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पानीपत में नहीं रैन बसेरों की व्यवस्था, बेघर लोग खुले आसमान में ठिठुरने को मजबूर

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Published : Dec 21, 2022, 2:16 PM IST

पानीपत में ईटीवी भारत की टीम ने प्रशासन द्वारा बेसहारा लोगों के लिए बनाए गए रैन बसेरों का रियलिटी चेक किया. जिसमें पता चला कि पूरे पानीपत में केवल एक ही रैन बसेरा (Night Shelter condition in panipat) बनाया गया है. उसमें भी एक ही बार में केवल 6 लोग ठहर सकते हैं. जिसकी वजह से सैंकड़ों बेसहारा लोग इस हाड़ कंपा देने वाली ठंड में खुले आसमान के नीचे सोने के मजबूर हैं.

night shelter condition in panipat
पानीपत रैन बसेरा

पानीपत में नहीं रैन बसेरों की व्यवस्था, बेघर लोग खुले आसमान में ठिठुरने को मजबूर

पानीपत: उत्तर भारत में कड़कड़ाती सर्दी ने दस्तक दे दी है. पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी से शीत लहर मैदानी इलाकों में भी कहर बरपा रही है. बीती रात हरियाणा के पानीपत जिले में 6 डिग्री तापमान (severe winter in haryana) नोट किया गया था. ऐसे में लोगों की समस्याएं बढ़ गई है. जो लोग सड़कों पर सोने को मजबूर है उनकी स्थिति इन दिनों काफी दयनीय है. हाड़ कंपा देने वाली ये सर्दी सड़कों पर सोने वाले लोगों के लिए बड़ी समस्या है.

ऐसे में प्रशासन द्वारा बेघर लोगों के लिए रात गुजारने के लिए एक रैन बसेरा बनाया गया है. रेन बसेरों में पुख्ता इंतजाम भी किए गए हैं. मात्र 6 लोगों के सोने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने पानीपत में बने रैन बसेरों का रात के समय रियलिटी चेक किया. इस दौरान बेघर लोग पानीपत रैन बसेरा (Night Shelter in Panipat) के आसपास खुले आसमान के नीचे रात गुजारते दिखाई दिए. छोटे-छोटे बच्चों के साथ महिला बुजुर्ग एक छोटे से कंबल के सहारे रात गुजारने को मजबूर दिखाई दी.

पानीपत में सड़क पर सोने को मजबूर मजदूर
पानीपत में सड़क पर सोने को मजबूर मजदूर

लगातार बढ़ रही ठंड से लोगों के बचाव के लिए सरकार द्वारा रैन बसेरे बनाकर और बेघर लोगों को छत देने का दावा किया गया था. लेकिन हमारे इस रियलिटी चेक में यहां भी प्रशासन के सभी दावे फेल दिखाई दिए. वहां सो रहे लोगों से पूछा तो जवाब मिला कि रेन बसेरा कभी खुलता ही नहीं है और रैन बसेरा में चोरी का डर भी लगातार बना रहता है. प्रशासन ने इस रैन बसेरे को सिर्फ खानापूर्ति के लिए ही बनाया है. उद्योग की नगरी में रोजाना हजारों प्रवासी लोगों का आना-जाना होता है. ऐसे में सिर्फ 6 बिस्तर का रैन बसेरा किस-किस को आसरा देगा.

पिछले 2 दिन से सर्दी लगातार बढ़ रही है पर इन बेघर लोगों के लिए बनाया गया रैन बसेरा ऐसी जगह है जिसके बारे में किसी को मालूम ही नहीं है. जिसे मालूम है वह यहां रुक नहीं पाता. प्रशासन के मुताबिक इन बेसहारा लोगों के पास आधार कार्ड नहीं है. आधार कार्ड के बिना यह इस रैन बसेरे में पनाह नहीं ले सकते. वहीं पानीपत के बस स्टैंड पर और रेलवे स्टेशन पर लोग खुले में सोते दिखाई दिए.

मजबूर लोगों ने टिकट घर को बनाया अपना आशियाना
मजबूर लोगों ने टिकट घर को बनाया अपना आशियाना

कुछ बेसहारा लोगों ने तो टिकट घर (panipat railway station) को ही अपना आशियाना बना लिया और कुछ एक लोग बिना कम्बल तो छोटे-छोटे कम्बलों में भी सर्दी की रात गुजारने को मजबूर है. औद्योगिक नगरी पानीपत में लगभग 6 से 7 लाख के करीब प्रवासी मजदूर रहते हैं. कुछ प्रवासी मजदूर काम की तलाश करते हुए यहां नए आते हैं. रात में सोने की सोचते हैं. पर इस भीषण सर्दी और प्रशासन की लापरवाही का शिकार होते हैं.

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अब बेसहारा लोग खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर होते हैं. अब देखना यह होगा कि प्रशासन कब तक इन रैन बसेरों की सुध लेता है और कब इन बेघर लोगों को सर्दी से बचाने का प्रबंध किया जाता है. ईटीवी भारत के इस रियलिटी चेक में ठंड से बचाने के लिए बनाए गए रैन बसेरा के लिए किए गए दावे पूरी तरह से फेल नजर आए. प्रशासन को जल्द ही इन रैन बसेरों की सुध लेनी चाहिए ताकि बेसहारा और मजबूर लोगों को सर्दी से भी निजात मिल सके.

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हैरान कर देने वाली बात ये है कि प्रशासन द्वारा पानीपत में केवल एक ही रैन बसेरा बनाया गया है. जिसमें सिर्फ 6 ही लोग रह सकते हैं. पानीपत में सैंकड़ों की संख्या में प्रवासी मजदूर काम की तलाश में यहां आते हैं इसलिए उनकों सड़कों पर ही रातें गुजारनी पड़ती है. इन दिनों हरियाणा में सर्दी का कहर लगाातार देखा जा रहा है. ऐसे में प्रशासन को पानीपत और अन्य जगहों पर भी रैन बसेरों (Night Shelter condition in panipat) की संख्या बढ़ाने की सख्त जरुरत है.

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