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डेरा मैनेजर रंजीत हत्या केस: पीड़ित परिवार को जज पर भरोसा क्यों नहीं, जानें पूरा मामला

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Published : Aug 25, 2021, 4:45 PM IST

Updated : Aug 25, 2021, 5:29 PM IST

डेरा सच्चा सौदा के पूर्व मैनेजर रंजीत सिंह हत्या मामला (Ranjit Singh murder case) एक बार फिर से सुर्खियों में है. रंजीत के बेटे ने मामले में पंचकूला सीबीआई कोर्ट के जज को कटघरे में खड़ा किया है. जानें पूरा मामला.

Ranjit Singh murder case
Ranjit Singh murder case

सिरसा: डेरा सच्चा सौदा के पूर्व मैनेजर रंजीत सिंह हत्या मामला (Ranjit Singh murder case) एक बार फिर से सुर्खियों में है. मंगलवार को इस मामले में पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab Haryana High Court) में सुनवाई हुई. पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने पंचकूला सीबीआई कोर्ट (Panchkula CBI Court) के फैसले पर 27 अगस्त तक रोक लगा दी है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस भी जारी किया है और एफिडेविट फाइल करने के लिए कहा है.

दरअसल सिरसा डेरे के पूर्व मैनेजर रंजीत सिंह की हत्या (Ranjit Singh murder case) मामले में पंचकूला की सीबीआई कोर्ट (Panchkula CBI Court) में लंबे समय से सुनवाई चल रही है. साध्वी यौन शोषण मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहा राम रहीम इस केस में मुख्य आरोपी है. पंचकूला सीबीआई कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद इस मामले में फैसला 26 अगस्त तक सुरक्षित रख लिया था. मतलब ये की 26 अगस्त को पंचकूला सीबीआई कोर्ट को मामले में फैसला सुनाना था. लेकिन इससे तीन दिन पहले रंजीत सिंह के बेटे ने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

तो इस वजह से रंजीत हत्या केस को ट्रांसफर करवाना चाहते हैं उनके बेटे, जानें पूरा मामला

रंजीत के बेटे का आरोप है कि मामले की सुनवाई कर रहे सीबीआई कोर्ट के जज सुशील गर्ग पर पहले भी किसी दूसरे मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं. दूसरा ये कि सुनवाई के दौरान पंचकूला सीबीआई कोर्ट में कुछ वकील ऐसे आते थे जिनके राम रहीम से अच्छे संबंध है. इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए रंजीत के बेटे जगसीर ने आशंका जताई कि पंचकूला सीबीआई कोर्ट में मामले की सुनवाई प्रभावित हो सकती है.

लिहाजा रंजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर पंचकूला सीबीआई कोर्ट के जज से मामला ट्रांसफर करने की मांग की थी. उन्होंने अपनी मांग में लिखा था कि इस मामले को किसी दूसरे जज के पास भेजा जाए, ताकि हमें इंसाफ मिल सके. मंगलवार को हुई सुनवाई में सीबीआई हाई कोर्ट को संतुष्ट नहीं कर पाई. जिसके बाद हाई कोर्ट ने पंचकूला सीबीआई कोर्ट के सुरक्षित रखे गए फैसले पर रोक लगाने का आदेश जारी किया.

हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई 27 अगस्त तक स्थगित कर दी है. याचिकाकर्ता के वकील आरएस बेंच ने बताया कि इस बारे में अभी तक हाई कोर्ट का लिखित आदेश जारी नहीं हुआ है. याचिकाकर्ता 27 साल के जगसीर सिंह हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के खानपुर कोलियन गांव के रहने वाले हैं. जगसीर के अनुसार उसे आशंका है कि सीबीआई जांच सीबीआई के एक अन्य सरकारी वकील मामले को प्रभावित कर रहा है. ये वकील इस मामले में सीबीआई के वकील नहीं है. वो अन्य मामलों में सीबीआई की पैरवी करते हैं, फिर भी वो इस मामले में अनुचित तरीके से रूचि देते हैं और जज को प्रभावित कर सकते हैं.

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10 जुलाई, 2002 को डेरे की प्रबंध समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र निवासी रंजीत सिंह की हत्या कर दी गई थी. डेरा प्रमुख राम रहीम को शक था कि रंजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी. आरोप है कि इसी शक के आधार पर राम रहीम ने रंजीत की हत्या करवाई. पुलिस जांच से असंतुष्ट रंजीत के पिता ने जनवरी 2003 में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी. 2007 में कोर्ट ने राम रहीम पर आरोप तय किए थे.

Last Updated : Aug 25, 2021, 5:29 PM IST
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