यमुनानगर: बुधवार को यमुनानगर की जिला अदालत द्वारा हत्या एवं साजिश रचने के एक हाई-प्रोफाइल मामले (businessman yogesh batra murder case) में अहम फैसला सुनाया गया. जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक अग्रवाल की कोर्ट ने प्रियंका बत्रा नामक एक महिला को अपने जिम ट्रेनर आशिक, और अन्य दो कॉन्ट्रैक्ट किलर्स के साथ मिलकर अपने पति की हत्या कर उसे सामान्य मौत दिखाने का प्रयास करने के आरोप में उम्र कैद की सजा सुनाई है. करीब 4 साल तक चले इस केस में बहुत सारे उतार-चढ़ाव भी आए.
आखिरकार 25 गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद और सरकमस्टेंशियल एविडेंस के आधार पर जिला एवं सत्र न्यायालय ने चारों हत्या आरोपियों को दोषी करार देकर उम्र कैद की सजा सुना डाली. कोर्ट द्वारा प्रियंका सहित अन्य दोषियों को 60 हजार रुपये जुर्माना भी किया गया. बता दें कि, मामला साल 2016 का है. यमुनानगर के प्लाई व्यापारी सुभाष बत्रा को अपनी बहू पर उस वक्त शक हुआ जब 27 मई 2016 की रात को योगेश की मौत की खबर मिलने के बाद अगले दिन सुबह वह खटीमा से यमुनानगर पहुंचे, और उन्हें प्रियंका ने बताया कि योगेश की साइलेंट अटैक से मौत हुई है.
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पहले तो उन्होंने यकीन कर लिया था, लेकिन कुछ दिनों बाद जब इन्हें प्रियंका के चाल चलन पर शक हुआ तो अपने स्तर पर एक प्राइवेट डिटेक्टिव से पूरे मामले की खोजबीन करवाई. तब उन्हें पता चला कि प्रियंका का उसके जिम ट्रेनर रोहित कुमार के साथ प्रेम-प्रसंग चल रहा है. बिजनेसमैन सुभाष बत्रा का दावा है कि उनके हाथ कुछ ऐसे प्रूफ औऱ फोटोग्राफ भी लगे जिसके बाद इनका शक यकीन में बदल गया.
सुभाष बत्रा ने पूरे मामले की जानकारी यमुनानगर पुलिस को दी. यमुनानगर पुलिस ने जांच कर आरोपियों को क्लीन चिट भी थमा दी. इसके बाद सुभाष बत्रा हरियाणा के डीजीपी से मिले और इस मामले की जांच करनाल एसआईटी को सौंप दी गई. करनाल एसआईटी ने इस केस पर मेहनत की, और सरकमस्टेंशियल एविडेंस जैसे मोबाइल लोकेशन जैसे टेक्निकल तथ्यों को आधार मानकर चारों हत्या आरोपियों को 302, 506, 201, 120 बी, 203 सहित वभिन्न धाराओं गिरफ्तार कर लिया था. जिन्हें बुधवार को सजा सुनाई गई.
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