हरियाणा में 15 जून से सीरो सर्वे: जानिए कोरोना की तीसरी लहर से पहले बच्चों के लिए क्यों है जरूरी
Updated on: Jun 12, 2021, 2:12 PM IST

हरियाणा में 15 जून से सीरो सर्वे: जानिए कोरोना की तीसरी लहर से पहले बच्चों के लिए क्यों है जरूरी
Updated on: Jun 12, 2021, 2:12 PM IST
कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब हरियाणा सरकार संभावित तीसरी लहर पर फोकस कर रही है. सरकार की कोशिश है कि अगर तीसरी लहर आती है तो हरियाणा में उसके लिए पहले से तैयारियां की जाएं. यही कारण है कि सरकार 15 जून से प्रदेश में सीरो सर्वे करवाएगी. अब सीरो सर्वे क्या है, क्यों जरूरी है और कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए इसके क्या मायने हैं, इन सवालों का जवाब यहां जानिए...
चंडीगढ़: कोरोना की तीसरी लहर (third wave of coronavirus) की संभावनाओं को देखते हुए हरियाणा सरकार ने पहले ही प्लानिंग शुरू कर दी है. हरियाणा में 15 जून से सीरो सर्वे (sero survey in haryana) करवाया जाएगा, ताकि ये पता लगाया जा सके कि आखिर कितने लोगों में एंटीबॉडी (corona antibody) है. इस सर्वे में 6 साल से अधिक के बच्चों को भी शामिल किया जाएगा. इसी सर्वे को लेकर ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने चंडीगढ़ पीजीआई के वरिष्ठ डॉक्टर सोनू गोयल से बात की.
डॉ. सोनू गोयल ने बताया कि सीरो सर्वे लोगों में कोरोना वायरस (coronavirus) के खिलाफ एंटीबॉडी जांचने के लिए किया जा रहा है. इससे ये पता चलेगा कि किस व्यक्ति में कितनी एंटीबॉडी बनी है. इस सर्वे के माध्यम से ये भी पता चल जाएगा कि व्यक्ति के शरीर में जो एंटीबॉडी है, वो किस वजह से बनी है. उन्होंने बताया कि इस टेस्ट से ये भी पता चल जाएगा कि व्यक्ति के शरीर में बनने वाली एंटीबॉडी कोरोना होने की वजह से बनी है या वैक्सीन लगने से बनी है.
बच्चों का सीरो सर्वे क्यों जरूरी?
कई जानकारों का मानना है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए काफी खतरनाक होगी. इसलिए बच्चों को ध्यान में रखते हुए 15 जून से होने वाला सीरो सर्वे काफी जरूरी है. डॉ. सोनू गोयल ने बताया कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों को अभी वैक्सीन लगनी शुरू नहीं हुई है. इसलिए तीसरी लहर का खतरा उन्हें सबसे ज्यादा है. लिहाजा सरकार तीसरी लहर आने से पहले सीरो सर्वे के जरिए ये पता लगाना चाहती है कि 6 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों में एंटी बॉडी विकसित हुई है या नहीं. इस सर्वे के माध्यम से सरकार को ये आंकड़े भी मिल जाएंगे कि प्रदेश के कितने बच्चों पर तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है. उसके हिसाब से सरकार आगे की तैयारी कर सकती है.
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कैसे किया जाता है सीरो सर्वे?
डॉक्टर सोनू गोयल ने कहा कि सीरो सर्वे में एक टेस्ट किया जाता है. इस टेस्ट में व्यक्ति का ब्लड सैंपल लेकर उसे चेक किया जाता है. जिससे ये पता लगाया जाता है कि व्यक्ति के शरीर में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी बनी है या नहीं. अगर बनी है को कितनी बनी है.
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उन्होंने बताया की ये सर्वे सरकार (haryana government sero survey) के लिए काफी सहायक सिद्ध हो सकता है. क्योंकि लोगों का सर्वे करने के बाद सरकार को ये जानकारी मिल पाएगी कि प्रदेश के कितने लोगों में एंटीबॉडी बन चुकी है और वो एंटीबॉडी किस वजह से बनी है. क्या वो एंटीबॉडी वैक्सीन लगने के बाद बनी है या कोरोना की चपेट में आने के बाद.
सीरो सर्वे से सरकार को क्या फायदा होगा?
डॉ. गोयल ने बताया कि इस सर्वे से ये पता चल जाएगा कि कितने लोग कोरोना से लड़ने में सक्षम हैं और कितने लोगों पर कोरोना का ज्यादा खतरा है. क्योंकि तीसरी लहर को लेकर कई तरह की भविष्यवाणियां की जा रही हैं. जैसे कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि तीसरी लहर ज्यादा खतरनाक नहीं होगी, जबकि कुछ का कहना है कि तीसरी लहर दूसरी लहर से भी ज्यादा भयानक हो सकती है. ऐसे में इस सर्वे के जरिए सरकार को कोरोना के खिलाफ तैयारी करने में काफी सहायता मिलेगी.
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