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Himachal Seat Scan द्रंग विधानसभा सीट पर रहा है कौल सिंह ठाकुर का दबदबा, जानिए इस साल चुनावी समीकरण

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Published : Aug 15, 2022, 7:27 PM IST

Darang assembly  seat ground report
द्रंग विधानसभा सीट की ग्राउंड रिपोर्ट

Himachal Assembly Elections 2022, हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 से पहले ETV भारत प्रदेश के सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों के सूरत ए हाल से रू ब रू करवा रहा है. हिमाचल सीट स्कैन में आज हम द्रंग विधानसभा क्षेत्र की बात करने जा रहे हैं Darang Assembly Seat Ground Report. कुल 68 विधानसभा क्षेत्रों में ये 30वीं विधानसभा सीट है. वैसे तो इस सीट पर दशकों से कौल सिंह ठाकुर का दबदबा रहा है, भाजपा को महज दो बार ही यहां जीत हासिल हुई है. आज जानेंगे कि इस साल इस सीट पर चुनावी समीकरण क्या है.

मंडी/द्रंग: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Assembly Elections 2022) में अभी भले ही कुछ वक्त है, लेकिन सूबे में विधानसभा चुनावों के लिए बिसात बिछने लगी है. चुनाव नजदीक आते ही सभी राजनीतिक दल गठजोड़ में लग गए हैं. हिमाचल सीट स्कैन में आज हम द्रंग विधानसभा क्षेत्र की पड़ताल (Darang Assembly Seat Ground Report) करने जा रहे हैं. मंडी जिले के 10 हलकों में से द्रंग विधानसभा क्षेत्र (Drang Assembly Constituency) जो प्रदेश का 30वां विधानसभा क्षेत्र है, यहां ज्यादातर कांग्रेस का ही राज रहा है. भारतीय जनता पार्टी को यहां से मात्र दो बार ही जनता का आशीर्वाद मिला है.

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पूर्व मंत्री ने यहां से 8 बार चुनाव जीता है. वर्ष 2017 में यहां से बीजेपी उम्मीदवार जवाहर ठाकुर ने जीत दर्ज की थी. जवाहर ठाकुर ने कांग्रेस प्रत्याशी कौल सिंह ठाकुर को 6,541 मतों से हराया था. पिछले विधानसभा चुनावों में जवाहर ठाकुर को 31,392 व कौल सिंह ठाकुर को 24,851 मत मिले थे. द्रंग विधानसभा क्षेत्र से पिछले चुनावों में 6 उम्मीदवारों ने अपना भविष्य आजमाया था.

सूबे में इस समय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सरकार है और जयराम ठाकुर मंडी जिले से ही संबंध रखते हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को अपने गृह जिले की 10 की 10 विधानसभा सीट एक बार फिर से भाजपा की झोली में डालना चाहेंगे. वहीं, कांग्रेस भी इन सीटों पर अपनी पैनी नजर गड़ाए सत्ता वापसी की राह देख रही है. आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए वरिष्ठ कांग्रेस नेता ठाकुर कौल सिंह (Senior Congress leader Thakur Kaul Singh) का यहां से टिकट तय माना जा रहा है. वहीं, भाजपा के मौजूदा विधायक जवाहर ठाकुर (Drang Assembly Constituency MLA Jawahar Thakur) के टिकट पर अभी संशय बरकरार है.

Darang assembly  seat ground report
द्रंग विधानसभा सीट पर टिकट को लेकर चुनावी जंग.

भौगोलिक दृष्टि से दुर्गम क्षेत्र व समस्याएंः मंडी जिले का द्रंग विधानसभा क्षेत्र भौगोलिक दृष्टि से सिराज विधानसभा क्षेत्र की तरह काफी दुर्गम (Drang Assembly Constituency Issues) है. यह विधानसभा क्षेत्र के साथ कुल्लू और कांगड़ा दो जिलों की सीमाएं लगती हैं. दुर्गम होने के कारण इस क्षेत्र में जहां सड़कों की कमी है, वहीं पर्यटन की दृष्टि से भी यह क्षेत्र अभी तक ज्यादा विकसित नहीं हो पाया है. दुर्गम इलाका होने की वजह से यहां पर बस सुविधा की भी कमी रहती है.

Drang Assembly Constituency Issues
द्रंग विधानसभा क्षेत्र के अहम मुद्दे.

बरोट वैली व पराशर पर्यटन स्थलः यहां पर घूमने के लिए देवस्थल पराशर है, वहीं, साहसिक गतिविधियों के लिए बरोट वैली का नाम आता है. सर्दियों के दिनों में पराशर में कई फीट बर्फ पड़ती है जिसका लुत्फ लेने के लिए पर्यटक यहां पर पहुंचते हैं. बीते दिनों जब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पराशर पहुंचे तो उन्होंने नई राहें नई मंजिल योजना के तहत पराशर को विकसित करने की बात कही थी. सीएम जयराम ठाकुर ने कहा था कि पराशर में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और इन्हें बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र को और विकसित करने की आवश्यकता है. जिसके लिए मास्टर प्लान भी तैयार किया जा रहा है. इससे पूर्व मनाली के एक पेशेवर स्कीयर दल ने भी पर्यटर्न नगरी पराशर का दौरा कर यहां पर स्कीइंग की संभावनाएं तलाशी थी.

द्रंग विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताः द्रंग विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2022 में कुल मतदाताओं की संख्या 87,943 है. जिसमें 44,487 पुरुष व 43,456 महिला मतदाता हैं. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में यहां पर 48.7% मतदान हुआ था. वर्ष 2017 में यहां से बीजेपी उम्मीदवार जवाहर ठाकुर ने जीत दर्ज की थी. जवाहर ठाकुर ने कांग्रेस प्रत्याशी कौल सिंह ठाकुर को 6,541 मतों से हराया था. पिछले विधानसभा चुनावों में जवाहर ठाकुर को 31,392 व कौल सिंह ठाकुर को 24,851 मत मिले थे.

Darang assembly  seat ground report
द्रंग विधानसभा क्षेत्र में मतदाता.

द्रंग विधानसभा क्षेत्र से पिछले चुनावों में 6 उम्मीदवारों ने अपना भविष्य आजमाया था. वर्ष 2012 के विधानसभा चुनावों में यहां पर 78% मतदान हुआ था. 2017 के विधानसभा चुनावों में कौल सिंह ठाकुर को 28,325 व भाजपा प्रत्याशी जवाहर ठाकुर को 26,093 मत मिले थे. कौल सिंह ठाकुर ने जोहर ठाकुर को 2,232 मतों के मार्जिन से हराया था. वर्ष 2007 के विधानसभा चुनावों में कौल सिंह ठाकुर को 29,898 व भाजपा प्रत्याशी जवाहर ठाकुर को 28,089 मत मिले थे. यह ठाकुर यहां से 2007 में मात्र 1809 मतों से हारे थे.

द्रंग विधानसभा क्षेत्र से टिकट के दावेदारः पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के परिवार के साथ नजदीकियां होने के चलते यहां से कांग्रेस ने ठाकुर कौल सिंह पर ही भरोसा जताया है. पिछले विधानसभा चुनावों में बेशक कौल सिंह ठाकुर को हार का मुंह देखना पड़ा था. लेकिन द्रंग विधानसभा सीट (Darang assembly seat) पर अधिकतर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कौल सिंह ठाकुर का ही दबदबा रहा है. मौजूदा समय में यहां पर टिकट के जवानों की बात की जाए तो भारतीय जनता पार्टी से विधायक जवाहर ठाकुर, लोकसभा उपचुनाव प्रत्याशी ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर, ज्योति कपूर टिकट की दौड़ में है. वहीं, कांग्रेस पार्टी की ओर से टिकट के चाहवानों की लिस्ट में प्रेम ठाकुर व कौल सिंह ठाकुर का नाम शा.

Darang assembly  seat ground report
द्रंग विधानसभा सीट पर चुनावी समीकरण.

पिछले विधानसभा के चुनाव परिणामः द्रंग विधानसभा क्षेत्र (Drang Assembly Constituency) में पिछले 5 विधानसभा चुनावों के परिणाम की बात करें तो अधिकतर परिणाम कांग्रेस पार्टी के पक्ष में गए हैं. जवाहर ठाकुर ने कौल सिंह को 2003 व 2007 के विधानसभा चुनावों में कड़ी टक्कर दी थी और मामूली अंतर से चुनाव हारे थे. इस सीट पर अधिकतर कौल सिंह का दबदबा कायम रहा है. 1977 का चुनाव में कौल सिंह ने अपना पहला चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी.

Darang assembly  seat ground report
2017 में द्रंग विधानसभा सीट पर जीत का अंतर.

इसके बाद उन्होंने कांग्रेस कांग्रेस पार्टी के टिकट पर 1982, 1985, 1993, 1998, 2003, 2007, 2012 में इस सीट से चुनाव जीता. कौल सिंह ठाकुर ने यहां से 1990 व 2017 विधानसभा का चुनाव हारा है. कौल सिंह की गिनती राज्य में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में होती है वह दो बार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. वहीं, कांग्रेस सरकार में आईपीएच व स्वास्थ्य मंत्री सहित कई पदभार संभाल चुके हैं. मौजूदा विधायक जवाहर ठाकुर की बात की जाए तो उन्होंने वर्ष 1998, 2007, 2012, 2017 का चुनाव द्रंग विधानसभा क्षेत्र से लड़ा है. उन्हें मात्र 2017 के चुनावों में ही जीत हासिल हो सकी है.

Darang assembly  seat ground report
द्रंग विधानसभा सीट पर अब तक जीत का अंतर.

कांग्रेस का बीजेपी विधायक पर आरोप: विपक्षी दल कांग्रेस ने बीजेपी विधायक जवाहर ठाकुर पर विकास कार्यों को लेकर कई आरोप जड़े हैं. विपक्षी दल के नेता व पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर का कहना है कि मौजूदा विधायक के कार्यकाल में द्रंग विधानसभा क्षेत्र विकास में पिछड़ गया है. उन्होंने कहा कि विधायक जवाहर ठाकुर द्रंग विधानसभा क्षेत्र को 10 साल पीछे ले गए हैं. कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि अपने कार्यकाल में उन्होंने द्रंग विधानसभा क्षेत्र में अथाह विकास करवाया है. उन्होंने अपने कार्यकाल में द्रंग में लगभग 8 हजार करोड़ की लागत से आईआईटी मंडी, 3 डिग्री कॉलेज, तीन आईटीआई, पधर में एसडीएम ऑफिस, थाना पधर, पधर में डीएसपी ऑफिस, सिंचाई व जन स्वास्थ्य विभाग का सबडिवीजन ऑफिस खोले के साथ ग्रामीण इलाकों को रोड कनेक्टिविटी की सुविधा दी है.

विधायक जवाहर ठाकुर का कौल सिंह ठाकुर पर गंभीर आरोप: द्रंग विधायक जवाहर ठाकुर ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पिछले 4 वर्षों में प्रदेश में एक समान विकास करवाया है, लेकिन कांग्रेसी नेता अनाप-शनाप बयानबाजी (MLA Jawahar Thakur attacks on kaul Singh thakur) करने व छींटाकशी तक ही सीमित रह गए हैं. उन्होंने कांग्रेस नेता कौल सिंह ठाकुर पर जुबानी हमले बोलते हुए कहा कि कौल सिंह का चार वर्षों का समय मात्र हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर पर टिप्पणी व बयानबाजी तक ही सीमित रहा.

इसके अलावा उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में द्रंग विधानसभा क्षेत्र में करोड़ों रुपये के विकासात्मक योजनाओं के कार्य करवाए जा रहे हैं. सड़क सुविधा से महरूम गांव को रोड कनेक्टिविटी की सुविधा दी जा रही है. उन्होंने कहा कि द्रंग विधानसभा क्षेत्र में कौल सिंह ठाकुर द्वारा 40 सालों में व उनके द्वारा 4 सालों में किए गए विकास कार्यों का हिसाब होना चाहिए. 15 साल पहले कौल सिंह ठाकुर ने पंजोड़ी नाला स्कीम शुरू की थी, लेकिन वे पानी की एक बूंद भी लोगों को नहीं पहुंचा सके. 15 साल बाद यह स्कीम भारतीय जनता पार्टी ने लोगों को समर्पित की. नई मंजिलें नई राहें योजना के तहत पर्यटन स्थल पराशर को भी विकसित करने की कवायद भी शुरू हो गई है.

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