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हरियाणा के कई जिलों में अच्छी बारिश, हिसार में सबसे ज्यादा 22 mm बरसात

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Published : Jan 23, 2022, 10:26 AM IST

cold wave in haryana
हिसार में सबसे ज्यादा बारिश हुई

वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण हरियाणा में मौसम ने करवट बदल ली है. शनिवार को प्रदेश में झमाझम बारिश के बाद हिसार व इसके आसपास के एरिया में मौसम में काफी बदलाव देखा गया. रातभर बारिश का सिलसिला जारी रहा. इसके अलावा दक्षिण-पूर्वी हवाओं ने मौसम में ठंडक बढ़ा दी (Cold Wave In Haryana) है

हिसार: हरियाणा में शनिवार को प्रदेश में झमाझम बारिश के बाद हिसार व इसके आसपास के एरिया में मौसम में काफी बदलाव देखा गया. ऐसे में बारिश के कारण और सर्दी बढ़ गई है. सुबह से हो रही हल्की बारिश रात होते-होते तेज हो गई. प्रदेश में सबसे अधिक हिसार में 22 एमएम बारिश दर्ज की (Rain In Hisar) गई रोहतक में 8, भिवानी में 4 और बालसमंद में 15 एमएम व महेंद्रगढ़ में 15.6 mm बारिश दर्ज की गई है. बारिश का ये दौर रविवार को भी जारी रहेगा.

प्रदेश में हवा की रफ्तार तेज होने के कारण कोहरा नहीं बन पाया तो विजिबलिटी रविवार सुबह साफ रही. रविवार को भी तेज हवाओं के साथ बारिश के आसार हैं. मौसम विभाग की मानें तो उत्तरी हरियाणा के जिलों में ज्यादा बारिश हो सकती है. इन जिलों में बारिश को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है.

cold wave in haryana
तापमान के आंकड़े

हरियाणा मौसम विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन लाल खीचड़ ने बताया पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव से 23 जनवरी को राज्य के उत्तर पश्चिमी और दक्षिण क्षेत्रों में हवाओं के साथ कहीं-कहीं बूंदाबांदी व हल्की बारिश की संभावना है. 24 जनवरी को उत्तरी हरियाणा के कुछ एक स्थानों पर बूंदाबांदी व अन्य क्षेत्रों में आंशिक बादल छाए रह सकते हैं. 25 जनवरी को राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम खुश्क व अलसुबह धुंध छा सकती है. 26 जनवरी से हल्की गति से उत्तर पश्चिमी हवाएं चलने से रात्रि तापमान में 5 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट आएगी.

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खंड कृषि अधिकारी ने बताया कि बारिश सभी फसलों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी. सर्दियों के इस मौसम में बारिश होने से तापमान में लगातार गिरावट आ रही है. इससे गेहूं, गन्ना, हरे पत्तेदार सब्जियां, तिहलन व दलहन की फसलों को काफी फायदा मिलेगा. बारिश की वजह से फसलें निरोगी रहेंगी और उत्पादन भरपूर होगा. गेहूं की फसल को फायदा होगा वहीं सरसों की फसल में कुछ हद तक नुकसान की संभावना है. माना लगातार नमी वाला मौसम बना रहने के कारण सरसों में रोनी व मोहेला रोग का प्रकोप बढ़ सकता है. किसान धूप निकलने के बाद फसलों में स्प्रे का छिड़काव कर सकते हैं. ताकि सरसो की फसल को रोंगो से बचाया जा सके.

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