दीपेन्द्र हुड्डा बोले- आगामी संसद सत्र के पहले दिन ही उठायेंगे बॉन्ड पॉलिसी का मुद्दा

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Published : Nov 30, 2022, 8:43 AM IST

Etv Bharat

बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में आंदोलनरत मेडिकल छात्रो (MBBS Student Protest Bond Policy In haryana) का एक प्रतिनिधिमंडल सांसद दीपेन्द्र हुड्डा से उनके आवास पर मिला. सांसद दीपेन्द्र ने गंभीरता से उनकी पूरी बात को सुना और उनकी मांगों पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि

रोहतक: बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में आंदोलनरत MBBS स्टू़डेंट का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को दीपेंद्र हुड्डा से उनके आवास पर (MBBS Student Meet Deependra Hooda Rohtak) मिला. उन्हें अपने पॉलिसी व अपने संघर्ष से अवगत कराया. दीपेंद्र ने उनकी मांगों पर सहमति व्यक्त करते हुए संसद सत्र के पहले ही दिन बॉन्ड पॉलिसी का मुद्दा पुरजोर ढंग से उठाने का आश्वासन दिया.

प्रतिनिधि मंडल में शामिल मेडिकल विद्यार्थियों ने कहा कि अधिकांश मेडिकल विद्यार्थी बेहद साधारण घरों के बच्चे हैं. कड़ी मेहनत से डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए यहां तक पहुंचे हैं लेकिन भारी भरकम फीस के साथ अब 40 लाख रुपये वाली बॉन्ड पॉलिसी (Bond Policy) ने उनके डॉक्टर बनने के सपनों पर ग्रहण लगा दिया है. इतनी बड़ी राशि देना तो दूर की बात, उनके परिवार इतनी बड़ी राशि के बारे में सोच भी नहीं सकते.

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि मेडिकल विद्यार्थियों की मांगें जायज हैं. इस सरकार ने शिक्षा को व्यापार बना दिया है. व्यापार करना सरकार का काम नहीं है. सरकार का काम है सस्ती और बेहतरीन शिक्षा उपलब्ध कराना. यदि मेडिकल शिक्षा महंगी होगी तो आम रोगियों को मिलने वाला इलाज अपने आप महंगा हो जायेगा. उन्होंने कहा कि सरकार बेवजह जिद पर सरकार अड़ी हुई है जिसका खामियाजा आम रोगियों को भुगतना पड़ रहा है.

40 लाख रुपयों का भारी बोझ डालने वाली बॉन्ड पालिसी से आम गरीब और मध्यम वर्ग परिवारों के काबिल बच्चे मेडिकल शिक्षा से वंचित जाएंगे. बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ मेडिकल छात्रों और उनके परिवारों में जबरदस्त रोष है. उन्होंने मांग करी कि सरकार हठधर्मिता छोड़े और मेडिकल छात्रों की मांगों को तुरंत स्वीकार करे. प्रजातंत्र में हठधर्मिता के लिए कोई स्थान नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर मौजूदा सरकार बॉन्ड पॉलिसी को रद्द नहीं करती तो हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनने पर इसे रद्द किया जाएगा.

दीपेन्द्र हुड्डा ने बताया कि हुड्डा सरकार के समय की MBBS की फीस को बॉन्ड के साथ एक ही झटके में 20 गुना बढ़ा दिया. अब MBBS विद्यार्थियों को कॉलेज और संबंधित बैंक के साथ साढ़े 4 साल के कोर्स के लिए कुल 40 लाख रुपये का बॉन्ड-कम-ऋण एग्रीमेंट करना होगा. जबकि, सरकार की तरफ से नौकरी मिलने की कोई गारंटी नहीं है. आम गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों के मां-बाप इतने पैसे कहां से लाएंगे?

दीपेन्द्र हुड्डा ने मौजूदा सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों ने हुड्डा सरकार के समय सस्ती और सुलभ उच्च शिक्षा वाले हरियाणा को देश में सबसे महंगी शिक्षा वाला प्रदेश बना दिया है. यही कारण है कि किसान हो या छात्र, कर्मचारी हों या व्यापारी हर वर्ग इस सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने को मजबूर है. भाजपा सरकार ने पिछले 8 साल में सरकारी शिक्षा तंत्र को तबाह करने के अलावा कोई काम नहीं किया. सरकारी स्कूलों को बंद और उच्च शिक्षा को महंगा कर प्रदेश के युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है. इस दौरान रोहतक विधायक बी.बी बतरा मौजूद रहे.

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