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लड़कियों की शादी की उम्र 21 वर्ष करने के विरोध में आई खाप, फैसले पर जताया ऐतराज

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Published : Dec 21, 2021, 8:58 PM IST

हरियाणा की खाप (haryana khap) लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 साल करने के फैसले के खिलाफ उतर आई हैं. रोहतक खाप-84 के प्रधान ने लड़कियों की शादी की उम्र 21 करने पर ऐतराज जताया है.

haryana khap
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रोहतक: एक तरफ महिलाओं की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने वाला विधेयक (girl marriage age increase bill) आज मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया. वहीं दूसरी तरफ हरियााणा की खाप पंचायतों ने इसका विरोध करने का निर्णय लिया है. रोहतक खाप-84 के प्रधान हरदीप अहलावत ने सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध (haryana khap against increase in girl marriage age) किया है. वे मंगलवार को लाढ़ौत गांव में पहुंचे थे. इस दौरान देशवाल खाप के प्रधान शिवधन देशवाल को सामाजिक कार्यों के लिए सम्मानित किया गया था.

इस दौरान खाप प्रधान हरदीप अहलावत ने कहा कि ऐसी क्या नौबत आ गई थी जो सरकार को लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 वर्ष करनी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि बेटियों और बेटों की शारीरिक बनावट व विकास में अंतर होता है इसलिए बेटियों की शादी की उम्र 18 वर्ष ही ठीक है. उन्होंने कहा कि इस कानून का हर स्तर पर विरोध किया जाएग. सर्व खाप पंचायत की 22 दिसंबर को जींद में होने वाली बैठक में लड़की की शादी की उम्र 21 वर्ष करने का कड़ा विरोध किया जाएगा और अगर जरूरी हुआ तो इसके लिए खाप व समाज सड़क पर आकर सरकार के इस कानून का विरोध करेगी.

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इससे पहले हुड्डा खाप के प्रधान ओमप्रकाश हुड्डा भी सरकार के इस फैसले का विरोध कर चुके हैं. उन्होंने कहा था ति ग्रामीण एरिया में लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने का निर्णय एकदम गलत है. क्योंकि गरीब परिवार 10वीं व 12वीं के बाद बेटियों को पढ़ा नहीं पाते. ऐसे हालात में वे बेटियों की सुरक्षा करेंगे या परिवार का पालन पोषण करने मजदूरी करने जाएंगे. सरकार को इस तरफ भी ध्यान देना चाहिए.

बता दें कि, महिलाओं की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने वाला विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया. विपक्षा सदस्यों के भारी विरोध के बीच बिल को संसदीय पैनल को भेजा दिया गया. बाल विवाह निषेध संशोधन विधेयक 2021 पेश करते समय हंगामे को देखते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा अध्यक्ष से इसे संसदीय पैनल को भेजने का आग्रह किया था. इससे पहले केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया. इसमें महिलाओं के लिए कानूनी न्यूनतम आयु को 21 वर्ष तक बढ़ाने का प्रावधान है.


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