्न सच होने के लिए बहुत अच्छा लगता है, तो वे शायद हैं.

याद रखें कि किसी के लिए रिटर्न की गारंटी देने का कोई तरीका नहीं है और ऐसा करने वाला कोई भी व्यक्ति घोटाला है. किसी प्लेटफार्म के लिए साइन खुद करने या किसी वित्तीय उत्पाद में निवेश करने से पहले हमेशा अपना शोध करें. किसी ऐसे व्यक्ति से सावधान रहें, जो निवेश के अवसर के साथ आपसे अचानक संपर्क करता है. उनकी वैधता सुनिश्चित करने के लिए मंच की नियामक स्थिति की पुष्टि करें.

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