नई दिल्ली/चंडीगढ़: देश के लिए दो बार ओलंपिक पदक जीतने वाला पहलवान सुशील आज 38 साल का हो गया. अपने जन्मदिन के मौके पर वह पुलिस रिमांड में है. इस मौके पर वह अपने परिवार को याद कर भावुक हो गया. इस मामले में पुलिस उसके खिलाफ मकोका के तहत एक्शन लेने पर भी विचार कर रही है. इसके लिए पुलिस कानूनी सलाह ले रही है.
जानकारी के अनुसार, ओलंपिक पदक विजेता एवं हत्या के आरोपी सुशील पहलवान का जन्म 26 मई 1983 को हुआ था. वह प्रत्येक वर्ष अपना जन्मदिन परिवार के सदस्यों के साथ मनाता था, लेकिन इस बार उसका जन्मदिन पुलिस रिमांड में बीत रहा है.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि अपने जन्मदिन के मौके पर वह परिवार के सदस्यों को याद कर भावुक हो गया. उसकी आंखों से आंसू निकल आये. उसने पुलिस को बताया कि वह अपना जन्मदिन धूमधाम से नहीं बल्कि अपने परिवार के सदस्यों के साथ मनाता था, लेकिन इस बार वह अपने परिवार के सदस्यों को देख भी नहीं सकता है.
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मकोका लगाने पर विचार कर रही पुलिस
पुलिस हिरासत में चल रही सुशील से पूछताछ में कई महत्त्वपूर्ण खुलासे हुए हैं. यह साफ हो गया है कि नीरज बवाना और आसौदा गैंग से उसके संबंध थे. रोहिणी जिला पुलिस ने भी हत्या के इस मामले में जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, वह नीरज और असोदा गैंग के सदस्य हैं. ऐसे में दिल्ली पुलिस को लग रहा है कि सुशील इनके साथ मिलकर संगठित तौर पर अपराध कर रहा था.
इसके चलते पुलिस सुशील पर मकोका लगाने पर विचार कर रही है. दरअसल नीरज बवाना एवं उसके गैंग के कई सदस्यों पर मकोका लगा हुआ है. ऐसे में पुलिस कानूनी सलाह ले रही है कि उस मामले में क्या सुशील की गिरफ्तारी हो सकती है. सूत्रों का कहना है कि कानूनी एक्सपर्ट की सलाह पर ही मकोका को लेकर निर्णय लिया जाएगा.
क्या है 'मकोका'(MCOCA) ?
महाराष्ट्र सरकार ने 1999 में मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) बनाया था. इसके तहत संगठित अपराध जैसे अंडरवर्ल्ड से जुड़े अपराधी, जबरन वसूली, फिरौती के लिए अपहरण, हत्या या हत्या की कोशिश, धमकी, उगाही सहित ऐसा कोई भी गैरकानूनी काम जिससे बड़े पैमाने पर पैसे बनाए जाते हैं जैसे मामले शामिल हैं. दिल्ली में भी ये एक्ट लागू है.
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पुलिस की तफ्तीश तेजी से बढ़ रही आगे
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उनकी जांच काफी तेजी से आगे जा रही है. मंगलवार को सुशील एवं एफएसएल की टीम के साथ वह छत्रसाल स्टेडियम गए थे, जहां पूरे घटना का रिक्रिएशन किया गया. इसके अलावा हत्याकांड में अभी तक कुल सात आरोपी गिरफ्तार हो गए हैं. उनके पास पिटाई का वीडियो एवं उसकी एफएसएल रिपोर्ट है जो सुशील का अपराध साबित करने के लिए महत्वपूर्ण साक्ष्य हैं. इसके अलावा अन्य टेक्निकल साक्ष्य भी पुलिस ने जुटा लिए हैं.