सगी बहन से छेड़छाड़ के दोषी भाई और साथ देने वाली मां को 7 साल की सजा, पिता ने दर्ज करवाई थी FIR

सगी बहन से छेड़छाड़ के दोषी भाई और साथ देने वाली मां को 7 साल की सजा, पिता ने दर्ज करवाई थी FIR
हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में एक छेड़छाड़ के एक हैरान करने वाले मामले में नारनौल कोर्ट (Narnaul court sentenced mother and son) ने पीड़ित लड़की के सगे भाई और मां को 7 साल की सजा सुनाई है. पीड़ित लड़की नाबालिग थी. उसने अपनी मां से शिकायत की थी कि उसका भाई उसके और बहन के साथ छेड़छाड़ करता है. लेकिन मां ने बेटी की शिकायत को अनसुना कर दिया और उल्टा भाई का साथ दिया.
महेंद्रगढ़: हरियाणा के नारनौल की फास्ट ट्रैक अदालत ने रिश्ते को शर्मसार करने वाले इस केस में पीड़ित की सगी मां और भाई को 7-7 साल का कारावास (Mother and son sentenced for molesting a minor) और एक लाख जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माना न भरने की सूरत में दोनों को 6 महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी पड़ेगी. हैरान करने वाली बात ये है कि जिन मां और बेटे को सजा सुनाई गई है वो दोनों पीड़ित लड़की की सगी मां और भाई हैं.
नारनौल शहर के एक मोहल्ले की रहने वाली नाबालिग लड़की ने आरोप लगाया था कि उसका भाई उसके और उसकी बहन के साथ 3 साल से छेड़छाड़ (Minor molestation case in Narnaul) करता आ रहा है. वो उनको काफी तंग करता है. जब लड़की ने इस छेड़छाड़ के बारे में अपनी मां को बताया तो मां ने मामले को अनसुना कर दिया और उल्टा लड़की को ही डांटा और आरोपी भाई का साथ देती रही. पीड़ित के मुताबिक मां ने कहा कि लड़का तो ऐसे ही करेगा. इसके बाद पीड़ित नाबालिग ने अपने पिता से आपबीती बताई.
जब लड़की ने अपने पिता को सारी कहानी बताई तो पिता बेटी को लेकर महिला थाने गया और लड़की की मां और भाई के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया. इसके बाद 3 साल मामला कोर्ट में चला. बुधवार को फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट की अदालत ने इस मामले में बेटे को 10 पॉक्सो एक्ट के तहत 7 साल की सजा व 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई. जुर्माना न भरने की सूरत में 6 माह का अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी.
अदालत ने मां को भी 17 पोक्सो एक्ट के तहत 7 साल की सजा और 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई. जुर्माना न भरने पर 6 महीने का अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी. इसके अलावा बेटे को 506 के तहत 3 साल की सजा और 20 हजार रूपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने पर 3 महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई.
