करनाल बना सिंघु बॉर्डर: पूरी तैयारी के साथ बैठे किसान, लंगर, हुक्का और फ्री मेडिकल कैंप सबकुछ

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Published : Sep 8, 2021, 4:22 PM IST

Updated : Sep 8, 2021, 4:43 PM IST

karnal farmer protest

करनाल लघु सचिवालय (karnal farmer protest) पर चल रहे किसानों के धरने पर अब सिंघु बॉर्डर (singhu border) जैसे नजारे देखने को मिल रहे हैं. यहां पर लंगर भंडारा शुरू दिया गया है. वहीं फ्री में डॉक्टर द्वारा सेवा की जा रही है.

करनाल: सीएम सिटी करनाल के लघु सचिवालय (karnal farmer protest) के सामने भी दिल्ली के सिंघु बॉर्डर (singhu border) जैसे नजारे देखने को मिल रहे हैं. सेवा में सबसे आगे रहने वाले सिख श्रद्धालु यहां भी आ जुटे हैं. कहीं फल बांटे जा रहे हैं, कहीं भंडारे लग रहे हैं, कहीं चाय बन रही है और कहीं फ्री में डॉक्टर द्वारा सेवा की जा रही है. करनाल के लघु सचिवालय के सामने दिल्ली जैसा नजारा देखने को मिल रहा है. यहां पर शिरोमणी गुरद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी भंडारा शुरू दिया है.

सभी धर्मों के लोग इकट्ठा भंडारा तैयार कर रहे हैं और अन्य संस्थाएं भी हैं दिखाई दे रही हैं. अगर सरकार और किसानों के बीच बातचीत का स्थाई हल नहीं निकलता तो सिंघु बॉर्डर की तरह यहां पर भी आपको हरियाणा के किसानों का जमावड़ा दिखाई देगा. यहां धीरे-धीरे किसान बढ़ रहे हैं, आज ज्यादा किसान यहां आ डटे हैं. बता दें कि, हरियाणा में किसान और सरकार में एक बार फिर टकराव होता दिख रहा है. करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद किसान अपनी मांग पर अड़ गए हैं तो सरकार भी सख्त है. इसी सिलसिले में करनाल में मंगलवार को महापंचायत (Karnal Kisan Mahapanchayat) की गई थी.

करनाल बना सिंघु बॉर्डर, लंगर भंडारे के साथ हुक्के पर पंचायत शुरू

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लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने महापंचायत बुलाई थी और साथ ही करनाल मिनी सचिवालय घेरने का ऐलान किया था. लाठीचार्ज के बाद से ही किसानों में उबाल है. लाठीचार्ज को लेकर तत्कालीन करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा का वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें एसडीएम किसानों का सिर फोड़ने का आदेश दे रहे हैं. किसानों की नाराजगी की यही सबसे बड़ी वजह है. संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार के सामने अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग सहित तीन मांगें रखी थी और 6 सितंबर तक का समय दिया था.

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करनाल लघु सचिवालय पर लगा भंडारा

सरकार ने मांगें नहीं मानी और किसानों ने महापंचायत के बाद लघु सचिवालय का घेराव कर वहीं डेला डाल लिया. मंगलवार को मामले को खत्म करने के लिए जिला प्रशासन ने संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को दो बार बातचीत के लिए बुलाया, लेकिन दोनों बार वार्ता विफल रही. बहरहाल जोरदार प्रदर्शन, बैरिकेड़ तोड़ने और पानी की बौछारों के बीच किसानों ने जिला सचिवालय घेर लिया. किसान नेता राकेश टिकैत बाकी किसानों के साथ सचिवालय के गेट पर ही धरने पर बैठ गए.

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करनाल लघु सचिवालय पर कट रही सब्जियां

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किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती तब तक वे धरने से नहीं उठेंगे. रात होते-होते किसानों ने लंगर भी लगा लिया और सचिवालय के बाहर ही खाना भी खाया. इस दौरान किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमने धरना दे दिया है जब तक प्रशासन मांगें नहीं मानती है तब तक धरना चलेगा और लंगर भी जारी रहेगा. हमने अपने कपड़े और खाने का सामान लघु सचिवालय पर ही मंगा लिया है.

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करनाल लघु सचिवालय पर कट रही सब्जियां

बता दें कि, करनाल लघु सचिवालय के बाहर किसानों का धरना जारी है. रात भर से किसान सचिवालय के बाहर डटे हुए हैं. जिस तरह से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन चल रहा है अब करनाल में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है.

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फ्री में डॉक्टर द्वारा सेवा की जा रही है
Last Updated :Sep 8, 2021, 4:43 PM IST
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