समाज ने रोका लेकिन परिवार ने दिया साथ, प्रतिभा ने मेहनत से मनवाया अपनी 'प्रतिभा का लोहा'

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Published : Sep 25, 2022, 7:50 PM IST

Updated : Sep 25, 2022, 9:36 PM IST

Pratibha Thakur struggle Story

मंजिल उन्हें ही मिलती है जो अपनी कमजोरी को ताकत बना कर अपने लक्ष्य को पाने के लिए जी जान लगा देते हैं. एक ऐसा ही उदहारण है प्रतिभा. हिमाचल के मंडी जिले की रहने वाली प्रतिभा ठाकुर 75 फीसदी दृष्टिहीन है. बावजूद इसके आज वह राजनीति शास्त्र में पीएचडी (Pratibha Thakur struggle Story) कर रही हैं. कैसा रहा प्रतिभा का ये संघर्ष भरा सफर, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

शिमला: संकल्प मजबूत हो तो सफलता कदम चूमती है और कोई बाधा रास्ता नहीं रोक सकती. मंडी की बेटी प्रतिभा ने भी सफलता की कहानी कुछ ऐसे लिखी जिससे आपको भी एक हौसला मिलेगा और सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी. जी हां, मंडी की बेटी प्रतिभा बेशक दिव्यांग हैं, लेकिन उनकी लग्न और मेहनत एक मिसाल है. ईटीवी भारत आपको प्रतिभा के संघर्ष के सफर पर ले चलेगा.

75 फीसदी दृष्टिहीन हैं प्रतिभा: प्रतिभा ठाकुर दिव्यांग है और उसकी आंखों की रोशनी नहीं है. 75 फीसदी दृष्टिहीन होने के बाबजूद वह पीएचडी कर रही है और सेट, जेआरएफ भी पास किया है. प्रतिभा ने बताया कि जब वह 3 साल की थी तब उनकी आंखों में थोड़ी रोशनी आई थी. लेकिन उसके बाद से उनकी आंखों की रोशनी चली गई. जिस कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

समाज में करना पड़ा काफी संघर्ष: प्रतिभा ने बताया कि उनकी कामयाबी के सफर में उनके माता पिता ने बहुत साथ दिया. हालाकिं उन्हें समाज में काफी संघर्ष करना पड़ा. उनका कहना था कि जब वह स्कूल में थी तब भी उन्हें पढ़ाई के लिए संघर्ष करना पड़ा. लेकिन जब वह कॉलेज में पढ़ने गई तब घर वालों ने ही उन्हें सहयोग किया और कड़ी मेहनत से उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की. उसके (Pratibha Thakur struggle Story) बाद उन्होंने 2017 में एमए की. इसके बाद उन्होंने बीएड की और सेट पास किया. जेआरएफ भी पास की. उन्होंने बताया कि वह आज अपने घर वालों के सहयोग से राजनीति शास्त्र में पीएचडी कर रही हैं.

समाज की परवाह किए बिना अपनी कमजोरी को बनाएं ताकत: उन्होंने बताया कि उनका सपना असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का है. उन्होंने कहा कि अगर आप खुद अपने लक्ष्य को पूरा करने में मेहनत करोगे तो आप जरूर सफल होंगे. प्रतिभा ने कहा कि अगर आपका परिवार आपके संघर्ष में आपके साथ है तो समाज क्या कहता है इसकी परवाह करने की जरूरत नहीं है. बस जरूरत है तो इतनी की आप अपनी कमजोरी को ताकत बनाएं और अपने लक्ष्य को पूरा करने में जी जान लगा दें.

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Last Updated :Sep 25, 2022, 9:36 PM IST
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