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कुल्लू में जिला स्तरीय सतर्कता समिति की बैठक, राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत अब तक इतने लाभार्थियों का चयन

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Published : Dec 12, 2019, 1:58 PM IST

उपायुक्त डॉ ऋचा वर्मा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय सतर्कता समिति की बैठक हुई. इस दौरान डीसी डॉ. ऋचा वर्मा ने बताया कि जिला कुल्लू में सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत 2,34,926 लाभार्थियों के चयन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

1.87 lakh people selected in kullu under food safety act
जिला स्तरीय सतर्कता समिति की बैठक

कुल्लू: जिला कुल्लू में सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत 2,34,926 लाभार्थियों के चयन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जिसमें से अभी तक 1,86,590 लोगों का चयन कर लिया गया है. यह जानकारी उपायुक्त डॉ. ऋचा वर्मा ने आयोजित जिला स्तरीय सतर्कता समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी.

डीसी डॉ. ऋचा वर्मा ने बताया कि चयन के लिए अन्त्योदय अन्न योजना, बी.पी.एल, बी.पी.एल. फॉर पी.डी.एस, अन्नापूर्णा, तिब्बतीयन राशन कार्डधारकों तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से कल्याण योजनाओं में पेंशन प्राप्त कर रहे सदस्यों के परिवार खुद ही इस योजना में शामिल किए गए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में पात्र परिवारों का चयन ग्राम सभाओं द्वारा जबकि शहरी क्षेत्रों में शहरी निकायों द्वारा किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में 42313 और शहरी क्षेत्रों में 6023 लाभार्थियों का चयन किया जाना शेष है. वहीं, चयन किए जा चुके लाभार्थियों को योजना के तहत डिजिटल राशन कार्ड के जरिए सस्ता राशन दिया जा रहा है.

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खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की अन्य योजनाओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अन्त्योदय अन्न योजना के तहत चयनित लाभार्थियों को 20 किलोग्राम गंदम (गेहूं) हर महीना दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से और 15 किलो ग्राम चावल तीन रुपये की दर से उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. वहीं, प्राथमिक गृहस्थी राशन कार्ड धारकों को प्रति व्यक्ति तीन किलोग्राम गंदम और दो किलोग्राम चावल इसी दर पर दिए जा रहा है. जिन परिवारों की संख्या छह सदस्यों तक है, उन्हें 35 किलोग्राम खाद्यान्नों की मात्रा दी जा रही है. राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत जुलाई से नवम्बर 2019 तक जिला में 5033 मीट्रिक टन खाद्यान्न का वितरण किया गया है.

अस्पतालों में 99 प्रतिशत प्रसव प्राकृतिक तौर पर

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील चन्द्र ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को पहले दिन से ही पूरक पोषाहार डाइट प्रदान की जा रही है. इस साल लगभग 6500 गर्भवती महिलाओं का आशा के माध्यम से पंजीकरण किया गया है. उन्होंने बताया कि 92 प्रतिशत प्रसव अस्पताल में करवाए जा रहे हैं जो कुछ वर्ष पहले तक महज 10 प्रतिशत थे. केवल 0.5 प्रतिशत प्रसव सिजेरियन से करने पड़ते हैं. अस्पताल में प्रसव पर 500 रुपये से 700 रुपये की राशि प्रदान की जा रही है और घर तक परिवहन की भी निशुल्क व्यवस्था दी जा रही है.

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Intro:खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जिला में 1.87 लाख लोगों का चयन:ऋचा वर्मा
जिला स्तरीय सतर्कता समिति की बैठक आयोजितBody:




कुल्लू जिले में सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत 2,34,926 लाभार्थियों के चयन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसमें से अभी तक 1,86,590 लोगों का चयन कर लिया गया है। यह जानकारी उपायुक्त डाॅ. ऋचा वर्मा ने आयोजित जिला स्तरीय सतर्कता समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।
डाॅ. ऋचा वर्मा ने बताया कि चयन के लिए अन्त्योदय अन्न योजना, बी.पी.एल, बी.पी.एल. फार पी.डी.एस., अन्नापूर्णा, तिब्बतियन राशनकार्ड धारकों तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से कल्याण योजनाओं में पेंशन प्राप्त कर रहे सदस्यों के परिवार स्वतः ही इस योजना में शामिल किए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पात्र परिवारों का चयन ग्राम सभाओं द्वारा जबकि शहरी क्षेत्रों में शहरी निकायों द्वारा किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में 42313 तथा शहरी क्षेत्रों में 6023 लाभार्थियों का चयन किया जाना शेष है। जिला में चयन किए जा चुके लाभार्थियों को डिजिटल राशन कार्ड जारी किए गए हैं और योजना के तहत सस्ते राशन का वितरण किया जा रहा है।
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की अन्य योजनाओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अन्तोदय अन्न योजना के तहत चयनित लाभार्थियों को 20 किलोग्राम गंदम प्रति राशन कार्ड प्रतिमाह दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से तथा 15 किलो ग्राम चावल तीन रुपये की दर से उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। बी.पी.एल. परिवारों की प्राथमिक गृहस्थियों को प्रति व्यक्ति तीन किलोग्राम गंदम तथा दो किलोग्राम चावल इसी दर पर प्रदान किए जा रहे हैं। जिन परिवारेां की संख्या छः सदस्यों तक हैं, उन्हें 35 किलोग्राम खाद्यान्नों की मात्रा पूरी की जा रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत जुलाई से नवम्बर 2019 तक जिला में 5033 मीट्रिक टन खाद्यान्न का वितरण किया गया है।
अस्पतालों में 99 प्रतिशत प्रसव प्राकृतिक तौर पर
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. सुशील चन्द्र ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को पहले दिन से ही पूरक पोषाहार डाईट प्रदान की जा रही है। इस साल लगभग 6500 गर्भवती महिलाओं का आशा के माध्यम से पंजीकरण किया गया है। उन्होंने बताया कि 92 प्रतिशत प्रसव अस्पताल में करवाए जा रहे हैं जो कुछ वर्ष पहले तक महज 10 प्रतिशत थे। Conclusion:




केवल 0.5 प्रतिशत प्रसव सिजेरियन से करने पड़ते हैं, वरन् सभी प्रसव प्राकृतिक तौर पर सामान्य से किए जा रहे हैं। अस्पताल में प्रसव पर 500 रुपये से 700 रुपये की राशि प्रदान की जा रही है और परिवहन की भी घर तक निःशुल्क व्यवस्था है।
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