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फरीदाबाद में फर्जी ई-चालान का लिंक भेजकर लोगों से पैसे ऐंठ रहे साइबर ठग, ऐसे करें असली और नकली मैसेज की पहचान

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Aug 25, 2023, 11:04 PM IST

e challan Fraud in Faridabad
e challan Fraud in Faridabad

साइबर ठगों ने आजकल ठगी का नया तरीका इजाद कर लिया है. इसके लिए वो परिवहन विभाग के ई-चालान का सहारा ले रहे हैं. ई-चालान का फर्जी मैसेज भेजकर वो लोगों की गोपनीय जानकारी हासिल करते हैं और उनके खाते से पैसा उड़ा देते हैं. फरीदाबाद साइबर सेल ने इस मामले में लोगों को अहम जानकारी दी है, जिसको ध्यान में रखकर ठगी से बचा जा सकता है.

फरीदाबाद: साइबर ठग आजकल फर्जी ई-चालान और परिवहन विभाग की सरकारी वेबसाइट की हूबहू नकल बनाकर आमजन के साथ साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. लगातार बढ़ रहे इस अपराध को देखते हुए फरीदाबाद पुलिस ने कुछ गाइडलाइन जारी की है. वाहन चालक जागरूक होकर इस प्रकार की धोखाधड़ी से अपना बचाव कर सकते हैं.

डीसीपी मुख्यालय एवं साइबर अपराध हेमेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि साइबर ठग अब ई-चालान भुगतान के बढते ट्रेंड को हथियार बनाकर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. उन्होंने आगे बताया कि फोन पर ई-चालान का संदेश आने पर जल्दबाजी में भुगतान ना करें. संदेश की जांच करें वरना जल्दबाजी के चक्कर में बैंक खाता खाली भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि साइबर ठग इस तरीके से हूबहू नकली संदेश तैयार करते है जिससे कोई भी धोखा खा सकता है. इस प्रकार साइबर ठग हूबहू मैसेज तैयार कर लेते हैं, जिसमें लिखा हुआ आता है कि आपका चालान कट गया है और आप इस लिंक पर क्लिक कर चालान भर सकते हैं.

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ऐसे करें असली और नकली मैसेज की पहचान- ई-चालान के असली मैसेज में आपके वाहन के इंजन नंबर, चेसिस नम्बर सहित अन्य जानकारी शामिल होती है. वहीं चालान कटने में लिंक में सरकारी साइड का एड्रेस https://echallan.parivahan.gov.in/ आता है. अब ठग चालाकी के साथ हूबहू सरकारी मैसेज में लिंक में मामूली सा अंतर कर देते हैं. जिसे थोड़ी सी सतर्कता से पहचाना जा सकता है. ठग की तरफ से आने वाले मैसेज में https://echallan.parivahan.in/ का लिंक होता है. जिसके अंत में .gov हटा दिया जाता है. असली लिंक में gov.in. जरूर होगा.

साइबर ठग इस प्रकार देते हैं धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम- साइबर ठग की तरफ से आने वाले लिंक पर क्लिक कर भुगतान की कोशिश में धोखाधड़ी हो रही है. जैसे ही कोई भी वाहन मालिक चालान भरने के लिये लिंक पर क्लिक कर बैंक अकाउंट डिटेल या डेबिड-क्रेडिट कार्ड की जानकारी डालता है. वैसे ही हैकर्स सबसे पहले उसके फोन को हैक करते हैं. थोड़ी देर तक फोन को अपने कंट्रोल में रखकर बैंक खाता या डेबिट-क्रेडिट का पूरा बैलेंस साफ कर देते हैं.

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डीसीपी ने आगे बताया कि ई-चालान के असली मैसेज में आपके वाहन के इंजन नंबर, चेसिस नम्बर सहित अन्य जानकारी शामिल होती है जबकि फर्जी मैसेज मे यह जानकारी नही होती. इसके साथ कभी भी ई-चालान का मैसेज किसी भी मोबाइल नम्बर से नहीं आता है. जिस लिंक को खोलकर चालान का भुगतान कर रहे हैं, उस वेबसाइट का लिंक .gov.in पर खत्म होना चहिए. वहीं ई-चालान का मैसेज आने पर साइट पर जाकर भी जांच कर सकते है।

धोखाधड़ी होने पर किस प्रकार करें शिकायत- पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि अगर आपके साथ किसी भी प्रकार की ऑनलाइन ठगी हो जाती है तो तुरंत नेशनल साइबर कंप्लेंट पोर्टल नंबर 1930 पर कॉल करें और www.cybercrime.gov.in पर आनलाईन शिकायत दर्ज करायें. पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाने पर आपके खाते से निकले हुए पैसे की ट्रांजेक्शन को रोका जा सकता है. इसके अलावा नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर साइबर हेल्प डेस्क या साइबर थाने से मदद ली जा सकती है.

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