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करनाल में गजब हो गया, डॉक्टर के मृत घोषित करने के तीन घंटे बाद जीवित हुआ बुजुर्ग

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 12, 2024, 12:41 PM IST

Dead man alive before funeral: करनाल में गजब हो गया. डॉक्टर ने जिस बुजुर्ग को मृत घोषित कर दिया था, वह जिंदा हो गया. करनाल के रहने वाले दर्शनपाल को हार्ट अटैक के बाद डॉक्टर ने मृत बता दिया था. परिजन दर्शनपाल को अंतिम संस्कार के लिए अस्पताल से लेकर घर जा रहे थे कि अचानक एक गड्डे में एंबुलेंस का टायर लगने से झटका लगा और दर्शनपाल की सांसे चलने लगी.

Dead man alive before funeral
करनाल में चमत्कार

करनाल: सड़कों में गड्डे होने पर हर कोई स्थानीय नेता और प्रशासन को जिम्मेवार ठहरता है लेकिन कई बार यह गड्डे किसी के लिए वरदान भी साबित हो जाते हैं. करनाल से एक ऐसा ही मामला सामने आया है. हुआ यूं की एक बुजुर्ग को अस्पताल में डॉक्टर ने इलाज के दौरान मृत घोषित कर दिया था. बुजुर्ग के परिजन एंबुलेंस से उन्हें गांव ला रहे थे कि अचनाक गड्डे में एंबुलेंस ने हिचकोला खाया और मृत बुजुर्ग की सांस चलने लगी. बुजुर्ग को फिर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका इलाज चल रहा है.

इलाज के दौरान सांस थम गयी: करनाल के निसिंब कस्बे में रहने वाले अस्सी साल के दर्शनपाल को हार्ट अटैक आया. परिजनों ने इलाज के लिए उन्हें पटियाला के एक अस्पताल में दाखिल करवाया. इलाज के दौरान उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गयी. डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. अस्पताल आये परिजनों ने रिश्तेदारों को इस बात की सूचना दी जिसके चलते गांव में दर्शनपाल के अंतिम संस्कार की सारी तैयारी कर ली गई.

कैसे हुआ चमत्कार: डॉक्टरों द्वारा दर्शनपाल को मृत बताये जाने पर परिजन डेड बॉडी को एंबुलेंस से करनाल के लिए निकल पड़े. रास्ते में ही चमत्कार हो गया. दर्शनपाल के बेटे बलदेव ने बताया कि पटियाला से वह जैसे ही कैथल ओर निसिंग के बीच में पहुंचे तो एक गड्डे में एंबुलेंस का टायर लग गया. इसके बाद परिवार वालों ने दर्शनपाल का हाथ हिलता हुआ देखा. फिर उनकी नब्ज देखी गई तो, नब्ज चलती हुई मिली. तुरंत परिजन निसिंग के अस्पताल में दर्शनपाल को लेकर गये. डॉक्टरों की टीम ने बताया कि वे जीवित हैं. बेहतर इलाज के लिए डॉक्टरों ने दर्शनपाल को करनाल के रावल हॉस्पिटल रेफर कर दिया, जहां उनका इलाज चल रहा है.

रावल हॉस्पिटल के डॉक्टर ने क्या कहा?: रावल हॉस्पिटल के डॉक्टर नेत्रपाल ने बताया कि दर्शनपाल की स्थिति पहले से बेहतर है, लेकिन कुछ दिन के लिए उन्हें अस्पताल में रखा जाएगा ताकि अच्छे से देखभाल हो सके और इलाज हो सके. परिवार वालों से जानकारी मिली है कि दर्शनपाल पिछले 10 वर्षों से हार्ट के मरीज हैं और उनकी छाती में इंफेक्शन हो गया था. इलाज के लिए उनको पटियाला के एक अस्पताल ले जाया गया था. यहां पर डॉक्टरों ने उनका चेकअप किया और रिपोर्ट भी अच्छी नहीं आई थी. इसके बाद दर्शनपाल को वेंटिलेटर पर रखा गया था लेकिन थोड़े समय के बाद ही डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था. लेकिन एक बार फिर से उनकी सांस चलने लगी. यह हम भगवान का करिश्मा ही कहेंगे की मृत व्यक्ति एक बार फिर जीवित हो गया.

ये भी पढ़ें: हॉस्टल में रह रही नौवीं की छात्रा ने दिया बच्चे को जन्म, वार्डन समेत दो सस्पेंड

ये भी पढ़ें: मॉडल दिव्या पाहुजा हत्याकांड में बड़ी कामयाबी, आरोपी बलराज गिल कोलकाता से गिरफ्तार

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इलाज के दौरान सांस थम गयी: करनाल के निसिंब कस्बे में रहने वाले अस्सी साल के दर्शनपाल को हार्ट अटैक आया. परिजनों ने इलाज के लिए उन्हें पटियाला के एक अस्पताल में दाखिल करवाया. इलाज के दौरान उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गयी. डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. अस्पताल आये परिजनों ने रिश्तेदारों को इस बात की सूचना दी जिसके चलते गांव में दर्शनपाल के अंतिम संस्कार की सारी तैयारी कर ली गई.

कैसे हुआ चमत्कार: डॉक्टरों द्वारा दर्शनपाल को मृत बताये जाने पर परिजन डेड बॉडी को एंबुलेंस से करनाल के लिए निकल पड़े. रास्ते में ही चमत्कार हो गया. दर्शनपाल के बेटे बलदेव ने बताया कि पटियाला से वह जैसे ही कैथल ओर निसिंग के बीच में पहुंचे तो एक गड्डे में एंबुलेंस का टायर लग गया. इसके बाद परिवार वालों ने दर्शनपाल का हाथ हिलता हुआ देखा. फिर उनकी नब्ज देखी गई तो, नब्ज चलती हुई मिली. तुरंत परिजन निसिंग के अस्पताल में दर्शनपाल को लेकर गये. डॉक्टरों की टीम ने बताया कि वे जीवित हैं. बेहतर इलाज के लिए डॉक्टरों ने दर्शनपाल को करनाल के रावल हॉस्पिटल रेफर कर दिया, जहां उनका इलाज चल रहा है.

रावल हॉस्पिटल के डॉक्टर ने क्या कहा?: रावल हॉस्पिटल के डॉक्टर नेत्रपाल ने बताया कि दर्शनपाल की स्थिति पहले से बेहतर है, लेकिन कुछ दिन के लिए उन्हें अस्पताल में रखा जाएगा ताकि अच्छे से देखभाल हो सके और इलाज हो सके. परिवार वालों से जानकारी मिली है कि दर्शनपाल पिछले 10 वर्षों से हार्ट के मरीज हैं और उनकी छाती में इंफेक्शन हो गया था. इलाज के लिए उनको पटियाला के एक अस्पताल ले जाया गया था. यहां पर डॉक्टरों ने उनका चेकअप किया और रिपोर्ट भी अच्छी नहीं आई थी. इसके बाद दर्शनपाल को वेंटिलेटर पर रखा गया था लेकिन थोड़े समय के बाद ही डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था. लेकिन एक बार फिर से उनकी सांस चलने लगी. यह हम भगवान का करिश्मा ही कहेंगे की मृत व्यक्ति एक बार फिर जीवित हो गया.

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