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Shraddha Paksha 2023: श्राद्ध पक्ष में इस विशेष मंत्र के साथ करें तर्पण, पितृ पक्ष विधि-विधान, भूलकर भी न करें ये काम

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 28, 2023, 11:09 AM IST

Updated : Sep 29, 2023, 6:13 AM IST

Shraddha Paksha 2023 Shraddha Paksha mantra significance of tarpan in Pitru Paksha
श्राद्ध पक्ष तर्पण विधि मंत्र और सावधानी

Shraddha Paksha 2023 पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने का विशेष महत्व है. श्राद्ध पक्ष में कुछ ऐसे कार्य हैं, जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही आइए जानते हैं कि इन दिनों पितरों को प्रसन्न करने के लिए क्या करना चाहिए. (Importance of Shraddha Paksha mantra significance of tarpan in Pitru Paksha)

करनाल: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का समय पितरों को प्रसन्न करने का समय होता है. इस महीने में पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, दान आदि करते हैं. इस साल 29 सिंतबर से पितृ पक्ष शुरू हो रहा है. मान्यता है कि पितृ पक्ष में विधि-विधान से तर्पण और श्राद्ध करने पर पितर प्रसन्न होते हैं. इसके साथ ही कुछ ऐसे भी कार्य हैं, जिन्हें पितृ पक्ष के दौरान नहीं करना चाहिए. श्राद्ध पक्ष में मंत्र के साथ तर्पण का विशेष महत्व बताया गया है. तो आइए जानते हैं पितृ पक्ष में तर्पण कैसे करें.

पितृ पक्ष में निकाले जाते हैं भोजन के पांच अंश: पंडित विश्वनाथ ने बताया कि पितृ पक्ष में भोजन के पांच अंश निकाले जाते हैं. देवता, गाय, चींटी, कौए और कुत्तों के लिए भोजन के अंश निकाले जाते हैं. कुछ लोग इन दिनों के दौरान पिंडदान भी करते हैं. इशके अलावा पितरों के लिए भोजन तैयार करके उसको दान करते हैं, जिस दिन अपने पितरों के लिए कोई भी इंसान भोजन तैयार करता है तो उसके पांच अंश निकल जाते हैं. यह पांच अंश देवता, गाय, चींटी कौए और कुत्ते के लिए निकले जाते हैं.

क्यों निकाले जाते हैं भोजन के अंश?: पंडित विश्वनाथ कहते हैं 'यह अंश इसलिए निकल जाते हैं क्योंकि देवता को आकाश तत्वों के प्रतीक माना गया है. गाय को पृथ्वी तत्व का प्रतीक माना गया है, कौए को वायु तत्व के प्रतीक माना गया है. चींटी को अग्नि तत्वों के प्रतीक (significance of tarpan in Pitru Paksha) के रूप में माना जाता है और कुत्ते को जल तत्वों के प्रतीक के रूप में माना जाता है. इसलिए इन पांचों के श्राद्ध पक्ष के दौरान खाना निकाला जाता है.

पितृ पक्ष तर्पण का विधि-विधान: पंडित विश्वनाथ ने बताया कि श्राद्ध पक्ष के प्रत्येक दिन अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण करना चाहिए. तर्पण करने के दौरान अक्षत, कुश, जौ और काले तिल का प्रयोग करना चाहिए. इसे जल (पानी) की लुटिया में डालकर सूर्य देव को जल अर्पित कर सकते हैं. तर्पण करने के दौरान अनजाने में हुई गलती के लिए पितरों से क्षमा प्रार्थना करें और साथ ही परिवार में सुख समृद्धि की प्रार्थना करें.

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तर्पण के लिए करें इस मंत्रा का जाप: पंडित विश्वनाथ ने बताया कि, पितृ पक्ष में तर्पण के दौरान मंत्र जाप करने का विशेष महत्व है. तर्पण के दौरान इस मंत्री का जाप कर सकते हैं...

|| ॐ नमो व पितरो रसाय नमो व:

पितर: शोषाय नमो व:

पितरो जीवाय नमो व:

पीतर: स्वधायै नमो व:

पितर: पितरो नमो वो:

गृहान्न: पितरो दत्त:सत्तो व: ||

श्राद्ध पक्ष में भूलकर भी न करें ये गलतियां: पंडित विश्वनाथ ने बताया 'श्राद्ध पक्ष के दोनों को काफी अशुभ माना जाता है. इसलिए इन दिनों के दौरान कई प्रकार के काम है जो को नहीं करना चाहिए. अगर इन दिनों के दौरान यह काम करते हैं तो इससे पितृ पक्ष का दोष लग जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से पितर भी नाराज हो जाते हैं. श्राद्ध पक्ष में प्याज और लहसुन सेवन नहीं करना चाहिए. इस दौरान भूलकर भी मांस मदिरा, शराब का सेवन न करें. श्राद्ध पक्ष के दौरान कोई भी मांगलिक या शुभ काम करने से बचें. इन दिनों नई वस्तु नहीं खरीदनी चाहिए और ना ही किसी भी प्रकार का नया व्यवसाय शुरू करना चाहिए. श्राद्ध पक्ष में अपने नाखून बाल और दाढ़ी भी नहीं कटवाने चाहिए. यह कुछ खास बातें हैं जिनका इन दिनों के दौरान विशेष ध्यान रखना चाहिए.'

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Last Updated :Sep 29, 2023, 6:13 AM IST
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