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आलू बीज का भुगतान न करने पर LPS की कार्रवाई, डिफाल्टर व्यापारियों की 70 लाख की संपत्ति अटैच

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Published : Apr 13, 2021, 10:09 AM IST

एलपीएस
फोटो.

बीज के पैसों का भुगतान न करने पर लाहौल पोटेटो सोसायटी ने तीन डिफाल्टर व्यापरियों की 70 लाख रुपये की संपत्ति को अटैच कर दिया है. एलपीएस ने जिन बाहरी राज्यों के 50 व्यापारियों पर शिकंजा कसा है. इनको बकाया राशि को जमा करने के लिए बार-बार नोटिस भेजे गए, लेकिन व्यापारियों ने जवाब नहीं दिया.

लाहौल स्पीति: लाहौल के आलू के बीज की खरीद के बाद भुगतान न करने वालों पर लाहौल पोटेटो सोसायटी (एलपीएस) ने अब कानूनी प्रक्रिया अमल में लाई है. बीज के पैसों का भुगतान न करने पर सोसायटी ने तीन डिफाल्टर व्यापरियों की 70 लाख रुपये की संपत्ति को अटैच कर दिया है. जल्द ही उन पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.

एशिया की दूसरी सबसे बड़ी सोसायटी एलपीएस के द्वारा बीते सालों में पश्चिम बंगाल, नासिक और उत्तराखंड के तीन व्यापारियों ने एलपीएस से लाखों रुपये का आलू बीज लिया था. इसके अलावा पश्चिम-बंगाल, गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तराखंड के कई व्यापारियों ने भी आलू खरीद की है. व्यापारियों पर 1990 से लेकर 2018 तक एलपीएस की करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये की देनदारी है. इसमें एलपीएस को 50 व्यापारियों का रिकॉर्ड मिला है. जबकि 1990 से लेकर 2005 की हुई आलू खरीद करने वाले व्यापारियों को रिकॉर्ड नहीं मिला है. ऐसे में एलपीएस को करीब दो करोड़ रुपये की राशि का वसूल करना टेढ़ी खीर बन गया है.

एलपीएस ने शुरू की कार्रवाई

2005 से लेकर 2018 तक आलू की खरीद फरोख्त करने वाले करीब 50 व्यापारियों की पहचान हुई है. जिनको पिछले दो साल से बकाया राशि को जमा करने के लिए नोटिस भेजे गए हैं. कई व्यापारी ऐसे भी हैं, जिन्होंने आलू खरीद के चैक पहले ही एलपीएस को दे रखे थे, जो बाद में बाउंस हो गए. सोसायटी ने अब इन लोगों पर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है.

सीज की जा सकती है व्यापारियों की संपत्ति

एलपीएस के चेयरमैन सुदर्शन जस्पा ने कहा कि सोसायटी ने तीन व्यापारियों की लगभग 70 लाख रुपये की संपत्ति को अटैच कर दिया है. 50 आलू व्यापारियों पर भी कार्रवाई की जा रही है. इसमें लगभग 10 से 12 लोग ऐसे हैं, जिनकी संपत्ति को भी सीज किया जा सकता है.

व्यापारियों ने नोटिस का नहीं दिया था जवाब

सोसायटी के चेयरमैन ने बताया कि एलपीएस ने जिन बाहरी राज्यों के 50 व्यापारियों पर शिकंजा कसा है. इनको बकाया राशि को जमा करने के लिए बार-बार नोटिस भेजे गए, लेकिन व्यापारियों ने जवाब नहीं दिया. बाद में कोऑपरेटिव सोसायटी के रजिस्टार के पास केस लगने के बाद भी यह लोग शामिल नहीं हो पाए. इस पर तीनों की संपत्ति अटैच कर दी गई है.

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