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विकलांग कला अध्यापक संघ ने उठाई मांग, ज्यादा पदों पर की जाए भर्ती, नहीं तो सरकार के खिलाफ होगा आंदोलन

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Published : Jul 5, 2022, 4:58 PM IST

मंगलवार को मंडी में प्रारंभिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित (unemployed Divyang art teachers union) साक्षात्कार के दौरान बेरोजगार विकलांग कला अध्यापक संघ ने अपना रोष जाहिर किया. इस दौरान प्रशिक्षित विकलांग कला अध्यापकों ने कम से कम 100 पदों को भरने की और साथ ही 2003-2004 से 2019 तक के बैकलॉग की ऑर्थो कैटेगरी में अधिक पदों को भरने की मांग हिमाचल प्रदेश की सरकार से उठाई है. ऐसा न होने की सूरत में संघ ने आने वाले समय में सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन करने की चेतावनी भी दे डाली है.

unemployed handicapped art teachers union
विकलांग कला अध्यापक संघ

मंडी: प्रदेश में विकलांग कला अध्यापकों के पदों को बैकलॉग के आधार पर न भरे जाने से प्रशिक्षणार्थियों में भारी रोष है. इसके साथ ही बेरोजगार विकलांगों ने नाम मात्र की पोस्टें भरे जाने का भी विरोध किया है. मंगलवार को मंडी में प्रारंभिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित साक्षात्कार के दौरान बेरोजगार विकलांग कला अध्यापक संघ ने अपना रोष जाहिर किया.

इस दौरान प्रशिक्षित विकलांग कला अध्यापकों ने कम से कम 100 पदों को भरने की और साथ ही 2003-2004 से 2019 तक के बैकलॉग की ऑर्थो कैटेगरी में अधिक पदों को भरने की मांग हिमाचल प्रदेश की सरकार से उठाई है. ऐसा न होने की सूरत में संघ ने आने वाले समय में सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन करने की चेतावनी भी दे डाली है. इस मौके पर संघ के प्रवक्ता जाल सिंह ने बताया कि सरकार बहुत कम पदों को शिक्षा विभाग में भर रही है जिसके कारण प्रशिक्षित कला अध्यापकों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.

उन्होंने बताया कि अभी भी प्रदेश में विभिन्न विकलांग श्रेणियों में 130 के लगभग विकलांग कला अध्यापक अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सरकार जिले में दो से चार पदों की भर्ती कर रही है जो कि नाकाफी है. उन्होंने सरकार से मांग उठाई है कि प्रदेश के हर जिला में पुराने बैक लॉग को पूरा किया जाए ताकि बेरोजगार विकलांगों को उनका अधिकार मिल सके.

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वहीं, इस मौके पर सुदूर जिला चंबा से मंडी साक्षात्कार देने पहुंचे अभ्यर्थी नवीन कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार विकलांग कला अध्यापकों के साथ सही व्यवहार नहीं कर रही है. जिसके चलते प्रदेश में भर में दो-चार पदों के लिए उन्हें सरकार आर्थिक बोझ के तले दबा रही है. उन्होंने कहा कि यदि हिमाचल प्रदेश की सरकार ने समय रहते विकलांग श्रेणी में ज्यादा पदों को नहीं भरा तो इसका खामियाजा सरकार को आने वाले दिनों में भुगतने को तैयार रहना पड़ेगा.

सरकार के द्वारा चलाई गई एक (unemployed Divyang art teachers union) योजना के तहत कला अध्यापक का प्रशिक्षण लेने वाले चंद्र मणी ने बताया कि उन्होंने सरकारी नौकरी की उम्मीद में यह प्रशिक्षण लिया, लेकिन सात से आठ वर्षों का एक लंबा अंतराल बीत जाने पर भी उन्हें नौकरी नहीं मिल पाई. उन्होंने बताया कि उनकी और उनके साथ वाले कई उम्मीदवारों की आयु 45 वर्ष से ऊपर हो चुकी है, लेकिन सरकार शिक्षा विभाग में विकलांग कला अध्यापकों की कुछ श्रेणियों में केवल नाम मात्र की भर्ती कर रहा है जो कि सही नहीं है.

इसके साथ ही बेरोजगार विकलांग कला अध्यापक संघ ने हाल ही में जिला कांगड़ा में हुई कांउसलिंग पर भी सवाल उठाए हैं. संघ का मानना है कि कांगड़ा में मात्र एक दिन पहले कांउसलिंग की सूचना दी गई और पूरे प्रदेश के लोग उसमें भाग लेने में असमर्थ रहे. संघ ने कांगड़ा की कांउसलिंग को तुरंत प्रभाव से रद्द करने की मांग भी उठाई है, ताकि पूरी पारदर्शिता के साथ इस भर्ती को किया जाए. इसके साथ ही फ्रॉड विकलांगों पर भी नकेल कसने की मांग संघ ने सरकार से की है.

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