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Union Budget 2023: केंद्रीय बजट पेश होने से पहले जानिए हरियाणा के किसानों की क्या हैं मांगें?

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Published : Jan 30, 2023, 6:57 PM IST

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2023 (Union Budget 2023) पेश करेंगी. बजट पेश होने से पहले ईटीवी भारत ने किसानों से बात की और जाना कि बजट से उनकी क्या उम्मीदें हैं.

Expectations of farmers from budget in Haryana
बजट से हरियाणा के किसानों की क्या हैं उम्मीदें

हरियाणा के किसानों की क्या हैं मांगें

करनाल: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को संसद में केंद्रीय बजट 2023-24 के लिए पेश करने जा रही हैं. अन्य उद्योगों की तरह ही कृषि क्षेत्र को भी इस साल के बजट से बड़ी उम्मीदें हैं तो आने वाले बजट के चलते ईटीवी भारत ने किसानों से बात की और जाना कि वह आने वाला बजट कैसा चाहते हैं.

बीज व खाद पर अनुदान: किसानों का कहना है कि खेती करने के लिए सबसे अहम फसल का बीज व फसल में डालने के लिए खाद की आवश्यकता होती है. ऐसे में खेती करने के लिए यह सबसे अहम होती है. लेकिन, दिन प्रतिदिन इनके दाम आसमान छूते जा रहे हैं. जिससे किसानों की आमदनी कम लागत ज्यादा लगानी पड़ रही है तो किसान सरकार से अपील करते हैं कि आने वाले बजट में किसानों के लिए खेती करने के लिए फसल का बीज व खाद का मूल्य कम होना चाहिए. या समय पर किसानों को खाद और बीज से मिलना चाहिए.

ऐसी पॉलिसी बने कि समय पर मिले खाद व बीज: किसानों ने कहा कि आने वाले बजट में किसान वित्त मंत्री से यह उम्मीद करते हैं कि किसानों को उनकी फसल के लिए समय पर खाद व बीज उपलब्ध हो. क्योंकि जब किसान खेती करते हैं तो कई-कई महीने लाइन में लगने के बाद भी खाद नहीं मिल पाता. ऐसे में उनकी फसल के उत्पादन पर काफी प्रभाव पड़ता है. इसलिए इस बजट में उम्मीद करते हैं कि किसानों के लिए ऐसी पॉलिसी बनाई जाए ताकि उनको उनकी जोत के हिसाब से समय पर खाद व बीज मिल सके.

पशुपालन के लिए भी बनाए कोई प्लान: किसानों का कहना है कि हरियाणा ही नहीं भारत में जितने भी किसान हैं. सभी खेती के साथ-साथ पशुपालन भी करते हैं. पशुपालन के लिए पशुओं को डालने के लिए चारा व दाना लगातार महंगा होता जा रहा है. इसने किसानों को पशुपालन करने के लिए दाने पर कुछ अनुदान देना चाहिए, जिससे किसानों को पशुपालन में कुछ बचत हो सके.

एमएसपी पर गारंटी: किसानों का कहना है कि किसान जब अपनी फसल काटकर खेत से मंडी में लेकर जाते हैं, तब उनको उनकी फसल का एमएसपी नहीं मिल पाता. हालांकि सरकार दावा जरूर करती है कि किसानों की फसल एमएसपी पर खरीदी जाती है, लेकिन उनकी फसल में नमी या अन्य कोई बहाना बना कर भाव कम लगता है. जिससे किसानों को काफी नुकसान होता है. ऐसे में किसान चाहते हैं कि लिखित में किसानों के लिए एमएसपी पर गारंटी लेकर आए, जिससे किसानों की आय बढ़ सके.

किसानों को नहीं स्टार्टअप करने के लिए दे अनुदान: किसानों का कहना है कि तो छोटी जोत के अगर अपने खेत में कुछ खेतीबाड़ी से संबंधित स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं तो उसके लिए पॉलिसी बनाकर उनको अनुदान दिया जाए. जिसे किसान खेती बाड़ी से संबंधित ही कोई स्टार्टअप शुरू कर पाएं. ऐसे करने से किसानों की हालत में सुधार हो सकता है.

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