Honey Bee Farming: मधुमक्खी पालन के लिये सरकार दे रही 85% सब्सिडी, 3 से 4 महीनों में लाखों की कमाई कर रहे युवा
Updated on: Jan 24, 2023, 6:17 PM IST

Honey Bee Farming: मधुमक्खी पालन के लिये सरकार दे रही 85% सब्सिडी, 3 से 4 महीनों में लाखों की कमाई कर रहे युवा
Updated on: Jan 24, 2023, 6:17 PM IST
नूंह जिले में पहले केवल हिमाचल और उत्तराखंड के युवा ही मधुमक्खी पालन व्यवसाय के लिए आते थे और लाखों की कमाई करते थे. वहीं, अब नूंह जिले के युवा भी मधुमक्खी पालन का व्यवसाय (People benefit of beekeeping in Nuh) करने लगे हैं.
नूंह: पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं के लिए अच्छी खबर है. जिला बागवानी विभाग की मदद से मधुमक्खी पालन से पढ़े-लिखे बेरोजगार युवा अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकते हैं. मधुमक्खी पालन के लिए सरकार 85 प्रतिशत अनुदान भी दे रही है. मधुमक्खी पालन से हिमाचल और उत्तराखंड इत्यादि राज्य के पढ़े-लिखे बेरोजगार युवा अच्छी खासी आमदनी मधुमक्खी पालन से कर लेते हैं. लेकिन राहत की खबर यह है कि अब नूंह जिले का गुबराड़ी गांव में दो सगे भाइयों ने मधुमक्खी पालन व्यवसाय अपनाकर अपनी आमदनी में अच्छा खासा इजाफा तो किया ही है, साथ ही दूसरों के लिए एक मिसाल भी पेश की है.
दरअसल, जिला बागवानी अधिकारी डॉ. दीन मोहम्मद ने बताया कि सहूद व रिजवान पुत्र हाजर खान गुबराडी गांव के रहने वाले हैं. दोनों भाई ग्रेजुएट हैं. इन्होंने बीते साल सितंबर माह में मधुमक्खी पालन व्यवसाय शुरू किया था. शुरुआत में दोनों ने 50-50 डिब्बे मधुमक्खी के जिला बागवानी विभाग की मदद से लिए थे. जो अब उन्होंने बढ़ाकर 110-110 डिब्बे कर लिए हैं.
दोनों सगे भाई इस व्यवसाय में चंद महीने में लगभग डेढ़ लाख रुपए का शहद, वैक्स और पोलन बेच चुके हैं. इन दिनों इलाके में हजारों एकड़ भूमि में सरसों के पीले-पीले फूल खिले हुए हैं. जिससे मधुमक्खी बड़ी आसानी से शहद तैयार कर लेती है. पहले यहां के स्थानीय युवा मधुमक्खी पालन में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे, लेकिन बागवानी विभाग ने लोगों को जागरूक किया तो 2 युवाओं ने इस व्यवसाय को अपना लिया है. जो दूसरों के लिए भी मिसाल बन रहे हैं.
इन युवाओं को 85 प्रतिशत अनुदान के साथ-साथ रामनगर कुरुक्षेत्र में प्रशिक्षण भी दिलाया जाता है. प्रशिक्षण के दौरान रहना और खाना पूरी तरह से मुफ्त होता है. उन किसानों में युवाओं को एक रुपए प्रति किलो कच्चा शहद भी दिया जाता है, दीन मोहम्मद के मुताबिक किसानों और बेरोजगार युवा मधुमक्खी पालन को अपनाकर अपनी आमदनी हर साल 2 लाख रुपए तक सिर्फ 50 मधुमक्खी के बॉक्स से ही बढ़ा सकते हैं.
ये भी पढ़ें: राष्ट्रीय बालिका दिवस 2023: इस रिपोर्ट में देखें हरियाणा की बेटियों का हाल
कुल मिलाकर मधुमक्खी पालन किसानों की आजीविका में सुधार लाने के लिए एक बड़ा माध्यम हो सकता है. जिले के 2 युवाओं ने इसकी शुरुआत कर दी है. अब देखना यह है कि आने वाले समय में मधुमक्खी पालन से जिले के पढ़े-लिखे बेरोजगार युवा कितनी तेजी से कदम बढ़ाते हैं. उनके कदम को साथ देने के लिए जिला बागवानी विभाग पूरी तरह से अनुदान देने के लिए तैयार है. 50 बॉक्स पर सिर्फ युवाओं को 20-22 हजार रुपए अपनी जेब से खर्च करने होते हैं, बाकि सारा खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है.
ये भी पढ़ें: सीएम सिटी में मुश्किल हुआ मुसाफिरों का सफर, 4 साल में आधी हुई करनाल डिपो में बसों की संख्या
