नूंह: पठानकोट में शहीद हुए नूंह के रहने वाले जवान अजरुदीन (martyr soldier azarudin) को शनिवार को उनके पैतृक गांव नाई नगला में सैनिक सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया गया. सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में गमगीन आंखों से सैनिक को अंतिम विदाई दी गई. जवान के पार्थिव शरीर के साथ आए सैनिकों ने बरसात को देखते हुए कहा कि आज अजरुदीन की शहादत पर आसमान भी रो रहा है. इस दौरान सैनिक के पार्थिव शरीर को सैकड़ों बाइक सवार युवकों द्वारा तिरंगा लहराते हुए केएमपी से उनके पैतृक गांव लाया गया.
इश दौरान शहीद अजरुदीन अमर रहे, हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारों से सारा आसमान गूंज उठा. शहीद अजरुदीन के पिता खुर्शीद अहमद ने बताया कि 22 अगस्त को उनके बेटे की छुट्टी मंजूर थी. उनका फोन आया था कि रक्षाबंधन को वह आएगा छुट्टी मिल गई है. उन्होंने कहा कि क्या पता था कि उनका बेटा तिरंगे में लिपट कर आएगा. अभी उनके चार बेटे और हैं, अगर जरूरत पड़ी तो वह अपने चारों बेटों को देश सेवा में भेजने के लिए तैयार है. उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है.
ये भी पढ़ें- अरुणाचल में माओवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुआ हरियाणा का लाल, पैतृक गांव में हुआ अंतिम संस्कार
सैनिक शहीद होने की खबर सुनकर गांव नाई नगला में सुबह से ही राजनेताओं व गणमान्य लोगों का तांता लगा रहा. बता दें कि 18 मार्च 2018 को अजहरुद्दीन सेना में भर्ती हुए थे, वे 10 आर्म्ड यूनिट में पठानकोट में तैनात थे. इसी वर्ष 10 मार्च को उनकी शादी हुई थी. पठानकोट में युद्ध अभ्यास के दौरान जवान अजहरुद्दीन देश के के लिए सर्वोपरि बलिदान दे गए.
बता दें कि, पंजाब के पठानकोट में खराब मौसम में ट्रेनिंग के वजह से कई जवानों की तबीयत बिगड़ गई. तबीयत बिगड़ने के बाद जवान अजहरुद्दीन देश के लिए सर्वोपरि बलिदान दे गए. वहीं कई अन्य जवान बीमार पड़ गए हैं. जवानों का इलाज आर्मी हॉस्पिटल में चल रहा है. ट्रेनिंग सेंटर में कुछ अधिकारियों और जूनियर कमीशंड अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा था. ट्रेनिंग के दौरान बेहद गर्मी पड़ रही थी जिस वजह से जवानों की तबीयत बिगड़ी है.
ये भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर में शहीद सुरेंद्र कालीरामना को नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई