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हिंदी दिवस: इंग्लिश इंटरनेशनल भाषा है इसलिए जिसे अंग्रेजी आती है वही होशियार... सीरियसली ?

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Published : Sep 14, 2019, 9:58 PM IST

हिंदी दिवस पर खास

हिंदी दिवस के मौके पर ईटीवी भारत की टीम ने छात्राओं से बातचीत की और जाना आखिरी आज के दौर में क्यों कम हो रहा हिंदी भाषा का चलन

हिसार: कहा जाता है कि भाषा कोई भी हो, उसका आभामंडल उसकी परिधि में आने वाले लोगों प्रभावित करता है. लेकिन अगर प्रभाव किसी पर हावी हो जाए तो क्या कहेंगे. भारतवासियों पर ऐसा ही प्रभाव अंग्रेजी भाषा ने डाला है. क्योंकि आज के समय में अंग्रेजी भाषा करियर के कामयाबी तक जाने की सीढ़ी बन चुका है और भारत की विभिन्न संस्कृतियों के बीच अंग्रेजी सेतु का काम कर रही है.

देखें हिंदी भाषा को लेकर छात्राओं की क्या है राय

'हर क्षेत्र में अंग्रेजी उपयोगी'
आज हिंदी दिवस के मौके पर ईटीवी भारत की टीम हिसार पहुंची और छात्रों से जाना कि आज के समय में लोग हिंदी से ज्यादा अंग्रेजी को क्यों महत्व दे रहे हैं. तो युवाओं का कहना था कि हर क्षेत्र में अंग्रेजी लोगों के लिए उपयोगी बन रही है. अगर आपको इंग्लिश नहीं आती तो आपको किसी भी प्राइवेट सेक्टर में जॉब लेना मुश्किल हो जाता है.

'माता-पिता की भी चाह बच्चे बोले इंग्लिश'
छात्रों ने बताया कि आज बच्चों के माता-पिता भी यही चाहते हैं कि उनका बच्चा अंग्रेजी माध्यम स्कूल में जाए. ताकि वो अच्छी इंग्लिश बोल सकें.

'इंग्लिश बोलने वाले को देखा जाता अलग नजरिए से'
उनका कहना है कि भारत में विभिन्न भाषाएं बोली जाती हैं लेकिन इंग्लिश एक ऐसी भाषा है, जो लगभग सभी प्रदेशों में बोली जाती है. छात्रों के अनुसार स्कूल कॉलेज में इंग्लिश अच्छी बोलने वाले छात्रों को एक अलग नजरिए से देखा जाता है और हिंदी बोलने वाले को अलग नजरिए से देखा जाता है. टीचर्स भी उन बच्चों को होशियार मानते हैं जिसे अच्छी इंग्लिश आती है.

Intro:देशभर में 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। भारत की राष्ट्रभाषा हिंदी है, परंतु धीरे-धीरे समय के साथ-साथ हिंदी भाषा का प्रचलन कम होता जा रहा है। युवाओं का कहना है कि बच्चों के माता-पिता यह चाहते हैं जी उनका बच्चा अच्छे स्कूल में इसलिए जाए ताकि वह अच्छी तरह इंग्लिश बोल सकें। छात्रों का कहना है कि देश की राष्ट्रभाषा हिंदी है, लेकिन महत्व इंग्लिश को ज्यादा दिया जा रहा है। उनका कहना है कि भारत में विभिन्न भाषाएं बोली जाती हैं लेकिन इंग्लिश एक ऐसी भाषा है जो लगभग थोड़ी बहुत सभी प्रदेशों में बोली जाती है जिसके कारण कुछ कम्युनिकेशन किया जा सकता है। वहीं युवाओं का कहना है कि प्राइवेट सेक्टर में इंग्लिश भाषा बोलने वाले युवाओं को अधिक महत्व दिया जाता है।




Body:छात्रों के अनुसार स्कूल कॉलेज में इंग्लिश अच्छी बोलने वाले छात्रों को एक अलग नजरिए से देखा जाता है। वही टीचर भी छात्रों का रुझान अंग्रेजी भाषा की तरफ खींचना चाहते हैं।


Conclusion:
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