ETV Bharat / city

CPI(M) protest in Shimla: महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ शिमला में माकपा का प्रदर्शन

author img

By

Published : Dec 27, 2021, 6:08 PM IST

Updated : Dec 27, 2021, 6:55 PM IST

CPI(M) protest in Shimla
शिमला में माकपा का प्रदर्शन

हिमाचल प्रदेश में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से जनता परेशान है. वहीं, माकपा ने भी इन समस्याओं को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. शिमला में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन (CPI(M) protest in Shimla) के दौरान जिला सचिव संजय चौहान ने सरकार को जनविरोधी करार दिया और कहा कि सरकार ने सत्ता में आने से पहले जो वादे किए थे उन्हें पूरा करने में सरकार पूरी तरह विफल रही है.

शिमला: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की जिला कमेटी ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश सरकार के चार वर्ष पूरे होने पर सरकार की विफलताओं व जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध शिमला में (CPIM protest in Shimla) प्रदर्शन किया. उपायुक्त कार्यलय से लेकर नाज तक जुलूस निकाला गया. इस दौरान जिला सचिव संजय चौहान ने सरकार पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा ने 2017 में चुनाव के दौरान जनता से जो वादे किये थे, सरकार में आने के बाद उन्हें अमल में लाने के लिए कोई भी कदम नहीं उठाए हैं.

संजय चौहान ने कहा कि सरकार ने वादा किया था कि महंगाई कम की (Inflation in Himachal) जाएगी और रोजगार के अवसर सृजित किये जायेंगे. वहीं, किसानों को फसलों का उचित मूल्य दिलवाया जाएगा और मजदूरी में वृद्धि की जाएगी. कर्मचारियों से भी सरकार ने वादा किया था कि पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाल की जाएगी और आउटसोर्स, ठेका, अंशकालीन के लिए नीति बनाई जाएगी. भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 को लागू कर 4 गुणा मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन प्रदेश की जयराम सरकार आज तक कोई वादा पूरा नहीं कर पाई है.

वीडियो.

संजय चौहान ने कहा कि (sanjay chauhan targeted jairam govt) इन चार वर्षों में प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा रोजगार के अवसर सृजित (unemployment problem in himachal) नहीं किए गए. उन्होंने कहा कि कोविड 19 के कारण सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन से प्रदेश में लाखों लोगों के रोजगार पर संकट आया है. इसमें विशेष रूप से दैनिक दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोग सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं. पर्यटन, परिवहन, छोटा दुकानदार व अन्य कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. प्रदेश में बेरोजगारी की दर अप्रैल, 2017 में जो 0.5 प्रतिशत थी, वह भाजपा सरकार में बढ़कर मई, 2020 में 28.2 प्रतिशत हो गई थी. आज भी प्रदेश में 8.5 लाख पढ़ा लिखा युवा रोजगार कार्यालय में पंजीकृत हैं और रोजगार के इंतजार में हैं.

इन चार वर्षों में प्रदेश में कृषि व बागवानी का संकट बढ़ा है. किसानों को मंडियों में उनके उत्पाद के उचित दाम नहीं मिल रहे हैं. मंडियों में किसानों का शोषण बढ़ा है. प्रदेश में सभी फसलों के लिए सरकार द्वारा कृषि व बागवानी विभाग के माध्यम से खाद, बीज, कीटनाशक, फफूंदीनाशक व अन्य लागत वस्तुओं पर दी जाने वाली सब्सिडी लगभग समाप्त कर दी है. चार वर्षों में खाद की कीमतों में 375 से 700 रुपए प्रति बैग तक वृद्धि की गई है. कीटनाशकों, फफूंदीनाशकों व अन्य लागत वस्तुओं की कीमतों में 40 से 100 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है. आज भी किसानों व बागवानों के करोड़ों रुपए का भुगतान सरकार ने कई वर्षों से करना है. संजय चौहान ने कहा कि सीपीएम भाजपा सरकार की इन मजदूर, किसान व आमजन विरोधी नव उदारवादी व साम्प्रदायिकता की नीतियों के विरुद्ध और वैकल्पिक नीतियों के लिए (CPI(M) protest in Shimla) आंदोलन जारी रखेगी.

ये भी पढ़ें : भाजपा के जश्न पर शिमला कांग्रेस ने मनाया विरोध दिवस, राजभवन के बाहर किया प्रदर्शन

Last Updated :Dec 27, 2021, 6:55 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.