हिमाचल कामगार कल्याण बोर्ड पंजीकृत कामगारों को दे रहा बेहतर सुविधाएं, उठाएं इन योजनाओं का लाभ

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Published : May 8, 2022, 4:03 PM IST

Workers Welfare Board Schemes

हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य कामगार कल्याण बोर्ड के (Himachal Pradesh Building and Other Workers Welfare Board) सौजन्य से चंबा जिला में भी कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं. वन एवं अन्य कामगार कल्याण बोर्ड के कार्यालय में कामगार को पंजीकृत होना बेहद जरूरी है. अगर पंजीकरण कामगार मजदूर शादी करना चाहता है तो उसको सरकार ₹51000 की सहायता राशि प्रदान करती है और उसके दो बच्चों तक यह योजना चलती रहेगी.

चंबा: हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य कामगार कल्याण बोर्ड के सौजन्य से (Himachal Pradesh Building and Other Workers Welfare Board) चंबा जिले में भी कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं. विभाग द्वारा पूरा प्रयास किया जा रहा है कि इन योजनाओं का लाभ पात्र लोगों को मिल सके. इसके लिए विभाग जगह-जगह जागरूकता शिविर भी लगा रहा है और लोगों को सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही है, ताकि लोग समय रहते हुए इन योजनाओं का लाभ उठा सकें.

बता दें कि हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य कामगार कल्याण बोर्ड के सौजन्य से जन्म से लेकर मृत्यु तक ऐसी कई योजनाएं हैं जिनका लाभ पंजीकृत कामगार ले सकता है. भवन एवं अन्य कामगार कल्याण बोर्ड के कार्यालय में कामगार को पंजीकृत होना बेहद जरूरी है. उसके लिए पंचायत में 90 दिनों तक काम करना जरूरी होता है. उसके बाद प्रमाण पत्र पंजीकरण के लिए देना होता है और फिर कामगार का पंजीकरण हो जाता है जिसके बाद कई तरह की योजनाओं के तहत लाभार्थी को लाभ मिल पाता है. बता दें कि अगर पंजीकरण कामगार मजदूर शादी करना चाहता है तो उसको सरकार ₹51000 की सहायता राशि प्रदान करती है और उसके दो बच्चों तक यह योजना चलती रहेगी.

लेबर इंस्पेक्टर रिशव चौधरी

इसके अलावा पंजीकृत कामगार मजदूर (Workers Welfare Board Schemes) के बच्चों को पहली कक्षा से लेकर पीएचडी तक स्कॉलरशिप मिलती रहती है ताकि मजदूर अपने बच्चों की बेहतर पढ़ाई कर सकें. पहली कक्षा से लेकर आठवीं तक 8400 राशि प्रति वर्ष प्रति छात्र को दी जाएगी. इसके साथ ही आठवीं से बारहवीं करने वाले बच्चों को 12000 प्रति वर्ष दिया जाएगा. उसके अलावा स्नातक करने वाले छात्र-छात्राओं को 36000 प्रति वर्ष और स्नातकोत्तर करने वाले छात्र-छात्राओं को 60000 प्रति वर्ष दिया जाएगा और पीएचडी करने वाले छात्र-छात्राओं को 1,200000 दिया जाएगा.

गर्भवती कामगार मजदूर को भी ₹25000 डिलीवरी के समय दिया जाता है. साथ ही किसी कामगार मजदूर की अगर गिरने से मौत होती है तो उसके लिए सरकार ₹400000 का मुआवजा देती है. अगर कामगार पंजीकृत मजदूर बीमार हो जाता है तो सरकार उसके लिए भी सहायता करती है. योजनाओं की जानकारी देते हुए लेबर इंस्पेक्टर रिशव चौधरी का कहना है की सरकार द्वारा सैकड़ों योजनाएं चलाई जा रही है. हमारा प्रयास है कि हम समय-समय पर लोगों को सरकार की योजनाओं के बारे में जागरूक करते रहें ताकि अधिक से अधिक लोग इन योजनाओं का लाभ उठा सकें.

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