ऐतिहासिक यमुनानगर कपाल मोचन मेला शुरू, पहले दिन भारी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु

ऐतिहासिक यमुनानगर कपाल मोचन मेला शुरू, पहले दिन भारी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु
उत्तर भारत के सबसे ऐतिहासिक मेलों में शामिल कपाल मोचन मेले की शुरुआत हो गई है. यमुनानगर कपाल मोचन मेला (Kapal Mochan Yamunanagar) राज्यस्तरीय आयोजन होता है. अंबाला मंडल आयुक्त रेनू फूलिया ने पूजार अर्चना के साथ मेले की विधिवत शुरूआत की. पहले दिन साधु संतों ने शाही स्नान किया.
यमुनानगर: साधुओं के शाही स्नान के साथ ही यमुनानगर में ऐतिहासिक राज्य स्तरीय कपाल मोचन मेला (Kapalmochan fair begins in Yamunanagar) आज से शुरू हो गया. मेले और विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी का उद्घाटन अंबाला मंडल की आयुक्त रेनू फूलिया ने किया. यमुनानगर के बिलासपुर के कपाल मोचन मेले के पहले दिन सबसे पहले साधुओं ने पूजा अर्चना के साथ स्नान किया. इस अवसर पर साधुओं ने मेले के महत्व पर भी प्रकाश डाला.
अंबाला मंडल आयुक्त रेनू फूलिया ने इस मेले की शुरुआत करते हुए कहा कि मेला दिन प्रतिदिन उन्नति एवं प्रगति की तरफ है. वर्ष 2000 में मेले में कम संख्या में श्रद्धालु आते थे लेकिन अब भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. पहले साधन कम होते थे लेकिन इस समय साधन सबके पास हैं. उन्होंने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जिला प्रशासन के सभी अधिकारी श्रद्धालुओं का हर तरह से स्वागत सत्कार करेंगे.
इस राज्य स्तरीय मेले में जहां हरियाणा सरकार के विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी लगाई गई है वहीं हरियाणा की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं. यह कार्यक्रम लगातार 5 दिन तक आयोजित किए जाते रहेंगे. मेले में आने वाले श्रद्धालु जहां विधिवत रूप से पूजा अर्चना कर रहे हैं वहीं दीप दान करके अपने परिवार की मंगल कामना की प्रार्थना कर रहे हैं.
कपाल मोचन मेला उत्तर भारत का सबसे ऐतिहासिक मेला (Kapal Mochan Mela Yamunanagar) माना जाता है. 19 अक्टूबर को यमुनानगर के डीसी राहुल हुड्डा ने पूरे विधि विधान के साथ कपालमोचन के तीनों सरोवरों में जलभराव की शुरुआत की थी. डीसी के साथ बिलासपुर के एसडीएम जसपाल गिल भी मौजूद रहे. करीब 15 मिनट की पूजा अर्चना के बाद सरोवरों में पानी छोड़ा गया. 4 नवंबर से मेले की शुरुआत हो गई है जो 8 नवंबर तक चलेगा.
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