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राम रहीम की 'हनी' के पास आ सकती है सिरसा डेरे की कमान, 15 नवंबर को बड़े आयोजन की तैयारी

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Published : Nov 8, 2019, 2:13 PM IST

डेरा प्रमुख राम रहीम के जेल जाने के बाद डेरा की गद्दी को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है और वही जेल से डेरे की कमान संभाले रहे हैं. नवदीप ने बताया कि 25 अगस्त 2017 के घटनाक्रम के बाद डेरा हर तरह से बिखर गया था लेकिन अब हनीप्रीत के डेरे में आने के बाद कयास लगाया जा रहा है कि डेरे की कमान अब हनीप्रीत के हाथ में हो सकती है.

राम रहीम की हनी के हाथों में डेरे की कमान!

सिरसाः राम रहीम की सबसे बड़ी राजदार हनीप्रीत को कोर्ट ने मंगलवार को जमानत दे दी. अंबाला जेल से बाहर आते ही हनीप्रीत सीधे सिरसा डेरा सच्चा सौदा पहुंची. जहां डेरा अनुयाइयों ने उनका पटाखे बजा कर जोर शोर से स्वागत किया. बताया जा रहा है कि डेरा पहुंचने के बाद हनीप्रीत बाबा की गुफा में गई और गुफा में जहां डेरा प्रमुख राम रहीम बैठा करता था वो वहां नतमस्तक हुई. यही नहीं हनीप्रीत ने जेल बाहर आने के बाद अपनी रात गुफा में ही गुजारी.

बाबा की 'हनी' संभालेगी डेरा!
पत्रकार नवदीप सेतिया के मुताबिक जबसे हनीप्रीत सिरसा पहुंची है हनीप्रीत ने मीडिया से दुरी बनाई हुई है. नवदीप सेतिया ने बताया कि राम रहीम के जेल जाने के बाद डेरा की गद्दी को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है और वही जेल से डेरे की कमान संभाले रहे हैं. नवदीप ने बताया कि 25 अगस्त 2017 के घटनाक्रम के बाद डेरा हर तरह से बिखर गया था लेकिन अब हनीप्रीत के डेरे में आने के बाद कयास लगाया जा रहा है कि डेरे की कमान अब हनीप्रीत के हाथ में हो सकती है. नवदीप सेतिया ने बताया की नवंबर महीने में ही डेरा में शाह मस्ताना का प्री निर्वाण दिवस पर डेरा में एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन होना है. उसके बाद से डेरा सच्चा सौदा की पॉवर किसके हाथ में होगी ये तस्वीर साफ हो पाएगी.

राम रहीम की हनी के हाथों में डेरे की कमान!

बाबा का हर फैसला लेती थी हनीप्रीत
हनीप्रीत उन चंद डेरा समर्थकों में से एक है जिसकी गिनती राम रहीम के करीबियों में होती है. हनीप्रीत डेरा के कई महत्‍वपूर्ण फैसले लेने के साथ ही राम रहीम की फिल्‍मों को भी डायरेक्‍ट कर चुकी है. उसने 'MSG: द वॉरियर लॉयन हार्ट' का भी निर्देशन किया है. राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के दौरान वो कोर्ट रूम से लेकर जेल भेजे जाने तक साये की तरह राम रहीम के साथ नजर आई थी. बाबा राम रहीम कोई भी फैसला लेने से पहले सिर्फ हनीप्रीत से ही सलाह लेता था. बाबा की इस बेबी के हाथ में डेरे की सभी चाबियां रहती थीं. पैसे से लेकर हर वो फैसला जो डेरे से संबंधित होता था, वो हनीप्रीत ही करती थी.

chief of dera in sirsa haryana
हर फैसले पर बाबा हनी की लेते थे सलाह

कौन है हनीप्रीत
हरियाणा के फतेहाबाद जिले की रहने वाली प्रियंका तनेजा 1996 में पहली बार डेरे के कॉलेज में 11वीं क्लास में पढ़ने के लिए आई थी. कुछ समय बाद ही राम रहीम द्वारा प्रियंका तनेजा का नया नाम करण किया गया. अब प्रियंका राम रहीम की हनीप्रीत बन चुकी थी. धीरे-धीरे हनीप्रीत और राम रहीम की नजदीकियां बढ़ने लगी. ऐसे में बाबा के राज भी हनीप्रीत के सामने आने लगे. हनीप्रीत अब गुरमीत की सबसे करीबी बन गई थी. गुरमीत उस पर इतना मेहरबान था कि उसे कभी डेरे से बाहर नहीं जाने दिया. उसकी पढ़ाई लिखाई सब डेरे में ही करवाई गई. वहीं पर उसके नाम पर कई बड़े कारोबार शुरू किए गए. हनीप्रीत का परिवार पिछले काफी समय से डेरे से जुड़ा हुआ था.

ये भी पढ़ेंः हनीप्रीत को जमानत: डेरा प्रेमियों की खुशी की लहर

2009 में राम रहीम ने लिया था गोद
इसके बाद राम रहीम ने साल 2009 में उसे गोद ले लिया. राम रहीम की खुद की दो बेटियां और एक बेटा है. उनके नाम अमनप्रीत, चमनप्रीत और जसमीत इंसा हैं. इसके बाद साल 2011 में हनीप्रीत के पति विश्वास गुप्ता ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में मुकदमा दायर कर राम रहीम के कब्जे से उसकी पत्नी यानी हनीप्रीत को मुक्त कराने की मांग की थी. गुप्‍ता ने राम रहीम पर हनीप्रीत के साथ अवैध संबंध होने का भी आरोप लगाया था.

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राम रहीम की सबसे बड़ी राजदार हनीप्रीत

हनीप्रीत पर आरोप
राम रहीम को सजा के ऐलान के बाद पंचकूला में उनके समर्थकों ने जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की थी. हनीप्रीत को दंगे का मुख्य आरोपी बनाया गया. हनीप्रीत और अन्य आरोपियों पर धारा 345 के तहत देश द्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया. लेकिन सभी आरोपियों पर से देश द्रोह की धारा हटा दी गई.

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हनीप्रीत बन सकती है डेरा प्रमुख

6 नवंबर को मिली जमानत
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के बाद ज्यादा सुर्खियों में रही है तो वो है बाबा की सबसे खास और अहम राजदार हनीप्रीत. 25 अगस्त 2017 पंचकुला हिंसा के बाद हनीप्रीत पर कई धाराओं सहित देश द्रोह की धारा के तहत आरोपी बनाया गया. लगभग 38 दिन फरार रहने के बाद हनीप्रीत के पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद केस का ट्रायल शुरू हुआ और 2 नवंबर 2019 को कोर्ट ने सबूतों के आभाव कोर्ट ने हनीप्रीत से देश द्रोह की धारा हटा ली और 6 नवंबर को कोर्ट ने हनीप्रीत को जमानत पर रिहा कर दिया.

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हनीप्रीत का जोरदार स्वागत

ये भी पढ़ेंः हनीप्रीत की जमानत पर अंशुल छत्रपति ने उठाए सवाल, बोले- सरकार और पुलिस का सबसे बड़ा फेलियर

बढ़ सकती है हनी की मुश्किलें
राम रहीम की राजदार और दंगे की आरोपी हनीप्रीत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल पंचकूला के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी पंकज गर्ग ने हनीप्रीत की देशद्रोह की धारा पर रिवीजन पिटीशन डाली है. हाई कोर्ट इस पिटीशन पर जल्द ही फैसला सुना सकता है.

Intro:एंकर - देश द्रोह की धारा हटने के बाद कोर्ट द्वारा हनीप्रीत को जमानत मिलने के बाद हनीप्रीत सीधे सिरसा डेरा सच्चा सौदा पहुंची जहा डेरा अनुयाइयों ने उनका पटाखे बजा कर जोर शोर से स्वागत किया | बताया जा रहा है कि डेरा पहुंचने के बाद हनीप्रीत बाबा की गुफा में गई और गुफा में जहा डेरा प्रमुख बैठा करते थे वह नतमस्तक हुई और सारी रात गुफा में ही गुजारी | कल रात से ही हनीप्रीत ने मीडिया से दूरी बना कर रखी हुई है | Body:वीओ 1 डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के बाद ज्यादा सुर्खियों
में रही है तो वो है बाबा की सबसे खास और अहम राजदार हनीप्रीत | 25
अगस्त 2017 पंचकुला हिंसा के बाद हनीप्रीत पर कई धाराओं सहित देश द्रोह
की धारा के तहत आरोपी बनाया गया | लगभग 38 दिन फरार रहने के बाद हनीप्रीत
के पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद केस का ट्रायल शुरू हुआ और 2 नवंबर
2019 को कोर्ट ने सबूतों के आभाव कोर्ट ने हनीप्रीत से देश द्रोह की
धारा हटा ली और 6 नवंबर को कोर्ट ने हनीप्रीत को जमानत पर रिहा कर दिया |

वीओ 2 हनीप्रीत उन चंद डेरा समर्थकों में से एक है जिसकी गिनती राम रहीम
के करीबियों में होती है. वह डेरा के कई महत्‍वपूर्ण फैसले लेने के साथ
ही राम रहीम की फिल्‍मों को भी डायरेक्‍ट कर चुकी है. उसने 'MSG: द
वॉरियर लॉयन हार्ट' का भी निर्देशन किया है. राम रहीम को दोषी ठहराए जाने
के दौरान वह कोर्ट रूम से लेकर जेल भेजे जाने तक साये की तरह राम रहीम के
साथ नजर आई थी.

वीओ 3 बाबा राम रहीम कोई भी फैसला लेने से पहले सिर्फ हनीप्रीत से ही
सलाह लेता था. बाबा की इस बेबी के हाथ में डेरे की सभी चाबियां रहती थीं.
पैसे से लेकर हर वो फैसला जो डेरे से संबंधित होता था, वो हनीप्रीत की
करती थी. हनीप्रीत ही राम रहीम के फिल्म प्रोडक्शन का काम संभालती थी.
बाबा की सारी फिल्में हनीप्रीत ने ही डायरेक्ट की थीं.|

विओ 4 सीनियर पत्रकार नवदीप सेतिया ने बताया कि अम्बाला जेल से रिहा होने
के बाद हनीप्रीत पहुंची और डेरा चीफ की गुफा में गई जहा उन्होंने डेरा
प्रमुख की गद्दी को नमन किया गुफा में ही गुजारी | नवदीप ने बताया कि
सुबह डेरा के अंदर बनी शाह शाह सतनाम पूरा कालोनी में बने अपने घर में
चली गई | जहा हनीप्रीत डेरा प्रबंधन, लीगल सेल के लोगो से लगातार
मीटिंग कर रही है | जबसे हनीप्रीत सिरसा पहुंची है हनीप्रीत ने मीडिया
से दुरी बनाई हुई है , नवदीप सेतिया ने बताया कि जिस तरह से बाबा के जेल
जाने के बाद डेरा की गद्दी को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ और बाबा जेल से
ही डेरा की कमान संभाले रहे | नवदीप ने बताया कि 25 अगस्त 2017 के
घटनाक्रम के बाद डेरा हर तरह से बिखर गया था हनीप्रीत के डेरा में आने
के बाद कयास यही लगाया जा रहा है कि डेरे की कमान अब हनीप्रीत के हाथ
में होगी | नवदीप सेतिया ने बताया की नवंबर माह में ही डेरा में शाह
मस्ताना जी का प्री निर्वाण दिवस पर डेरा में एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन
होना है उसके बाद से डेरा सच्चा सौदा की पॉवर किसके हाथ में होगी ये
तस्वीर साफ हो पायेगी |

बाइट- नवदीप सेतिया ( सीनियर पत्रकार )



कौन है हनीप्रीत

नाम- हनीप्रीत इंसा

असली नाम- प्रियंका तनेजा

पिता- रामननंद तनेजा

मां- आशा तनेजा

भाई- साहिल तनेजा

बहन- नीशु तनेजा

मूल निवास- फतेहाबाद, हरियाणा

दसवीं पास करने के बाद डेरे में आई थी हनीप्रीत

मूल रूप से हरियाणा के फतेहाबाद जिले की रहने वाली प्रियंका तनेजा 1996
में पहली बार डेरे के कॉलेज में 11वीं क्लास में पढ़ने के लिए आई थी.
पहले डीएवी स्कूल फतेहाबाद से उसने दसवीं की परीक्षा पास की थी. बताया
जाता है कि हनिप्रीत पढ़ने में ज्यादा तेज़ नही थी मगर उसे नाचने, गाने और
अभिनय का बहुत शौक था. जब वह डेरे में आई तो उसी साल राम रहीम लड़कियों
को आर्शीवाद देने के बहाने उनके स्कूल में आया. तभी उसकी नजर प्रियंका
तनेजा पर पड़ी. शुरू से ही हनीप्रीत डेरे के स्कूल में पड़ती रही है।

प्रियंका ऐसे बनी राम रहीम की हनीप्रीत

कुछ समय बाद ही राम रहीम द्वारा प्रियंका तनेजा का नया नाम करण किया गया. अब
प्रियंका राम रहीम की हनीप्रीत बन चुकी थी. धीरे-धीरे हनीप्रीत और राम
रहीम की नजदीकियां बढ़ने लगी. ऐसे में बाबा के राज भी हनीप्रीत के सामने
आने लगे. हनीप्रीत अब गुरमीत की सबसे करीबी बन गई थी. गुरमीत उस पर इतना
मेहरबान था कि उसे कभी डेरे से बाहर नहीं जाने दिया. उसकी पढ़ाई लिखाई सब
डेरे में ही करवाई गई. वहीं पर उसके नाम पर कई बड़े कारोबार शुरू किए गए.

डेरे से जुड़ा था हनीप्रीत का परिवार

दरअसल, प्रियंका तनेजा का पूरा परिवार पिछले कई सालों से डेरे का अनुयायी
है. आज भी डेरे में कई बड़े प्रोजेक्ट हनीप्रीत के नाम से चल रहे हैं.
यही नहीं उसके भाई साहिल तनेजा को भी गुरमीत का आर्शीवाद मिला. वह डेरे
में बड़े स्तर पर कारोबार करता है. हनीप्रीत के पिता रामानंद तनेजा पहले
पुरानी दिल्ली के सामने एमआरएफ टायर्स का शोरूम चलाते थे. जिसका नाम सच
टायर्स था. लेकिन बाद में उन्होंने डेरे में ही एक बड़ा सीड प्लांट डाल
लिया. हनीप्रीत की एक छोटी बहन है नीशु तनेजा, जिसकी शादी गुड़गांव में
हुई है. बताय़ा जाता है कि उसकी शादी में भी बाबा का खास योगदान था.

पिता को मिली अहम जिम्मेदारी

इसी तरह से हनीप्रीत के चाचा अभी भी सिरसा के परशुराम चौक पर MRF (
एमआरएफ ) टायर का शोरूम चलाते हैं. उसके मामा और कई रिश्तेदार सिरसा के
मुख्य मार्गों पर टायरों का कारोबार करते हैं. हनीप्रीत के नाम पर डेरे
के अंदर एक बुटीक भी है. अब उसके पिता रामानंद तनेजा डेरा की पर्चेजिंग
कमेटी के हेड हैं. बाजार का सारा लेन-देन उनके जिम्मे था.

केवल नाम की शादी

प्रियंका तनेजा उर्फ हनीप्रीत और विश्वास गुप्ता की शादी 14 फरवरी, 1999
को डेरा प्रमुख राम रहीम ने ही कराई थी. हालांकि दोनों की शादी ज्यादा
दिन नहीं चल सकी. कुछ समय बाद हनीप्रीत ने राम रहीम से शिकायत की कि उसके
ससुराल वाले उसे दहेज के लिए परेशान कर रहे हैं. बताया जाता है कि राम
रहीम ने हनीप्रीत की शादी तो गुप्ता से कराई थी, लेकिन उसे कभी भी
हनीप्रीत के साथ संबंध बनाने नहीं दिया गया.

2009 में राम रहीम ने गोद लिया

इसके बाद राम रहीम ने साल 2009 में उसे गोद ले लिया. राम रहीम की खुद की
दो बेटियां और एक बेटा है. उनके नाम अमनप्रीत, चमनप्रीत और जसमीत इंसा
हैं. इसके बाद साल 2011 में विश्वास गुप्ता ने पंजाब एवं हरियाणा
हाईकोर्ट में मुकदमा दायर कर राम रहीम के कब्जे से उसकी पत्नी यानी
हनीप्रीत को मुक्त कराने की मांग की थी. गुप्‍ता ने राम रहीम पर हनीप्रीत
के साथ अवैध संबंध होने का भी आरोप लगाया था.

वीओ- हनीप्रीत उन चंद डेरा समर्थकों में से एक है जिसकी गिनती राम रहीम के करीबियों में होती है. वह डेरा के कई महत्‍वपूर्ण फैसले लेने के साथ ही राम रहीम की फिल्‍मों को भी डायरेक्‍ट कर चुकी है. उसने 'MSG: द वॉरियर लॉयन हार्ट' का भी निर्देशन किया है. राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के दौरान वह कोर्ट रूम से लेकर जेल भेजे जाने तक साये की तरह राम रहीम के
साथ नजर आई थी.

वीओ- बाबा राम रहीम कोई भी फैसला लेने से पहले सिर्फ हनीप्रीत से ही सलाह लेता था. बाबा की इस बेबी के हाथ में डेरे की सभी चाबियां रहती थीं. पैसे से लेकर हर वो फैसला जो डेरे से संबंधित होता था, वो हनीप्रीत की करती थी. हनीप्रीत ही राम रहीम के फिल्म प्रोडक्शन का काम संभालती थी. बाबा की सारी फिल्में हनीप्रीत ने ही डायरेक्ट की थीं.|Conclusion:
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