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मुख्यमंत्री के गृह जिले में जर्जर हालत में शिक्षा का मंदिर, मौत के साए में पढ़ने को मजबूर नौनिहाल

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Published : Aug 2, 2019, 11:43 PM IST

Updated : Aug 2, 2019, 11:58 PM IST

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी में करसोग के अति दुर्गम क्षेत्र कूंड के प्राइमरी स्कूल में नौनिहाल भवन जर्जर होने की वजह से डर के साए मेे पढ़ रहे हैं.

Shabby condition of school

मंडी: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी के करसोग में अति दुर्गम क्षेत्र कूंड के प्राइमरी स्कूल में नन्हें बच्चे मौत के साए में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. यहां 5वीं क्लास के स्कूल का भवन जर्जर हालत में है, जिससे बारिश का पानी स्कूल की छत से कक्षाओं में आता हैं.

आलम ये है कि पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी दीवारें अपनी जगह छोड़ चुकी है, जिससे स्कूल में पढ़ रहे बच्चे मौत के साए में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर है. भवन गिरने के डर से कई माता-पिता अपने बच्चों से स्कूल छुड़वा चुके हैं.

कूंड गांव लोगों ने प्रधान सचिव शिक्षा को पत्र लिखकर उनको इस मामले से अवगत कराया. 2 अगस्त को लिखे गए इस पत्र में लोगों ने सरकार से उचित कदम उठाए जाने की उम्मीद जताई है.

उप निदेशक शिक्षा विभाग जिला मंडी अशोक शर्मा ने बताया कि मामला ध्यान में आया है और इस बारे में अधिकारियों से रिपोर्ट ली जाएगी.

Intro:स्कूल की छत उखड़ गई है। जिस कारण बारिश का सारा पानी कमरे में घुस रहा है। यही नहीं पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी दीवारे अपनी जगह छोड़ चुकी है। जिससे स्कूल में पढ़ रहे बच्चे मौत के साए में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैBody:

मुख्यमंत्री के गृह जिले में जर्जर हालत में शिक्षा का मंदिर, यहां प्राइमरी स्कूल में मौत के साए में पढ़ रहे बच्चे।
करसोग
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी में करसोग के अति दुर्गम क्षेत्र कूंड के प्राइमरी स्कूल में नन्हें बच्चे मौत के साए में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। यहां पांचवी क्लास तक के स्कूल का भवन जर्जर हालत में है। स्कूल की छत उखड़ गई है। जिस कारण बारिश का सारा पानी कमरे में घुस रहा है। यही नहीं पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी दीवारे अपनी जगह छोड़ चुकी है। जिससे स्कूल में पढ़ रहे बच्चे मौत के साए में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर है। भवन गिरने के डर से कई माता पिता अपने बच्चों से स्कूल छुड़वा चुके हैं। जो कुछ बच्चे अभी शिक्षा ग्रहण कर रहे वो भी स्कूल छोड़कर जा चुके हैं। लोग कई मंचों के माध्यम से इस मामले को सरकार के ध्यान में भी ला चुके हैं, लेकिन किसी भी स्तर पर कहीं पर कोई सुनवाई नहीं हुई। लोगों का कहना है कि इस स्कूल में कभी पचास से अधिक विद्यार्थी पढ़ते थे, लेकिन अब इस खंडहर बन चुके स्कूल में मुश्किल से पांच या छह बच्चे ही शिक्षा ले रहे हैं । इन बच्चों के अभिभावक भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतत रहते है।

प्रधान सचिव को लिखा पत्र:
कूंड गांव ने प्रधान सचिव शिक्षा को पत्र लिखकर उनके ध्यान में भी मामला लाया है। जिसमे स्कूल की हालत को लेकर पूरी स्थिति बयान की गई। 2 अगस्त को लिखे गए इस पत्र में लोगों ने सरकार से उचित कदम उठाए जाने की उम्मीद जताई है। कूंड टेकचंद वर्मा का कहना है कि स्कूल भवन की खंडहर बन चुकी हालत के कारण बच्चों का स्कूल में पढ़ना मुश्किल हो गया है। करसोग विकास खंड के तहत ये काफी दुर्गम क्षेत्र है। यहां के लिए सड़क की भी कोई सुविधा नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले को कई बार शिक्षा विभाग के ध्यान में लाया गया पर कोई भी उचित कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में इस मामले पर सरकार को कड़ा संज्ञान लेकर तुरन्त उचित कार्रवाई करनी चाहिए।

मांगी जाएगी रिपोर्ट: उप निदेशक
उप निदेशक शिक्षा विभाग जिला मंडी अशोक शर्मा का कहना है कि मामला ध्यान में आया है। इस बारे में अधिकारियों से रिपोर्ट ली जाएगी।
Conclusion:उप निदेशक शिक्षा विभाग जिला मंडी अशोक शर्मा का कहना है कि मामला ध्यान में आया है। इस बारे में अधिकारियों से रिपोर्ट ली जाएगी।
Last Updated : Aug 2, 2019, 11:58 PM IST
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