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हिमाचल का सरकारी स्कूलः एक कमरे में चल रही छह कक्षाएं और कार्यालय, एक साल में 14 बच्चों ने छोड़ा स्कूल

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Published : Sep 13, 2022, 4:37 PM IST

हमीरपुर जिले में सरकारी स्कूलों की हालत प्रदेश सरकार की शिक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान बन गई है. भोरंज शिक्षा खंड के तहत राजकीय प्राथमिक पाठशाला लझयाणी में हालात ऐसे हैं कि एक कमरे में छह कक्षाएं चल रही हैं. अभिभावक यहां पर से बच्चों को स्कूल से निकालने को मजबूर हैं. 14 बच्चों ने एक साल में स्कूल छोड़ दिया है और अब कुछ लोग मजबूरी में बच्चों को पढ़ा रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Government Primary School Lajhyani
राजकीय प्राथमिक पाठशाला लझयाणी

हमीरपुर: एजुकेशन हब कहे जाने वाले हमीरपुर जिले में सरकारी स्कूलों की हालत प्रदेश सरकार की शिक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान बन गई है. भोरंज शिक्षा खंड के तहत राजकीय प्राथमिक पाठशाला लझयाणी में हालात ऐसे हैं कि एक कमरे में छह कक्षाएं चल रही हैं. स्कूल में वर्तमान में 31 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जबकि पिछले साल बच्चों की तादात 35 थी. खस्ताहाल कमरों और शिक्षकों की कमी के कारण बच्चे यहां पर स्कूल छोड़ने को मजबूर हैं. 14 बच्चों ने एक साल में स्कूल छोड़ दिया है और अब कुछ लोग मजबूरी में बच्चों को पढ़ा रहे हैं. स्कूल में दो कमरे हैं एक कमरा पक्का है और एक कमरा कच्चा. पूर्व में कच्चे कमरे में ही कक्षाएं चल रही थी, लेकिन हाल ही में नई मुख्य अध्यापिका ने स्कूल में ज्वाइन किया है. जिसके बाद कक्षाओं को पक्के कमरे में शिफ्ट किया गया है.

जर्जर हो चुके कमरे से बच्चों को फौरी (Government Primary School Lajhyani) तौर पर निजात दिला दी गई है, लेकिन एक कमरे में नर्सरी से लेकर छठी कक्षा तक के बच्चों को पढ़ाने के साथ कार्यालय भी चलाना विवशता बन गया है. वहीं, जब इस बारे प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक हमीरपुर संजय ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि स्कूल में एक अतिरिक्त कमरे के निर्माण के लिए मई माह में एक प्रपोजल सरकार को भेजी गई है. अभी तक बजट नहीं मिल पाया है. जल्द ही बजट मिलने पर यहां पर अतिरिक्त कमरे का निर्माण किया जाएगा. मामला विभाग के उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाया गया है.

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स्थानीय लोगों का कहना है कि मजबूरी में उन्हें (Lajhyani School Bhoranj Hamirpur) बच्चे यहां पर पढ़ाने पढ़ रहे हैं. वह बच्चों को दूर प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने के लिए नहीं भेज सकते हैं. फिलहाल यहां पर ज्वाइन करनी वाली टीचर ने पक्के कमरे में बच्चों की कक्षाओं को शिफ्ट कर दिया है. पूर्व में पक्के कमरे में स्कूल का सामान रखा गया था और कच्चे कमरे में कक्षाएं चलाई जा रही थी. अब पक्के कमरे में कार्यालय भी चल रहा है और कक्षाएं भी. यहां पर महज एक टीचर होने के कारण पढ़ाई बेहतर ढंग से नहीं हो पा रही है. उन्होंने सरकार और विभाग से यहां पर अधिक टीचर तैनात करने की मांग उठाई और जल्द ही एक नया कमरा बनाने की मांग भी रखी गई है.

लझयाणी स्कूल की मुख्य अध्यापिका मनोरमा का कहना है कि हाल ही उन्होंने स्कूल में ज्वाइन किया है. कच्चे कमरे की बजाए अब बच्चों की कक्षा पक्के कमरे में ली जा रही है. मामला विभाग के ध्यान में है. उम्मीद है जल्द ही समस्या का समाधान होगा.

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