मंडी: देश में लगे आपातकाल के दौरान तत्कालीन केंद्र सरकार को उनसे और उनके पिताजी से इतना डर लगता था की दोनों को जेल में बंद कर दिया गया था. ये बात हिमाचल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने आज सिराज विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले लंबाथाच डिग्री कॉलेज (Rajendra Arlekar in Lambathach Degree College) में आपातकाल के एक किस्से को उपस्थित विद्यार्थियों के साथ सांझा करते हुए कही. वे यहां कॉलेज के वार्षिक समारोह में बतौर मुख्यातिथि (Lambathach Degree College Annual Function) पहुंचे थे.
उन्होंने बताया कि उस दौर में सरकार के खिलाफ बोलने वालों की मदद करना भी एक अपराध माना जाता था. बावजूद इसके उनके एक प्रधानाचार्य ने उनके परिजनों की मदद की. कुछ समय पूर्व जब राज्यपाल की अपने इन प्रधानाचार्य महोदय के साथ मुलाकात हुई तो उन्होंने पुरानी यादों को ताजा किया, तो प्रधानाचार्य की आंखों में आंसू आ गए. राज्यपाल ने उपस्थित युवाओं को इस किस्से के माध्यम से इस बात को लेकर प्रेरित किया कि वे अपने मौजूदा समय में कुछ ऐसे कार्य करें, जिन्हें भविष्य में याद करते हुए उन्हें गर्व और आनंद की अनुभूति हो.
इस मौके पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर (Himachal Governor Rajendra Arlekar) ने युवाओं से आहवान किया कि वे नौकरी मांगने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बनें. उन्होंने कहा कि आज युवाओं को अपनी सोच बदलने की जरूरत है, तभी भव्य भारत का निर्माण हो सकता है. राज्यपाल ने युवाओं से पुस्तकों से दोस्ती करने का आहवान भी किया. उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति पुस्तकों से दोस्ती करता है और उन्हें पढ़कर ज्ञान हासिल करता है वो कभी खुद को अकेला महसूस नहीं कर सकता.
उन्होंने उपस्थित युवाओं से उन्हें पत्र लिखकर ये बताने का आग्रह भी किया कि उन्होंने एक महीने में कौन-कौन सी पुस्तकें पढ़ीं. इससे पहले राज्यपाल ने रेडक्रास सोसायटी द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर का शुभारंभ करते हुए रक्तदानियों को सम्मानित किया. साथ ही जरूरतमंद दिव्यांगों को कृत्रिम उपकरण भी वितरित किए. इसके बाद उन्होंने वन विभाग द्वारा आयोजित हरियाली उत्सव का पौधा लगाकर शुभारंभ किया. इस मौके पर उनके साथ अस्पताल कल्याण अनुभाग की अध्यक्षा डॉ. साधना ठाकुर भी विशेष रूप से मौजूद रहीं.