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करनाल में सजी मां सरस्वती की रंग बिरंगी मूर्ति, महंगाई से मायूस मूर्तिकारों की बे'रंग' बसंत पंचमी

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Published : Jan 22, 2023, 7:30 PM IST

Updated : Jan 23, 2023, 7:17 AM IST

Sculptors made idol of Maa Saraswati in Karnal
मूर्तिकारों के चेहरों पर मायूसी

सरस्वती पूजा में विद्या की देवी की पूजा का अपना महत्व है. वहीं, करनाल में नमस्ते चौक पर मूर्तिकारों द्वारा मां सरस्वती की रंग बिरंगी मूर्ति (Sculptors made idol of Maa Saraswati in Karnal) बनाकर रखी गई है. लेकिन बढ़ती महंगाई के चलते मूर्तिकार इस बार काफी मायूस नजर आये.

प्रतिमा निर्माण में जितना समय लगता है उतना पैसा नहीं मिलता

करनाल: हरियाणा के करनाल में बसंत ऋतु के आते ही पीले सरसों के फूलों द्वारा खेतो की शोभा बढ़नी हुई शुरू हो जाती है. सरसों की हरी पत्तियां व उसके ऊपर खिले पीले-पीले फूल बसंत ऋतु के आने का पहले ही संकेत देने लग जाती है. ठीक उसी तरह विद्यादायिनी मां सरस्वती की प्रतिमा बना रहे मूर्तिकार भी प्रतिमा निर्माण में जोर-शोर से जुट चुके हैं. वहीं, करनाल में नमस्ते चौक पर राज्यस्थान से आये 10 से 15 मूर्तिकारों का समूह मां सरस्वती की प्रतिमा बनाने में जुटा है. तरह तरह की छोटी बड़ी रंग बिरंगी मां सरस्वती की मूर्तियों को बना कर रखा गया है.

मूर्तिकार खेता राम बताते है लगभग कोरोना काल के 2 साल बाद काम तो शुरू हुआ है, लेकिन मंदी के चलते दिक्कतें बढ़ रही है. एक बड़ी प्रतिमा के निर्माण में दस से पंद्रह दिन का समय लगता हैं. वहीं, छोटी मूर्ति को 6 से 7 दिन लगते हैं, लेकिन सही मूल्य नहीं मिलने के कारण निराशा होती हैं. मूर्तिकार महिला राधा बताती हैं कि पुश्तैनी रोजगार होने के कारण प्रतिमा निर्माण कार्य मे जुड़े हुए हैं. काम हमे आता नहीं है, महंगाई के दौर में प्रतिमा निर्माण में जितना समय लगता है उसके अनुकूल पैसा नहीं मिलता. फिर भी मूर्ति कलाकार प्रतिमा को मूर्ति रूप देने में जोर शोर से जुटे हैं.

Sculptors made idol of Maa Saraswati in Karnal
वसंत पंचमी के आगम को प्रकृति तैयार

इधर शहर के विभिन्न जगहों पर मां सरस्वती पूजा की तैयारी को लेकर लोग जुट चुके हैं. आप को बता दें हिन्दू धर्म में बसंत पंचमी का विशेष महत्व इसलिए भी है, क्योंकि इसी दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है. माता सरस्वती विद्या की देवी हैं, मां सरस्वती अनेकों शक्ति की देवी मानी जाती है. ज्ञान, विज्ञान, विद्या, कला, बुद्धि, मेधा, धारणा और तर्कशक्ति जैसी अनेकों शक्ति की देवी है मां सरस्वती.

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ये सभी शक्तियां माता अपने भक्तों को प्रदान करती हैं, भक्त को अगर इनमें से कोई शक्ति प्राप्त करनी हो तो वह विद्या की देवी माता शारदा की आराधना करके उनसे उस शक्ति को प्राप्त कर सकता है. ऋतुओं में बसंत ऋतु सर्वश्रेष्ठ है, इसीलिए वसंत को 'ऋतुओं का राजा' माना जाता है. इस ऋतु के प्रवेश करते ही संपूर्ण पृथ्वी वासंती आभा से खिल उठती है.

Sculptors made idol of Maa Saraswati in Karnal
बसंत पंचमी के लिए सजी मां सरस्वती की रंग बिरंगी मूर्ति

वसंत ऋतु के आगमन पर वृक्षों से पुराने पत्ते झड़ जाते हैं और नए पत्ते आना प्रारंभ होते हैं. इस ऋतु के प्रारंभ होने पर शीतलहर धीरे-धीरे कम होने लगती है. तथा वातावरण में ऊष्णता का समावेश होता है. माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को वसंत ऋतु का आरंभ स्वीकार किया गया है और इसे महत्वपूर्ण पर्व की मान्यता दी गई है.

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Last Updated :Jan 23, 2023, 7:17 AM IST
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