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PGIMS रोहतक में विद्यार्थियों की भूख हड़ताल जारी, तबीयत बिगड़ने के बाद MBBS छात्रा इमरजेंसी में भर्ती

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Published : Nov 27, 2022, 8:11 PM IST

PGIMS रोहतक में विद्यार्थियों की भूख हड़ताल
PGIMS रोहतक में विद्यार्थियों की भूख हड़ताल

बॉन्ड पॉलिसी (Bond policy in Haryana) के खिलाफ पीजीआईएमएस परिसर में छात्रों की भूख हड़ताल जारी है. रविवार को भी भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों में से एक छात्रा रीना की हालत बिगड़ गई. उसे इलाज के लिए इमरजेंसी में भर्ती कराया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

रोहतक: बॉन्ड पॉलिसी (Bond policy in Haryana) के खिलाफ पीजीआईएमएस परिसर में भूख हड़ताल पर बैठी एक छात्रा रीना की हालत रविवार शाम को बिगड़ गई. उसे इलाज के लिए इमरजेंसी में भर्ती कराया गया है. इससे पहले शुक्रवार रात को एक छात्र और शनिवार सुबह एक छात्रा की हालत भी बिगड़ गई थी. बता दें कि डीन व डॉयरेक्टर ऑफिस के सामने एमबीबीएस विद्यार्थी धरना दे रहे हैं, वहीं पर कुछ विद्यार्थी भूख हड़ताल भी बैठे हैं.(Hunger Strike In PGIMS Rohtak).

वहीं, आंदोलनकारियों ने विद्यार्थियों की हालत बिगड़ने के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. एमबीबीएस विद्यार्थी प्रिया कौशिक ने कहा कि एक ओर उनकी हालत बिगड़ रही है, वहीं दूसरी ओर सरकार को उनकी कोई चिंता नहीं है. गौरतलब है कि रविवार को एमबीबीएस विद्यार्थियों के आंदोलन को 27 दिन हो गए हैं. एक नवंबर को रोष मार्च निकालकर आंदोलन की शुरूआत हुई थी और 2 नवंबर से लगातार पीजीआईएमएस के डीन व डॉयरेक्टर ऑफिस के सामने धरना चल रहा है.

19 नवंबर को रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन भी एमबीबीएस विद्यार्थियों के समर्थन में खुलकर सामने आई थी और एक घंटे तक ओपीडी में हड़ताल कर बॉन्ड पॉलिसी का विरोध किया था. फिर 21 नवंबर को 2 घंटे, 22 नवंबर को 3 घंटे और 23 नवंबर को 4 घंटे तक ओपीडी में रेजिडेंट डॉक्टर्स ने हड़ताल की थी. वहीं, 24 नवंबर से तो रेजीडेंट डॉक्टर्स पूर्ण रूप से हड़ताल पर हैं.

शनिवार देर शाम को बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में शहर में रोष मार्च भी निकाला गया था. इस रोष मार्च में एमबीबीएस विद्यार्थी, रेजिडेंट डॉक्टर्स, कई सीनियर डॉक्टर्स और गैर शिक्षक कर्मचारी शामिल हुए थे. इस मार्च के जरिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से अपील की गई थी कि वे वर्तमान बॉन्ड पॉलिसी को तुरंत प्रभाव से वापस लें.

रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रधान डॉ. अंकित गुलिया का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के सामने पहले दौर की वार्ता में भी सारी बात सामने रखी गई थी और अब दूसरे दौर की वार्ता में अधिकारियों के जवाब का इंतजार रहेगा. इस वार्ता के बाद ही तय होगा कि आगामी रणनीति क्या होगी.

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