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Navratri special 2023: हरियाणा के इस मंदिर में स्थापित हैं पाकिस्तान से लाई माता की मूर्तियां, साल में केवल 2 बार खुलता है मंदिर

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Published : Mar 28, 2023, 6:47 PM IST

Updated : Mar 28, 2023, 7:43 PM IST

Kali Mata Mandir Palwal
Navratri special 2023: हरियाणा के इस मंदिर में स्थापित है पाकिस्तान से लाई माता की मूर्तियां

हरियाणा के पलवल में काली माता मंदिर (Kali Mata Mandir Palwal) में पाकिस्तान से लाई गई माता की मूर्तियों को स्थापित किया गया है. यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए वर्ष में केवल दो बार ही खुलता है. श्रद्धालु नवरात्रि की सप्तमी के दिन माता के दर्शन कर सकते हैं.

हरियाणा के इस मंदिर में स्थापित हैं पाकिस्तान से लाई माता की मूर्तियां, साल में केवल 2 बार खुलता है मंदिर

पलवल: देश की राजधानी से 60 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे पर बसे शहर के जवाहर नगर कैंप में स्थित काली माता मंदिर पलवल के पट वर्ष में केवल दो दिन ही खुलते हैं. इस मंदिर में श्रद्धालु नवरात्रि में सप्तमी के दिन ही माता के दर्शन कर सकते हैं. हालांकि मंदिर में वर्ष के 365 दिन सरसों के तेल की अखंड जोत जलती है. यहां काली मां को काले चने का भोग लगता है. इस मंदिर की परंपरा है कि सरसों के तेल के त्रिमुखी दीपक से तारा दिखाई देने के बाद माता की आरती की जाती है.

पाकिस्तान से लाई मूर्तियों को किया स्थापित: कोरोना काल में मंदिर में भक्तों का आवागमण दो वर्ष बंद रहा था, लेकिन पिछले वर्ष से भक्त वापस मंदिर लौटने लगे थे. इस वर्ष पूरी तरह छूट के चलते मंदिर प्रशासन मंदिर को सजाने में जुटा हुआ है, क्योंकि इस वर्ष अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. इस मंदिर की स्थापना भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान वर्ष 1947 में की गई थी. कहा जाता है कि भारत पाक बंटवारे के समय मंदिर के महंत बाबा हंसगिरी महाराज यहां स्थापित मूर्तियों को लेकर आए थे.

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नवरात्रि की सप्तमी को ही खुलता है मंदिर: पलवल के काली माता मंदिर में पाकिस्तान के जिला राजनपुर के गांव रूझान से लाई गई मिट्टी की बनी मां काली, भैरव बाबा व माता वैष्णो देवी की प्रतिमाएं स्थापित हैं. महंत बाबा हंसगिरी ने ही पलवल के जवाहर नगर कैंप में काली माता मंदिर की स्थापना की थी. मंदिर नवरात्रि के सातवें दिन खुलता है, लेकिन कोरोना काल के चलते पिछले दो वर्षों से काफी पाबंदियों के साथ भक्त मंदिर में देवी मां के दर्शन करते थे.

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तारा दिखाई देेन के बाद होती है आरती: पाकिस्तान से यहां आकर बसे पंजाबी लोग आज दूसरे शहरों में बस गए हैं लेकिन वे सभी इस दिन यहां जरूर आते हैं. मंदिर के पुजारी नवरात्रि में पाकिस्तान से लाई गई मिट्टी की मां काली की प्रतिमा के समक्ष रोजाना तारा दिखाई देने के बाद सरसों के तेल का दीपक जलाकर आरती करते हैं और काली माता को काले चने का भोग लगाते हैं. मंदिर को लेकर एक विशेष परंपरा भी चली आ रही है, जिसमें रूझान बिरादरी के किसी व्यक्ति की मौत होने पर उसके परिवार का सदस्य सवा किलो सरसों का तेल इस मंदिर में अवश्य चढ़ाता है.

Last Updated :Mar 28, 2023, 7:43 PM IST
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