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अब पार्क नहीं सरकारी स्कूल में पढ़ेंगे बच्चे, बिना डॉक्यूमेंट्स के मिलेगा दाखिला

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Published : Dec 19, 2019, 4:53 AM IST

Updated : Dec 19, 2019, 5:08 AM IST

रेवाड़ी जिले में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. ईटीवी भारत पर प्राथमिकता से खबर दिखाए जाने पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों की नींद टूटी और वे पार्क में चलाए जा रहे स्कूल में पहंच गए. उन्होंने मामले पर संज्ञान लेते हुए सरकारी स्कूल में बिना कागज के बच्चों के दाखिले के निर्देश जारी कर दिए.

children will get admission in government school
children will get admission in government school

रेवाड़ी: खबर ईटीवी भारत ने दो दिन पूर्व ही दिखाई गई थी. खबर दिखाई जाने के बाद अधिकारियों की कुंभकर्णी नींद टूटी. जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी दिनेश गुप्ता पार्क में चल रहे स्कूल में पहुंचे और संस्था को हिदायत देते हुए कहा कि बच्चों को सभी सरकारी स्कूल में सुविधाएं दी जाएंगी. बगैर कागजात के ही बच्चों के सरकारी सरकारी स्कूल में दाखिले किए जाएंगे.

माता-पिता के पास नहीं जरूरी कागजात
डाक्यूमेंट्स पूरे न होने के कारण इन बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूल में नहीं हो पा रहा था. ये बच्चे प्रवासी मजदूरों के हैं जो हरियाणा के अलावा दूसरे राज्यों से यहां रोजी-रोटी के लिए अपना घर छोड़ कर आए हैं. लेकिन उनके बच्चों को शिक्षा से बंचित रहना पड़ रहा है. बच्चों के माता-पिता के पास स्थानीय आधार कार्ड, राशन कार्ड और जरूरी कागजात नहीं है. जिस वजह से इन बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूल में नहीं हुआ.

अब पार्क नहीं सरकारी स्कूल में पढ़ेंगे बच्चे, देखें वीडियो

पार्क में पढ़ते बच्चे
अध्यापिका का कहना है कि शिक्षा सबका अधिकार है लेकिन ये बच्चे कागजात के अभाव में शिक्षा से वंचित रह जाते हैं. इसी को लेकर उनकी संस्था ने बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया है. उन्होंने बच्चों के दाखिले के सरकार से कई बार आवेदन किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. बच्चों की साल खराब न हो इसके लिए उन्होंने बच्चों को पार्क में पढ़ाना शुरू कर दिया.

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हर रोज बच्चों की पाठशाला राजेश पायलट चौक के पास सौर ऊर्जा पार्क में लगाई जाती है. यहां नर्सरी से लेकर पांचवी तक के बच्चे पढ़ते हैं. इन बच्चों में तीन साल से लेकर 12 साल तक के बच्चे पढ़ने आते हैं. हर रोज यहां कड़के की ठंड में बच्चों को धरती पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ रही है. इनमें से कुछ बच्चे शिक्षा ग्रहण करके इंजीनियर तो कोई डॉक्टर बनना चाहता है.

नगर परिषद ने कराई टॉयलेट की व्यवस्था
ईटीवी भारत से खास बातचीत में स्कूल अध्यापिका रेखा ने बताया कि उन्हें किस तरह समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है. बच्चों को शौचालय जाने की भी परेशानी होती है. उसको ले उसे उसके लिए नगर परिषद की ओर से एक टॉयलेट की भी सुविधा संस्था को दी गई है.

Intro:रेवाड़ी, 18 दिसंबर।


Body:ख़बर ईटीवी भारत ने दो दिन पूर्व ही दिखाई गई थी। ख़बर दिखाई जाने के बाद अधिकारियों की कुंभकर्णी नींद टूटी और आज जिला मौलिक शिक्षा अधिकारक दिनेश गुप्ता पार्क में चल रहे स्कूल में पहुंचे और संस्था को हिदायत देते हुए कहां की बच्चों को सभी सुविधाएं दी जाएंगी। बगैर कागज़ात के ही बच्चों का स्कूल में दाख़िला करवाया जाएगा। सभी बच्चों को पास के सरकारी स्कूल में भेजा जाए वरना कोई कदम उठाना पड़ेगा।
बाइट--अध्यापिका।
बाइट--दिनेश गुप्ता, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रेवाड़ी।

वैसे हरियाणा को शिक्षा का हब कहा जाता है लेकिन दक्षिणी हरियाणा के जिले रेवाड़ी में एक ऐसा स्कूल है जो बच्चों को खुले आसमान पर के नीचे पड़ने पर मजबूर कर रहा है कारण यह है कि डाक्यूमेंट्स पूरे न होने के कारण इन नौनिहालों का बस स्कूल में दाखिला नहीं हो पा रहा है यह प्रवासी मजदूरों के बच्चे हैं जो हरियाणा के अलावा दूसरे राज्यों से यहां रोजी-रोटी के लिए अपना घर छोड़ कर आते हैं लेकिन उनके बच्चों को शिक्षा से महरूम रखा जाता है क्योंकि उनके पास स्थानीय आधार कार्ड राशन कार्ड या कोई और भी प्रमाण पत्र नहीं होते जिनकी वजह से सरकारी स्कूलों में इनका दाखिला नहीं होता और यह शिक्षा से वंचित रह जाते हैं ऐसे में एक शिक्षण संस्थान जिसने बीड़ा उठाया है ऐसी संस्था जो इन गरीब बच्चों के गरीब बच्चों को शिक्षित कर एक मिसाल कायम कर रहा है इस स्कूल में करीब 125 से ज्यादा बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और यह संस्था पिछले कई वर्षों से अपनी सेवाएं यहां दे रही है नगर के राजेश पायलट चौक स्थित सौर ऊर्जा पार्क में यह पाठशाला लगती है और बच्चे और स्कूलों की तरह रोज सुबह 9:00 से 2:30 तक यहां शिक्षा ग्रहण करते हैं स्कूल अध्यापिका का कहना है कि शिक्षा सबका अधिकार है लेकिन यह बच्चे यह मासूम कागजात के अभाव में शिक्षा से वंचित रह जाते हैं इसी को लेकर हमारी संस्था ने इन्हें शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है और उसे हर हाल में पूरा करेंगे सरकार से उन्होंने कई बार इस विषय में आवेदन भी किया लेकिन समय के अभाव रहते कुछ बच्चों का कई साल खराब हो ना हो इसलिए इन्हें यहां हम पढ़ा रहे हैं जिन यह स्कूल नर्सरी से पांचवीं तक लगता है और 3 साल से लेकर 12 साल के बच्चे यहां शिक्षा ग्रहण करते हैं वैसे सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देती है शिक्षित बनेगा इंडिया तभी तो आगे बढ़ेगा इंडिया जैसे लोगों से भरा रहता है लेकिन सरकार इन बच्चों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही जिसके कारण इन्हें से वंचित रहना पड़े इसलिए संस्था इन के लिए सुविधा उपलब्ध कराती है और हर रोज यहां कड़कड़ाती ठंड के बीच में इन बच्चों को धरती पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करना पड़ रहा है इन बच्चों की शिक्षा ग्रहण करें यह बच्चे भी कुछ बड़ा होकर कुछ इंजीनियर और कोई बड़ा अधिकारी बनने की तमन्ना रखते हैं लेकिन इनकी मन की बात मन में ही रह जाती है क्योंकि गरीबी के आगे खड़ी हुई है इस से उबारने के लिए संस्था इनका सहयोग करें शिक्षा प्रदान करती है।
ईटीवी भारत से खास बातचीत में स्कूल अध्यापिका रेखा ने बताया कि उन्हें किस तरह समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है खुले में बैठकर बच्चों के साथ कड़कड़ाती ठंड से दो-चार होना पड़ता है कभी कबार जब बरसात आती है तो इन बच्चों को यहां पार्क में बनी क्षत्रियों के नीचे बैठाया जाता है बच्चों को शौचालय जाने की भी परेशानी होती है उसको ले उसे उसके लिए नगर परिषद से एक टॉयलेट बाथरूम की भी सुविधा इन बच्चों के लिए संस्था द्वारा की गई है ताकि इन बच्चों को सोच के लिए कोई परेशानी ना हो बच्चों को कभी कबार बीमारी भी लग जाती है तो उस लिए फर्स्ट एड तक का एग्जाम इन इस संस्था द्वारा किया गया है।


Conclusion:अब देखना होगा कि संस्था इन बच्चों को पास के स्कूल में भेजती है या फ़िर अधिकारियों को कोई कदम उठाना पड़ेगा।
Last Updated : Dec 19, 2019, 5:08 AM IST
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