नाहन: महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित वन स्टॉप सेंटर में समाज में प्रताड़ित महिलाओं को आश्रय दिया जाता है. अभी तक नाहन में इस सेंटर उमें 11 महिलाओं को सुविधा प्रदान की जा चुकी है.
दरअसल जिला मुख्यालय नाहन में चलाए जा रहे वन स्टॉप सेंटर में समाज में किसी भी प्रकार से प्रताड़ित महिलाओं को मानसिक और कानूनी सहायता प्रदान की जा रही है. मीडिया से बात करते हुए वन स्टॉप सेंटर की इंचार्ज एवं एडवोकेट रजनी गुप्ता ने बताया कि पिछले 6 महीनों मे यहां पर आई 11 महिलाओं को हर संभव सुविधा उपलब्ध करवाई गई.
उन्होंने बताया कि सेंटर में किसी भी प्रकार से प्रताड़ित युवती या फिर महिला मदद के लिए आ सकती है. सेंटर में ऐसी महिलाओं को अधिकतम 5 दिन का श्रेय दिया जाता है. आश्रय के दौरान उन्हें स्वास्थ्य, कानूनी सहायता के साथ-साथ उनकी काउंसलिंग भी की जाती है, ताकि उन्हें मानसिक रूप से सशक्त किया जा सके.
वहीं, वन स्टॉप सेंटर में कार्यरत बतौर काउंसलर कार्य कर रही रविता चौहान ने बताया कि यहां पर आने वाली प्रताड़ित युवती या महिलाओं को एक सखी के तौर पर उनकी पूरी बात सुनी जाती है और उनकी जरूरत के मुताबिक उन्हें परामर्श और सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. उन्होंने बताया कि पीड़ित महिला या युवती द्वारा बताई गई बातों को गुप्त रखा जाता है और उन्हें मानसिक और शारीरिक तौर पर सशक्त किया जाता है.
बता दें कि वन स्टॉप सेंटर योजना केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2015 को हिंसा प्रभवित महिलाओं का समर्थन करने के लिए लागू की थी. ये योजना मूल रूप से सखी के नाम से जानी जाती है.
इसी योजना के तहत पिछले करीब 6 महीने से नाहन में भी यह सेंटर चलाया जा रहा है, जिसमें किसी भी तरह की हिंसा झेल रही महिलाएं बलात्कार, लैंगिक हिंसा, घरेलू हिंसा, ट्रैफिकिंग, एसिड अटैक विक्टिम, दहेज संबंधित हिंसा, बाल यौन शोषण आदि से पीड़ित महिला की मदद की जाती है.
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