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हरियाणा में डीएपी खाद की कमी, गेहूं की बिजाई हो रही प्रभावित, घंटों लाइन में लगने को मजबूर किसान

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Published : Oct 27, 2022, 9:54 PM IST

dap fertilizer shortage in haryana
dap fertilizer shortage in haryana

हरियाणा में एक बार फिर से डीएपी (dap fertilizer shortage in haryana) और यूरिया खाद की कमी हो गई है. जिसकी वजह से किसान खाद के लिए लंबी-लंबी लाइन लगाने को मजबूर हैं.

करनाल: हरियाणा में गेहूं की बिजाई जारी है, लेकिन डीएपी और यूरिया खाद की कमी (dap fertilizer shortage in haryana) होने से किसानों को खासी परेशानी हो रही है. लिहाजा किसान डीएपी और यूरिया खाद लेने के लिए कोऑपरेटिव सोसाइटी के सामने लंबी-लंबी लाइन लगाने को मजबूर हैं. भूखे-प्यासे किसान अपनी फसल की बिजाई के लिए घंटों लाइनों में लगे हैं. किसानों का कहना है कि गेहूं बिजाई के लिए डीएपी खाद की जरूरत पड़ती है, लेकिन खाद ना मिलने के कारण गेहूं की बिजाई लेट हो जाती है.

पिछले 2 सालों से हरियाणा में डीएपी खाद की कमी से किसान काफी परेशान हो रहे हैं. सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है, जिससे किसानों में नाराजगी दिखाई दे रही है. किसानों के मुताबिक डीएपी खाद के एक बैग का मूल्य ₹1350 है, जबकि उनके ऊपर एमपीके खाद जबरदस्ती थोपा जा रहा है. जिसका मूल्य ₹1500 प्रति बैग है, लेकिन मजबूरी के चलते किसानों को ये खरीदना पड़ रहा है, क्योंकि गेहूं की बिजाई शुरू हो गई है. बड़थल गांव के कोऑपरेटिव सोसाइटी के प्रबंधक ऋषि पाल ने कहा कि अभी तक डीएपी खाद का सिर्फ एक ही ट्रक आया है. जो कई दिन पहले खत्म हो चुका है.

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अब कोऑपरेटिव सोसाइटी में एमपीके बाद पहुंच रहा है. जिसको डीएपी खाद की जगह प्रयोग किया जा रहा है. ये चार से पांच गांव की कोऑपरेटिव सोसाइटी है. पूरे जिले का ही यही हाल है. जहां कहीं अगर डीएपी खाद पहुंच रहा है, तो वहां पर किसानों को खाद लेने के लिए लंबी-लंबी लाइनें लगी होती है. जिसके लिए उनको घंटों इंतजार करने के बाद दो से 4 बैग ही दिए जाते हैं. किसान सुभाष का कहना है कि वो कई दिनों से डीएपी खाद के लिए कोऑपरेटिव सोसाइटी के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें खाद मिल ही नहीं पा रहा. हालांकि खाद का शुरुआती समय में सिर्फ एक ही ट्रक आया था. जिसमें लगभग 1000 बैग थे. वो किसानों के बांट देने के बाद अब वहां पर डीएपी खाद नहीं पहुंचा, जिसकी जंगह एमपीके खाद् मिल रहा है. जो डीएपी खाद से महंगा है और विश्वास लायक भी नहीं है.

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