हरियाणा में पटवारियों का जबरदस्त विरोध, मांगे पूरी नहीं हुई तो सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

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Published : Dec 27, 2022, 8:09 AM IST

Patwaris protest in Haryana

हरियाणा के अलग-अलग जिलों में पटवारियों ने विरोध प्रदर्शन (Patwaris protest in Haryana) किया है. पटवारियों का कहना है कि सरकार उनकी मांगों को नहीं मान रही है जिसकी वजह से उन्हें कार्य बहिष्कार करना पड़ा है. पटवारियों ने सख्त चेतावनी देते हुए सरकार से कहा है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी जाती है तो वह अनिश्चितकालीन धरना देने को मजबूर होंगे.

हरियाणा के अलग-अलग जिलों में पटवारियों का विरोध

रोहतक/फरीदाबाद/फतेहाबाद/भिवानी: हरियाणा में पटवारियों का विरोध (Patwaris protest in Haryana) जारी है. पटवारियों ने पे ग्रेड बढ़ाने के लिए मोर्चा खोल दिया. इसके साथ ही प्रदेशभर में तीन दिवसीय काम छोड़ो हड़ताल का ऐलान पटवारियों ने कर दिया है. रोहतक में तहसील कार्यालय में इकठ्ठा होकर पटवारियों ने तहसील कार्यालय से लघु सचिवालय तक सरकार विरोधी नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया. पटवारियों का कहना है कि उनसे कम योग्यता रखने वाले और कम अवधि का प्रशिक्षण लेने वाले कर्मचारी भी उनसे ज्यादा वेतन ले रहे हैं जबकि वह चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का वेतन ले रहे हैं. उनकी यह मांग लगभग 22 साल पुरानी है और कोई भी सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है.

पिछले हफ्ते उन्होंने कार्य पर रहते हुए काली पट्टी बांधकर कार्य किया था ताकि सरकार उनकी बात सुने, लेकिन सरकार ने अनसुना कर दिया. जिसकी वजह से उन्हें तीन दिन की हड़ताल पर उतरना पड़ा है. उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि सरकार अगर उनका पे ग्रेड 2500 से बढ़ाकर 3500 रुपये नहीं करती है तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर उतरने को मजबूर होंगे.

Patwaris protest in Haryana
रोहतक में पटवारियों का विरोध
फरीदाबाद में पटवारियों का विरोध: फरीदाबाद के सेक्टर-12 में जिले के पटवारियों ने अपनी मांगों को लेकर बीते सोमवार से तीन दिवसीय धरना शुरू कर दिया (protest of patwaris in faridabad) है. पटवारियों ने अपना वेतन मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर पूरे प्रदेश के 22 जिलों में तीन दिवसीय धरना शुरू करते हुए तमाम कामकाज ठप कर दिया है. साथ ही सरकार पर आरोप लगाया है कि उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने उनका वेतन मानदेय बढ़ाने का जो वादा किया था उसे अभी तक पूरा नहीं किया गया है. इस धरने को अब सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा का भी खुला समर्थन मिल रहा है.

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फतेहाबाद में पटवारियों का विरोध: सोमवार से फतेहाबाद में पटवारियों की तीन दिन की हड़ताल शुरू हो गई है. पटवारियों ने तीन दिन तक काम का बहिष्कार किया (protest of patwaris in fatehabad) है. रेवेन्यू पटवार और कानूनगो एसोसिएशन के बैनर तले पटवारी फतेहाबाद के लघु सचिवालय के बाहर धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. पटवारियों का कहना है कि पे ग्रेड बढाने की मांग को लेकर वह लगातार आवाज उठा रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दे रही है. यही कारण है कि अब पटवारियों ने तीन दिन के लिए काम का बहिष्कार किया है और धरने पर बैठने का ऐलान किया है.

Patwaris protest in Haryana
फरीदाबाद में पटवारियों का विरोध

भिवानी में पटवारियों का विरोध: भिवानी के लघु सचिवालय के बाहर पटवारी और कानूनगो एसोशिएशन ने पे ग्रेड में बढ़ोतरी की मांग को लेकर तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार किया (Patwaris protest in Bhiwani) है. उनका कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगों को जल्द नहीं मानती है तो 28 दिसम्बर को राज्यकार्यकारिणी की बैठक में अहम फैसला लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि ये धरना अनिश्चितकालीन भी हो सकता है. वहीं धरने पर बैठे कानूनगो का कहना है कि राजस्व मंत्री द्वारा उनके ग्रेड पे में बढ़ोतरी करने की बात की गई थी, लेकिन उसे पूरा नहीं किया गया, जिसको लेकर तीन दिवसीय धरने पर वह बैठे हैं.

रोहतक में पटवारियों का विरोध: पे ग्रेड और पद बढ़ाने की मांग को लेकर पटवारियों ने सोमवार को रोहतक में प्रदर्शन किया. द रेवेन्यू पटवार और कानूनगो एसोसिएशन के बैनर तले विरोध कर रहे पटवारियों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेाबजी (Patwaris protest in Rohtak) की. यह विरोध प्रदर्शन 27 व 28 दिसंबर को भी जारी रहेगा. दरअसल पटवारी तीन दिन तक प्रदेश भर में हड़ताल पर हैं. इससे पहले पटवारियों ने तहसील में काली पट्टी बांधकर काम किया था.


द रेवेन्यू पटवार एवं कानूनगो एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष जयबीर चहल ने बताया कि प्रदेश भर में पटवारियों के 1200 पद खाली हैं. वर्ष 2016 में 816 पदक स्वीकृत हुए थे लेकिन उन्हें आज तक नहीं भरा गया. उन्होंने चेतावनी दी कि तीन दिन की हड़ताल के बाद भी प्रदेश सरकार ने वार्ता के लिए नहीं बुलाया तो आगामी आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी. पटवारी पवन ने कहा कि जनता को हो रही परेशानी के लिए भी सरकार ही जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि सिरसा में तो एक-एक पटवारी के पास 15 गांव हैं.

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